About Stress meaning in Hindi: आजकल लोग प्रायः यह कहते मिलते हैं कि में बड़े टेंशन में हूं। दरअसल दुनिया के प्रत्येक देश के नागरिक बढ़ती तनाव प्रवर्ति से परेशान है। तनाव (Stress) से न केवल श्रम शक्ति का नुकसान होता है बल्कि यह बड़े-बड़े रोगों का कारण भी बन चुका है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पश्चिमी देशों के लोगों की अपेक्षा भारत देश के लोग अधिक तनाव ग्रस्त रहते हैं। यही एक बड़ी वजह है कि भारत में जटिल रोग तेजी से बढ़ रहे हैं।
प्रचीन काल में लोग छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते थे लेकिन आज के युग में छोटी-छोटी बातें ही stress का मुख्य कारण बन गई हैं। तनाव ग्रस्त इंसान को अनेक प्रकार की विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। चूँकि आज का हर वर्ग तनाव से ग्रस्त है इसलिए आज हम आपसे तनाव से सम्बंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं जो यकीनन आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे।
तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं और देखते हैं stress की विस्तृत जानकारी।
तनाव क्या होता है | What is Stress Meaning in Hindi
दोस्तों अब तक आप यह तो जान ही गए होंगे कि stress को ही हिंदी में तनाव कहते हैं। यानी कि stress meaning in hindi है तनाव। अब आपको बता दें तनाव एक ऐसी प्रतिक्रिया है जो विपरीत परिस्थितियों की वजह से उत्पन्न होती है। अतः असामान्य परिस्थितियां मानव को सदैव परेशान करती हैं जिसकी वजह से तनाव (Stress) का जन्म होता है।
इसके आलावा तनाव को मनः स्थिति से उत्पन्न होने वाला विकार माना जाता है। साथ ही कुछ शोधकर्ताओं के मुताबिक तनाव केवल मानसिक या शारीरिक बीमारी का कारण ही नहीं होता है बल्कि कार्यशील बनाये रखने की जीवन शक्ति भी है। अतः तनाव से पूर्ण मुक्ति को मृत्यु के सामान माना गया है लेकिन अधिक तनाव भी मृत्यु का कारण होता है।
तनाव को कैसे पहचाने | How to recognize Stress
दोस्तों अधिकतर लोग सकारात्मक और नकारात्मक तनाव को नहीं पहचान पाते हैं जिसकी वजह से तनाव लोगों के लिए घातक साबित होता है। इसलिए आपको बता दें कि सकारात्मक तनाव व्यक्ति को शक्ति और ऊर्जा प्रदान करता है तो दूसरी ओर नकारात्मक तनाव सक्रिय जीवन और स्वास्थ पर बुरा प्रभाव डालता है। अतः नकारात्मक तनाव में शारीरिक, मानसिक और व्यावहारिक रूप में विभिन्न परिवर्तन होते हैं।
तनाव के लक्षण | Symptoms of Stress in Hindi
तनाव यानी कि stress meaning in hindi समझने के बाद यह जानना भी जरूरी है कि इसके लक्षण क्या क्या हैं। तनाव एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न-भिन्न लक्षण दिखाई देते हैं। दरअसल तनाव के कई लक्षण होते हैं। इसलिए अब हम आपको तनाव के विभिन्न लक्षणों से अवगत करवाते हैं।
1. मानसिक तनाव
अधिकतर लोग मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं जो कि सम्पूर्ण शरीर के लिए बेहद हानिकारक होता है। चूँकि मानसिक तनाव कई प्रकार के होते हैं। इसलिए अलग-अलग व्यक्तियों में मानसिक तनाव के लक्षण अलग-अलग दिखाई देते हैं। मानसिक तनाव के अंतर्गत चिड़चिड़ापन, एकाग्रता की कमी, याददाश्त का कमजोर होना, निर्णय क्षमता की कमी होना, उलझे हुए विचार आदि मानसिक तनाव के लक्षण होते हैं।
2. भावनात्मक तनाव
भावनात्मक तनाव का सम्बन्ध शरीर पर पड़ने वाली प्रतिक्रिया से होता है। हालाँकि भावनात्मक तनाव मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों को सक्रिय करने में महत्पूर्ण भूमिका अदा करता है लेकिन यदि व्यक्ति अधिक तनाव में रहता है तो भावनात्मक तनाव की प्रतिक्रियाएं स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। इस वजह से व्यक्ति को कई प्रकार की मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
