About Ridge Gourd in Hindi: फल, सब्जियां व अनाजों के मिश्रण से ही हमारा आहार सम्पूर्ण आहार बनता है एवं संतुलित आहार ही मनुष्य को स्वस्थ बनाता है। ऐसे में आज हम आपसे एक ऐसी गुणकारी सब्जी के बारे में बात करने वाले हैं जिसको आयुर्वेद ने भी एक औषधि के रूप में स्वीकार किया है। जी हाँ दोस्तों इस जानी पहचानी सब्जी का नाम है तोरई जिसे अंग्रेजी में Ridge Gourd के नाम से भी जानत जाता है।

हम यह भी बखूबी जानते हैं कि आपने तोरई का कभी न कभी उपयोग तो अवश्य ही किया होगा लेकिन तोरई सेहत के लिए कितनी लाभप्रद है इसके बारे में शायद ही कभी आपने सोचा हो। इसलिए आज हम आपसे तोरई से होने वाले फायदों को साझा करने वाले हैं जिनको जानने के बाद जो लोग तोरई को देखकर मुंह मोड़ लेते हैं वह भी इसका सेवन करने लगेंगे। तो चलिए देर किए बैगर आपको तोरई के फायदे और इससे जुड़ी कुछ महत्पूर्ण जानकारी से रूबरू करवाते हैं।

 

तोरई क्या होती है | What is Ridge Gourd in Hindi

torai in hindi

तोरई एक बेलदार कद्दू वर्गीय सब्जी है जिसका उत्पादन भारत के सभी राज्यों में किया जाता है लेकिन भारत के मुख्य उत्पादक राज्य केरल, उड़ीसा, बंगाल, उत्तर प्रदेश व कर्नाटक हैं। तोरई का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है इसलिए तोरई को आयुर्वेद ने भी बड़ा फलरूपी माना है। इतना ही नहीं आयुर्वेद में तोरई की बेल का उपयोग जड़ी-बूटी के रूप में एवं तेल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है।

यदि तोरई बेल में लगने वाले फूलों की बात करें तो इसके फूल बेहद अकर्षित पीले रंग के होते हैं जो अपने एक निश्चित समय पर खिलते हैं। तोरई का स्वाद दो किस्मों में बटा हुआ है अर्थात जंगल में उगने वाली तोरई का स्वाद कड़वा होता है जबकि मीठी तोरई आसानी से कहीं भी मिल जाती है।

 

तोरई की प्रजातियां | Species Of Turai in Hindi

आम तौर पर तोरई की दो प्रजातियों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसकी केवल दो ही प्रजातियां नहीं होती हैं बल्कि कई प्रजातियां पाई जाती हैं जिनका उपयोग अलग-अलग तरीके से किया जाता है। आपको बता दें कि तोरई की कल्याणपुर चिकनी, पूसा स्नेहा, पूसा सुप्रिया, काशी दिव्या, फुले प्रजतका, पूसा चिकनी आदि प्रजातियां पाई जाती हैं।

 

तोरई में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व | Nutrients of Ridge Gourd in Hindi

हरी सब्जियां सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं क्योंकि हरी सब्जियों में विटामिन्स, मिनरल्स व खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आपको बता दें कि तोरई में भी प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी6, विटामिन के, फोलेट, मैंगनीज, पोटेशियम, कॉपर, फाइबर, कैल्शियम, रिबोफ्लेविन, थायमिन, नियासिन, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, कैलोरी, एंटी इम्फ्लेमेन्ट्री व एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

 

तोरई के विभिन्न नाम | Some Other Names of Turai

दोस्तों भारत में प्रत्येक प्रान्त की अपनी अलग बोली है इसलिए विभिन्न प्रांतों में भाषाई आधार पर तोरई को भिन्न भिन्न स्थानों पर कई नामों से जाना जाता है। यदि आप अभी तक तोरई के अन्य नामों को नहीं जानते हैं तो चलिए आपको इसके विभिन्न नामों से परिचित करवाते हैं।

