DBMS का Full Form | DBMS Full Form
DBMS का फुल फॉर्म Database Management system होता है। DBMS में मुख्या रूप से तीन शब्द हैं। Database, Management और System चलिए हम आपको इन तीन शब्दों के अर्थ समझाते हैं।
Database : डाटा को अत्यधिक मात्रा में स्टोर करना।
Management : डाटा को हैंडल करने से सम्बंधित गतिविधियां।
System : एक विशेष प्रोग्रामर या सॉफ्टवेयर।
DBMS किसे कहते हैं | What is DBMS in Hindi
DBMS मुख्या रूप से programmes का एक set (समुच्चय) होता है जो Database files को नियंत्रित करता है। Database डाटा को store और organize करने का सबसे सुविधाजनक तरीका है। यहाँ डाटा को इस प्रकार व्यवस्थित करके रखा जाता है की उन्हें किसी भी application (अनुप्रयोग) के द्वारा, किसी भी फॉर्मेट में, किसी भी मात्रा में प्राप्त किया जा सकता है। DBMS प्रणाली डेटाबेस में रिकॉर्ड जोड़ने, हटाने, उनको प्रोसेस करने, उन्हें पुनः प्राप्त करने अवं अन्य रख-रखाव सम्बन्धी कार्य करने के लिए उत्तरदायी होता है। DBMS पर डाटा की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी होती है जो की डेटाबेस environment के लिए बहुत जरूरी है।
DBMS की परिभाषा | Definition Of DBMS in hindi
दोस्तों अभी हमने विस्तार में देखा की DBMS किसे कहते हैं (What is DBMS in hindi) परन्तु अगर आपको संक्षिप्त रूप में DBMS किसी को बताना पड़ जाए या यूँ कहें की DBMS की परिभाषा बताना हो तो आप किस तरह बताएंगे, चलिए देखते हैं।
Definition Of DBMS (DBMS की परिभाषा): ऐसा जटिल सॉफ्टवेयर जो विभिन्न मैनेजमेंट ऑपरेशन्स जैसे कि क्रिएशन, डेटाबेस में डाटा को जोड़ना, मॉडिफिकेशन, हटाना तथा प्राप्त करना करता है DBMS (Database Management System) कहलाता है।
DBMS कैसे कार्य करता है | Functions Of DBMS in hindi
एक DBMS मुख्या रूप से निम्निलिखित कार्य संपन्न करता है।
1. यदि कोई प्रोग्राम execute हो रहा है तथा प्रोग्राम को डेटाबेस में कुछ डाटा की आवश्यकता है तो वह इसके लिए एक निर्देश DBMS को देता है।
2. DBMS यह सुनिश्चित करता है की जो डाटा माँगा गया है वह पहले से परिभाषित है या नहीं तथा यूजर को उसके इस्तेमाल की अनुमति है या नहीं।
3. DBMS ऑपरेटिंग सिस्टम में उस डाटा डाटा को डेटाबेस से लेने की प्राथना करता है।
4. DBMS ऑपरेटिंग सिस्टम से प्राप्त डाटा को प्रोग्राम तक पहुंचाता है।
DBMS के मुख्या प्रकार | Types of DBMS in hindi
DBMS (Database Management System) को चार प्रकार में विभाजित किया गया है।
1. Relational Database
यह मॉडल तो dimentional टेबल का उपयोग डाटा को रिप्रेजेंट करने में करता है। रिलेशनशिप को टेबल के माध्यम से ही रिप्रेजेंट किया जाता है। रिलेशनशिप मॉडल अन्य मॉडलों से पॉइंटर व लिंक से भिन्न होता है। रिलेशन में टेबलों की वैल्यू द्वारा रिलेशनशिप को दर्शाया जाता है।
2. Object oriented Database
Object oriented database वह डेटाबेस है जो डाटा को ऑब्जेक्ट और क्लासेज के रूप में रिप्रेजेंट करता है। ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डेटाबेस मूल रूप से Object oriented programming (OOP) के प्रिंसिपल को फॉलो करता है। रिलेशनल डेटाबेस मॉडल और ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डेटाबेस के कॉम्बिनेशन से ही Object oriented database मॉडल बनता है।