भावनात्मक तनाव के अंतर्गत छोटी-छोटी बातों का बुरा लग जाना, अधिक मूड़ी हो जाना, स्वयं को अपराधी मानना, असुरक्षा की भावना बढ़ जाना, घबराहट, आलोचना बर्दाश्त न कर पाना, निराशा भर जाना, स्वाभाव में जिद्दीपन का होना, दूसरों की बातों या अन्य क्रिया कलापों पर शक करना आदि लक्षण भावनात्मक तनाव के अंतरगत आते हैं।
3. व्यावहारिक तनाव
वर्तमान युग में जिंदगी की तेज रफ़्तार और आवश्यकताओं की पूर्ति व सुख सुविधाओं के साधनों को जुटाने के लिए मनुष्य के शरीर और मष्तिष्क पर गलत प्रभाव पड़ता है। इस वजह से अधिकतर लोगों में व्यावहारिक तनाव उत्पन्न होने लगता है। व्यावहारिक तनाव आज के समय में किसी भी व्यक्ति में आसानी से देखा जा सकता है लेकिन इसके लक्षणों को पहचान कर सही समय पर व्यावहारिक तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
व्यावहारिक तनाव के अंतर्गत दांतों से नाखूनों को कुतरना, बाल नोंचना, अधिक धूम्रपान या मधपान का सेवन करना, सामान्य से कम या अधिक भोजन का सेवन करना, एकांत में रहना, उंगलियां चलना, मुंह बनाना, होँठ चबाना, लगातार बोलते रहना, साफ़ सफाई पर ध्यान नहीं देना आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
4. शारीरिक तनाव
शारीरिक तनाव आज के समय की एक बड़ी चुनौती बन गया हैं क्योंकि इस प्रकार के तनाव से बड़े बुर्ज ही पीड़ित नहीं हैं बल्कि बच्चों में भी शारीरिक तनाव अधिक देखने को मिलता है। शारीरिक तनाव की वजह से कुछ शारीरक अंगों पर विशेष प्रभाव दिखने लगता है इसलिए शारीरिक तनाव का इलाज समय पर करना उचित माना जाता है।
आपको बता दें कि शारीरिक तनाव के अंतर्गत मुंह सूखना, हाथ पैर ठन्डे पड़ना, चक्कर आना, सांस लेने में अनियमितता, दिल की धड़कनें बढ़ना, हथेलियों पर पसीना आना, जी घबराना, इधर उधर घूमना, बेचैनी आदि दिखाई देते हैं।
तनाव को उत्पन्न करने वाली प्रतिक्रियाएं | Stress producing reactions
तनाव की स्थिति में चार प्रकार की प्रतिक्रियाएं समान्यतः उत्पन्न होती हैं। यदि आप अभी तक तनाव को उत्पन्न करने वाली प्रतिक्रियाओं से अनजान हैं तो अब हम आपको तनाव उत्पन्न करने वाली प्रतिक्रियाओं से रूबरू कराने वाले हैं।
1. तनाव को उत्पन्न करने वाली साधारण प्रतिक्रिया
साधारण तनाव व्यावहारिक और सामाजिक या फिर पारिवारिक समस्याओं, घटनाओं के घटित होने की वजह से उत्पन्न होता है। अतः इस प्रकार के तनाव की प्रतिक्रिया में बचाव करने के लिए सावधानी बरती जा सकती है।
2. तनाव को उत्पन्न करने वाली न्यूरोटिक प्रतिक्रिया
साधारण प्रतिक्रिया की तुलना में न्यूरोटिक प्रतिक्रिया अधिक हानिकारक होती है। दरअसल न्यूरोटिक प्रतिक्रिया में चिंता सन्ति आदि बढ़ जाती है जिससे कि बचाब संभव नहीं हो पाता है।
3. तनाव को उत्पन्न करने वाली साइकोटिक प्रतिक्रिया
तनाव को उत्पन्न करने वाली साइकोटिक प्रतिक्रिया में मनोविकार की वजह से सावधानी बरतने को या तो गलत ढंग से समझा जाता है या फिर उसकी अनदेखी कर दी जाती है।
4. तनाव को उत्पन्न करने वाली साइकोसोमैटिक प्रतिक्रिया
तनाव को उत्पन्न करने वाली साइकोसोमैटिक प्रतिक्रिया में मस्तिष्क द्वारा बरती गई सावधानी निष्फल हो जाती है एवं जिसका प्रभाव शरीर पर होने से अनेक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
तनाव होने के कारण | Causes of Stress in Hindi