तोरई का वानस्पतिक नाम – लूफा ऐकटेंगुला

तोरई का हिंदी में नाम – झींग्रा तोरी

तोरई का अंग्रेजी में नाम – रिजड् गुऍर्ड

तोरई का संस्कृत में नाम – कृतवेधना

तोरई का गुजराती में नाम – घिसोडा

तोरई का तमिल में नाम – पेयप्पीचुक्कू

तोरई का तेलगु में नाम – बीराकया

तोरई का मराठी में नाम – शिरोला

 

तोरई के अनोखे फायदे | Benefits of Ridge Gourd in Hindi

ridge gourd in hindi

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित व पौष्टिक खाद्य पदार्थ की आवश्यकता होती है। इसलिए आपको बता दें कि तोरई एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसकी मदद से आप अपने स्वास्थ्य का खयाल रख सकते हैं। यदि आप तोरई से होने वाले सेहत सम्बन्धी लाभ से अनजान हैं तो चलिए अब हम आपको इसके अनोखे फायदे बताते हैं।

 

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में है उपयोगी

स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए व्यक्ति को तन और मन से मजबूत होना आवश्यक होता है और तन अर्थात शरीर तभी निरोगी बन सकता है जब व्यक्ति की रोग प्रतिरोषाक क्षमता बड़ी हुई हो। रोग प्रतिरोधक क्षमता न सिर्फ छोटे-छोटे रोगों को स्वतः ही खत्म करती है बल्कि बड़े से बड़े रोगों से भी शरीर का बचाव करने में मददगार होती है।

यदि आप रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो आप तोरई का उपयोग कर सकते हैं। तोरई में फाइबर, मैग्नीशियम और एन्टीऑक्सडेंट तत्व पाए जाते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होते हैं।

 

2. बड़े हुए वजन और चर्बी को करती है कम

असंतुलित एवं अस्वास्थ्यकर भोजन का परिणाम चर्बी और मोटापा होता है। असंतुलित खान पान के कारण शरीर में अतरिक्त वसा जमा हो जाती है जिसके कारण शरीर के अंगों में चर्बी बढ़ जाती है जिसको कम करना बेहद मुश्किल होता है। मोटापा को बीमारी नहीं माना जा सकता है लेकिन मोटापा की वजह से कई अन्य रोगों का खतरा बढ़ जाता है जैसे कि ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप. मधुमेह, कैंसर आदि।

इन सब के चलते प्रत्येक व्यक्ति के लिए बड़ा हुआ मोटापा और चर्बी एक चिंता का विषय बन जाता है। यदि भी इस समस्या से परेशान हैं तो आप तोरई का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल तोरई में 95 % पानी और फाइबर पाया जाता है जो वजन और चर्बी को कम करने में प्रभावी होता है।

 

3. तोरई आँखों की रोशनी के लिए है फायदेमंद

आजकल नजर की कमजोरी जैसी समस्याएं भी व्यापक रूप धारण करती जा रही है। प्राचीन काल में केवल इस समस्या का सामना बुजुर्ग लोगों को करना पड़ता था लेकिन वर्तमान समय में छोटे बच्चों से लेकर युवा पीड़ी तक इस समस्या से जूझ रही है। दोस्तों आपको बता दें कि नेत्र ज्योति है तो आप इस संसार से भलीभांति परिचित होते हैं वहीं यदि आपकी नेत्र ज्योति नहीं है तो आप इस दुनिया से भलीभांति परिचित नहीं हो सकते हैं इसलिए प्रत्येक मानव को नेत्र ज्योति की रक्षा का हरसंभव उपाय करना चाहिए।