3. Network Database
इसमें डाटा ग्राफ स्ट्रक्चर में होता है जिसमे चाइल्ड नोड के लिए एक से अधिक पैरेंट होते हैं। डाटा को रिकॉर्ड द्वारा व रिलेशनशिप को लिंक या पॉइंटर द्वारा रिप्रेजेंट किया जाता है।
4. Hierarchical Database
इस मॉडल में रिकॉर्ड को एक ट्री स्ट्रक्चर में organize किया जाता है। डाटा का representation रिकॉर्ड द्वारा तथा रिलेशनशिप को लिंक अर्थात पॉइंटर द्वारा represent किया जाता है।
DBMS के अवयव | Components of DBMS in hindi :
DBMS स्ट्रक्चर के निम्न components हैं।
1. DML प्री-कम्पाइलर
2. DDL कम्पाइलर
3. Query प्रोसेसर
4. डेटाबेस मैनेजर
5. फाइल मैनेजर
यह भी जानिए: Cloud computing किसे कहते हैं
DBMS के लाभ | Advantages Of DBMS
1. डाटा प्राप्त करने में आसानी (Ease of data access)
DBMS में डाटा एक ही स्थान पर स्टोर किया जाता है। इसलिए डेटाबेस के सभी users उसे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। यह एक्सेस एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा यूजर के विभिन्न एक्सेस levels के अनुसार दी जाती है।
2. डाटा की स्वंत्रता (Independence of data)
DBMS में डाटा एक ही स्थान पर स्टोर किया जाता है। इसलिए डेटाबेस के सभी users उसे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। यह एक्सेस एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा यूजर के विभिन्न एक्सेस levels के अनुसार दी जाती है।
3. डाटा कंसिस्टेंसी (Data consistency)
डाटा कई लोगों द्वारा शेयर किया जाता है इसलिए यह अपनी consistency खो सकता है। परन्तु DBMS में जब एक व्यक्ति डाटा को अपडेट कर रहा हो तब दूसरे व्यक्ति को डाटा एक्सेस प्रदान नहीं की जाती। इससे डाटा की consistency बनी रहती है और DBMS हमेशा अपने यूजर को सही डाटा प्रदान करता है।
4. रिकवरी में आसानी (Ease of recovery)
जब सिस्टम फैल या क्रैश हो जाता है तो DBMS की तकनीकों के माध्यम से डेटाबेस में स्टोर किये गए डाटा को रिकवर किया जा सकता है। इन तकनीकों से एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा रिकवरी का कार्य काफी आसान हो जाता है।
DBMS के नुक्सान | Disadvantages Of DBMS
1. कार्यान्वयन लागत (Implementation cost)
सॉफ्टवेयर बनाने व खरीदने की कॉस्ट पुराने फाइल सिस्टम की तुलना में काफी ज्यादा होती है। समय समय पर हार्डवेयर भी अपडेट करते रहना चाहिए जो की काफी खर्चीला कार्य है।
2. बैकअप की आवश्यकता (Backup requirement)
डाटा का डुप्लीकेशन कम करने के लिए enterprise का पूरा डाटा centralized रूप से एक ही जगह पर रखा जाता है। ऐसे में सिस्टम के फैल होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसका बैकअप रखना आवश्यक है।
3. सिस्टम का डाउन समय या फैल होना (Downtime or failure)
Organization में डाटा को एक सेंटर पर रखा जाता है इसलिए सिस्टम के डाउन या फैल होने पर organization को काफी नुक्सान हो सकता है।
तो ये थी दोस्तों DBMS से जुडी कुछ महत्पूर्ण जानकारी हम आशा करते हैं की आपको DBMS क्या है (What is DBMS in hindi) समझ आ गया होगा दोस्तों आपको ये जानकारी कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसे ही खबरें पड़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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Nice 👌
Good read
Gjb sir