तनाव आज के समय की एक ज्वलंत पीड़ा है। अतः एक समय था जब जीवन की समस्याओं से जूझते हुए या फिर किसी लम्बी समयावधि की शारीरक व्याधि के कारण तनाव उत्पन्न होता था। लेकिन आधुनिक युग में तनाव के एक या दो कारण नहीं अपितु कई कारण होते हैं। इसलिए अब हम आपको तनाव होने के कारणों की जानकारी विस्तार से देने वाले हैं।
1. दूसरों से आगे बढ़ने की चाहत
आजकर लोगों में दूसरों से आगे बढ़ने की चाहत बहुत है। अतः व्यापार, पढ़ाई, रहन-सहन, सामाजिक गतिविधियां को लेकर लोग दूसरों की तुलना करते हुए उनके जैसा बनने या फिर उनसे बेहतर बनने की कोशिश करते हैं। इस वजह से कई लोग तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं। इसके आलावा व्यक्ति धनोपार्जन की दौड़ में दूसरों से सबसे आगे निकलना चाहता है और वह इसी की चाह में तनावग्रस्त हो जाता है।
2. आवश्यकता से अधिक जोर लगाना
साधारण जीवन में किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यकता से अधिक जोर मानसिक तनाव का कारण बनता है। दरअसल किये गए शोधों से ज्ञात हुआ है कि जिस तथ्य या वस्तु को व्यक्ति जोर देकर याद रखना चाहता है अथवा उस वस्तु को भूलने का खतरा बना रहता है इसके आलावा व्यक्ति जिस घटना को भूलने के लिए अधिक जोर लगाता है फिर भी वह घटना याद रहती है।
3. भविष्य की चिंता
कम्प्यूटर युग तक पहुंचते-पहुचंते इंसान की जिंदगी में कई प्रकार के बदलाव हुए हैं। आज मनुष्य को केवल आज की ही चिंता नहीं रहती है बल्कि वह आने वाले भविष्य को लेकर अधिक चिंतित है। इसका विपरीत प्रभाव व्यक्ति की दिनचर्या और जीवनशैली पर पड़ता है जो तनाव को उत्पन्न करने में मददगार होता है।
4. असीमित महत्वाकांक्षाएं
कई लोग जीवन में बहुत कुछ प्राप्त करने के लिए असीमित महत्वाकांक्षाएं अपने दिमाग में रखते हैं या फिर वह हर क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचने की तमन्ना रखते हैं। लेकिन जब प्रयासों के बाद भी उनको सफलता नहीं मिलती है तो वह तनाव का शिकार मन जाते हैं।
5. मानसिक तनाव
छोटी-छोटी बातों को लेकर अत्यधिक चिंता ही मानसिक तनाव का सृजक है। आपको बता दें कि मानसिक तनाव आज के समय की विश्वव्यापी समस्या है।अतः विश्व में अधिकाधिक लोग मानसिक तनाव से ग्रस्त हैं। दरअसल आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में प्रत्येक व्यक्ति मानसिक तनाव से ग्रस्त है। कई बार अत्यधिक मानसिक तनाव अनेक मानसिक रोगों का कारण बन जाता है।
6. शारीरिक तनाव
अत्यधिक कार्य करना अथवा शरीर में चोट लगना या फिर शरीर का कमजोर होना, ठीक से कार्य को सम्पन्न नहीं कर पाना, अत्यधिक परिश्रम करना, शरीर से लाचार व हताश होना, किसी प्रकार का शारीरिक रोग, भय, चिंता आदि शारीरिक तनाव को उत्पन्न करने वाले तत्व माने जाते हैं।
तनाव के अन्य कारण | Some Other causes of Stress in Hindi
जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि तनाव के कई कारण होते हैं। व्यक्ति को किसी भी कारणवश तनाव उत्पन्न हो सकता है जैसे कि पारिवारिक कलह, प्रेमी का वियोग, धन की कमी, लक्ष्य को प्राप्त करना, बेरोजगारी, बीमारी, वातावरण, विवाह न होना, अकेलापन आदि तनाव के कारण होते हैं।
तनाव के दुष्प्रभाव | Side effects of Stress in Hindi
हम से कुछ लोग जाने अनजाने लगातार कई प्रकार के दबावों से घिरे रहते हैं जिसकी वजह से उनको प्रत्येक कार्य चुनौती भरा लगता है एवं वह तनावग्रस्त हो जाता है। जब तनाव अधिक बढ़ जाता है तो इसका दुष्प्रभाव शरीर पर पड़ता है। यदि आप तनाव के दुष्प्रभावों से परिचित नहीं हैं तो अब हम आपको तनाव के दुष्प्रभाव से परिचित कराने वाले हैं।
1. माइग्रेन रोग की उत्पत्ति