अतः आपको बता दें कि तोरई आँखों की रोशनी को बढ़ाने में व आँखों की रोशनी की रक्षा करने में बेहद फायदेमंद होती हैं। तोरई में बीटा कैरोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी6, एन्टीऑक्सडेंट तत्व पाए जाते हैं जो आँखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद होते हैं।

 

4. पीलिया में तोरई का सेवन होता है लाभप्रद

पीलिया सामान्य सा दिखने वाला एक गंभीर रोग होता है जिसका यदि समय पर इलाज न किया जाए या फिर इलाज के दौरान सही खान पान न किया जाए तो रोगी को घातक परिणामों का सामना करना पड़ता है। दरअसल जब शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है तो शरीर के विभिन्न अंग जैसे कि आँखें, नाखून, शरीर की त्वचा पीली हो जाती है इसलिए इस रोग को पीलिया कहा जाता है। पीलिया रोग का अधिक प्रभाव लीवर पर पड़ता है जिसके कारण लीवर कमजोर हो जाता है इसलिए इस रोग का इलाज सही समय पर करना बेहद जरुरी होता है।

दोस्तों तोरई एक ऐसी सब्जी है जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में पीलिया रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है। तोरई में पीलिया को ठीक करने वाले कई प्रकार के विटामिन्स व खनिज पाए जाते हैं जो पीलिया को नियंत्रित करने में लाभकारी होते हैं। पीलिया रोग को ठीक करने के लिए आप तोरई रस या चूर्ण का उपयोग कर सकते हैं।

 

5. पेट के विकरों को ठीक करने में होती है प्रभावी

अधिकतर बिमारियों की जड़ खराब पेट को माना गया है इसलिए सेहतमंद शरीर के लिए पेट का स्वस्थ होना जरुरी है। पेट में उत्पन्न होने वाले विकार कई प्रकार के रोगों के जन्मदाता होते हैं जैसे कि गैस, अल्सर, पेट में जलन, साँस लेने में बदबू का आना, कब्ज, बबासीर, पेट में कीड़े होना, त्वचा संबंधित समस्याएं आदि।

यदि आप इन सबसे छुटकारा पाना चाहते हैं तो तोरई का इस्तेमाल शुरू करें इसमें फाइबर, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो पेट के विकारों को नष्ट करने में प्रभावी होते हैं।

 

6. गर्भवती महिलाओं के लिए तोरई है अनोखी सब्जी

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार की बेहद आवश्यकता होती है ताकि गर्भ में पल रही रहे शिशु का विकास ठीक से हो सके। बता दें कि गर्भवती महिलयों के लिए तोरई एक लाभकारी औषधि है जिसका सेवन करने की सलाह चिकित्सक भी दते हैं।

दरअसल तोरई में विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, जिंक, कॉपर, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स व फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास में फायदेमंद होता है।

 

7. त्वचा को जवां व खूबसूरत बनाने में करती है मदद

त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ए या इसका पूर्व रूप बीटा कैरोटीन की पर्याप्त मात्रा शरीर में होना जरुरी है क्योंकि यही वो तत्व हैं जो त्वचा को स्वस्थ व सुन्दर बनाते हैं। इसके आलावा विटामिन सी व एंटीऑक्सीडेंट तत्व भी त्वचा को जवां रखने के लिए आवश्यक होते हैं।

यदि आप समय से पहले बुढ़ापा नहीं चाहते हैं तो आप तोरई का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि तोरई में विटामिन ए, बीटा कैरोटीन, विटामिन सी व एंटीऑक्सीडेंट तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो त्वचा को नमी और पोषण प्रदान करके त्वचा जवां व खूबसूरत रखने में मदद करते हैं।

 

8. तोरई दिलाती है झुर्रियों से छुटकारा

व्यक्ति के सौंदर्य के लिए यदि कोई सबसे चिंतित समस्या है तो वह शरीर की त्वचा पर पड़ने वाली झुर्रियां हैं। झुर्रियां नवयौवन को भी बूढा बना देती हैं। दोस्तों झुर्रियों के निशान सर्वप्रथम चेहरे की त्वचा पर आते हैं इसलिए झुर्रियों के निशान दिखाई देने पर सतर्क हो जाना चाहिए। अतः झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आप संतुलित व पौष्टिक भोजन का सहारा ले सकते हैं।

बता दें कि तोरई में प्रोटीन, विटामिन सी, मैंगनीज, विटामिन ए, बीटा कैरोटीन, जैसे कई गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो झुर्रियों से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद होते हैं।

 

तोरई के अन्य फायदे | Some Other Benefits of Ridge Gourd in Hindi

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1. तोरई का उपयोग बवासीर रोग में फायदेमंद होता है।

2. तोरई में विटामिन सी, पानी, राइबोफ्लेविन, जिंक, थियामिन, आयरन , मैग्नीशियम और फाइबर पाया जाता है जो किडनी की पथरी में लाभकारी होता है।

3. तोरई में एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं जो दाद, खाज खुजली आदि त्वचा सबंधी रोगों में फायदेमंद होते हैं।

4. तोरई में फाइबर, मैग्नीशियम, पोटाशियम पाया जाता है जो हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में प्रभावी होता है।

5. तोरई में कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में असरदार तत्व माने जाते हैं।

6. पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में तोरई का उपयोग फायदेमंद माना जाता है।

 

तोरई का उपयोग | Uses of Ridge Gourd in Hindi

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तोरई एक प्रचलित सब्जी है इसलिए अमूनन लोगों को तोरई का उपयोग करना आता होगा लेकिन सिर्फ एक सब्जी के रूप में वे इसे उपयोग करते होंगे। इसके अलावा कुछ लोगों को तोरई पसन्द नहीं होती है परन्तु आज का लेख पढ़ने के बाद शायद कुछ पाठक ऐसे होंगे जो तोरई का उपयोग करना चाहें। तो चलिए अब हम आपको बताते हैं की आप तोरई का इस्तेमाल कौन-कौनसे तरीके से कर सकते हैं।

1. तोरई का उपयोग भरता के रूप में किया जा सकता है।

2. जूस बनाने के लिए तोरई का इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. पानी वाली अथवा सूखी तोरई की सब्जी बनाकर इसका उपयोग कर सकते हैं।

4. पकौड़े बनाकर तोरई का इस्तेमाल कर सकते हैं।

5. सांभर में तोरई का उपयोग किया जाता है।

6. अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर आप तोरई का उपयोग कर सकते हैं।

7. तोरई का इस्तेमाल सलाद के रूप में भी किया जा सकता है।

 

तोरई से होने वाले नुकसान | Side Effects of Ridge Gourd in Hindi

दोस्तों तोरई के फायदों की तुलना में इससे होने वाले नुकसान बेहद कम हैं। लेकिन इसके फायदों को जानने के पश्चात तोरई से होने वाले शारीरिक नुकसानों को जानना भी बेहद जरुरी है ताकि हम इसका सही प्रकार से लाभ उठा सकें व इससे होने वाले नुकसानों से सतर्क रहें। तो आइये जानते हैं तोरई से होने वाले नुकसान कौन कौनसे हैं।

1. तोरई की तासीर ठंडी होती है इसलिए शीत रोग से पीड़ित लोगों के लिए तोरई का अधिक मात्रा में सेवन करना नुकसानदायक साबित हो सकता है।

2. तोरई का असंतुलित मात्रा में सेवन करने से डायरिया हो सकता है।

3. तोरई का गलत तरीके से सेवन करने से उल्टी हो सकती है।

4. कुछ लोगों को तोरई के सेवन से एलर्जी हो सकती है।

 

तो दोस्तों ये थी तोरई से जुड़ी कुछ जानकारी। हम आशा करते हैं की आप तोरई (ridge gourd in hindi) के फायदे और नुकसान समझ गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पढ़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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