तनाव से पीड़ित व्यक्ति अधिक सोचता है जिसका असर व्यक्ति के मष्तिष्क पर पड़ता है जिसकी वजह से मस्तिष्क की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है और व्यक्ति माइग्रेन रोग से पीड़ित हो जाता है।
2. हार्ट अटैक
तनाव से पीड़ित व्यक्ति के हृदय की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं जिसकी वजह से कई बार तनाव हार्ट अटैक का कारण बन जाता है।
3. जीवन में उदासीनता
तनाव की वजह से व्यक्ति का किसी से मिलने या फिर बात करने अथवा किसी कार्य को खुश होकर करने का मन नहीं करता है जिसकी वजह से उसका जीवन उदासीनता वाला हो जाता है।
4. अनिद्रा
तनाव से पीड़ित व्यक्ति के मन में अनेक प्रकार के विचार उत्पन्न होते रहते हैं जसकी वजह से नींद नहीं आती एवं तनाव के कारण व्यक्ति अनिद्रा रोग का शिकार बन जाता है।
5. सिरदर्द
तनाव के कारण मस्तिष्क की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं जिसकी वजह से व्यक्ति को सिरदर्द जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
6. डिप्रेशन
तनाव से पीड़ित जब किसी विषय वस्तु को लेकर अधिक चिंतित या दुःखी होता है तो कई बार वह डिप्रेशन या कोमा में चला जाता है।
तनाव से होने वाले सामान्य रोग | Common diseases caused by Stress
तनाव से कई प्रकार के गंभीर रोग तो कई प्रकार के सामान्य रोग उत्पन्न होते हैं। सामान्य रोगों के अंतर्गत थकान, रक्तचाप का बढ़ना या कम होना, एलर्जी, जुकाम, खांसी, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर मुंहासे होना, भूख का कम होना आदि तनाव से होने वाले सामान्य रोग हैं।
तनाव से बचाव | How to prevent Stress in Hindi
दोस्तों तनाव एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे आप पूर्ण तरीके से छुटकारा नहीं पा सकते हैं। लेकिन कुछ शारीरिक व मानसिक गतिविधियों का सहारा लेकर आप तनाव से शरीर का बचाव जरूर कर सकते हैं।
1. व्यायाम और योगा की मदद से
व्यायाम व योगा मांसपेशियों को सक्रिय बनाकर उनको तनाव से मुक्त करने में मदद करती हैं। इसके अलावा व्यायाम और योगा करने से मन व तन को शांति का अनुभव होता है जिसकी वजह से तनाव कम हो जाता है।
2. सकारात्मक सोच
किसी भी वस्तु या कार्य को लेकर नकारात्मक भावना रखना तनाव का कारण बनती है जो शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को कम करने का कारण बनती है। इसके आलावा सकारात्मक सोच और नजरिया शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ाने में मददगार साबित होता है जिसकी वजह से व्यक्ति तनाव से ग्रस्त नहीं हो पाता है।
3. पार्यप्त नींद लेना
शरीर और मस्तिष्क को पर्याप्त नींद की आवश्यकता होती है लेकिन जब व्यक्ति पूर्ण रूप से नींद नहीं लेता है तो वह तनाव से पीड़ित हो जाता है। इसलिए प्रतिदिन सात से आठ घंटे की नींद लेना बेहद जरुरी होता है।
4. सीमित साधनों की चाह रखना
दोस्तों कई लोगों में असीमित साधनों की चाहत होती है जिसकी वजह से वह तनाव से पीड़ित हो जाते हैं। अतः सीमित साधनों में संतोष रखने से तनाव कम होता है।
5. विचरों को व्यक्त करना
कई लोग अपने विचरों को दूसरे लोगों से व्यक्त नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से उनको तनाव का सामना करना पड़ता है। अतः तनाव को कम करने के लिए अपने दोस्तों या अपने परिवार के सदस्यों से अपने विचारों को साझा करके तनाव को कम किया जा सकता है।
तो दोस्तों ये थी तनाव से जुड़ी कुछ जानकारी। हमें उम्मीद है की अब आप stress meaning in hindi से परिचित हो गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पढ़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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