About flood in hindi : प्रकर्ति ऐसी चीज है जिसे पूरी तरह समझ पाना बेहद मुश्किल है। जहाँ एक तरफ प्रकर्ति ने मनष्य को जीने के लिए सब कुछ दिया है वहीं दूसरी तरफ प्रकर्ति का प्रकोप भी ऐसा है की अगर वो चाहे तो मनुष्य से सब कुछ छीन सकती है। प्रकर्ति का ये प्रकोप ही प्राकर्तिक आपदा (Natural Disaster) कहलाता है।
यूं तो धरती पर कई प्राकर्तिक आपदाएं आती रहती हैं इन्ही में से एक है बाढ़ (Flood)। बाढ़ वह आपदा है जो कभी भी कहीं भी आ सकती है। यह अगर अनर्थकारी रूप ले ले तो पृथ्वी पर प्रलय भी ला सकती है। अब ऐसे में सवाल ये उठता है की बाढ़ है क्या, ये कैसे आती है और इससे कैसे बचा जाए। अगर आप भी यही सब जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख (Information about flood in hindi) को ध्यान से पढ़िए क्युकी हमने आपकी जानकारी के लिए इस लेख में बाढ़ के बारे में विस्तार से बताया है जिसे आप चाहे तो निबंध (essay on flood in hindi) के रूप में भी लिख सकते हैं
बाढ़ क्या है | What is flood in hindi
धरती के बड़े भूभाग में किसी कारण से हुए जलभराव जिससे जनता को जान-माल व जनधन की अपार क्षति हुई हो बाढ़ (Flood) कहलाती है। जलाशयों में पानी की वृद्धि होने, भारी वर्षा के कारण नदी के अपने किनारों को लांघने, बड़े बर्फ व ग्लेशियरों के पिघलने अथवा तेज हवाओं और चक्रवातों के कारण बांधों के फटने से विशाल क्षेत्र में अस्थायी रूप से पानी भर जाने से बाढ़ आती है।
ज्यादातर बाढ़ आने से पहले मौसम कुछ इस प्रकार संकेत देता है जिससे आभास हो जाता है की बाढ़ आ सकती है। ऐसे में मौसम विभाग द्वारा चेतावनी जारी की जाती है और रहवासियों के पास 2 से 3 दिन का समय होता है, जिससे वे सचेत हो जाये या उस जगह को खली कर दें। कभी कभी बाढ़ समुद्र में चक्रवात के आने पर ऊँची लहरें उठने से बिना किसी चेतावनी या मामूली संकेत होने पर अचानक भी आ जाती है। इस प्रकार की बाढ़ को अंग्रेजी में flash flood कहते हैं। flash flood बाढ़ का अत्यंत विनाशकारी रूप होता है। यह बाढ़ कई फीट लम्बी होती है और यह अपने रास्ते में आने वाली हर एक चीज को मिटा देती है।
flash flood ज्यादातर सूनामी (Sunami) के वजह से आती है। इसलिए काफी लोग सुनामी को भी बाढ़ का ही एक प्रकार मानते हैं। दरअसल सूनामी समुद्री तूफान या समुद्री लहरें होती हैं जो कई फीट लम्बी और कई किलोमीटर तक चौड़ी होती हैं। सूनामी अक्सर समुद्र में भूकंप की वजह से आती है। सूनामी में लहरों की गति 420 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा होती है। इतनी ज्यादा गति होने के कारण सूनामी की ये लहरें जब तट से टकराती हैं तो क्षेत्र में अत्यंत विनाशकारी बाढ़ आ जाती है। इसके आने पर मनुष्य को भागने का भी समय नहीं मिलता। सूनामी मुख्या रूप से प्रशांत महासागर में आती है। इंडोनेशिया, जापान और कई देश सूनामी की चपेट में आ चुके हैं।
बाढ़ के कारण | Causes of flood in hindi
बाढ़ (Flood) एक प्राकर्तिक आपदा है। वैसे तो ये प्रकर्ति के असंतुलित होने पर कभी भी आ सकती है। परन्तु बाढ़ आने के पीछे मनुष्य का भी बड़ा हाथ बताया गया है। मनुष्य आज प्रकर्ति के साथ इतना खिलवाड़ कर रहा है जिससे आपदाओं के आने की संभावना बहुत बढ़ गयी है। बाढ़ की स्थिति निर्मित होने के सामान्य कारक यहाँ दिए गए हैं।
1. सामान्य से अधिक वर्षा होना बाढ़ आने के सबसे बड़े कारणों में से एक है। लगातार कई दिनों तक मूसलधार बारिश होने से नदियां उफान पर आ जाती हैं व अन्य जगहों पर भी जलभराव होने लगता है जिससे बाढ़ की स्थिति बन जाती है।
2.सड़क और निर्माण कार्यों से पानी निकास का व्यवधान न करना भी बाढ़ की स्थिति का कारण है।
3. अचानक बाँध के टूट जाने से, किसी समुद्र पर बने तट के टूट जाने से या बराज से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ आती है।
4. तापमान में अधिकता के कारण बड़े बड़े ग्लेशियरों के पिघलने से पहाड़ के नीचे बसे क्षेत्रों में अक्सर बाढ़ आ जाती है।
5. समुद्र में अचानक भूकंप आने की वजह से कई बार समुद्र की लहरें बहुत ऊँची हो जाती हैं ऐसी स्थिति में बाढ़ का आना निश्चित होता है।
6. नदियों में निर्मित बांधों में तलछट भरने से बाढ़ आ जाती है।
7. परवर्तीय क्षेत्रों में भूस्खलन द्वारा नदी का मार्ग अवरुद्ध होने से जलाशय बन जाते हैं और फिर उनके अचानक टूटने से प्रलयकारी बाड़े आती हैं।
8.समुद्र में किसी विशाल तूफ़ान या चक्रवात का आना बाढ़ आने का एक कारण हैं।
9.बदल फटना भी बाढ़ आने का संकेत होता है किसी क्षेत्र के ऊपर बादल के फट जाने से कुछ ही देर में वहाँ इतना गिरता है की बाढ़ आने की स्थिति हो जाती है।
10. नदियों में गाद की दर बढ़ना भी बाढ़ आने के कारणों में से एक है।
बाढ़ के प्रभाव | Effects of flood in hindi
बाढ़ वह प्राकर्तिक आपदा है जो एक बार आ जाये तो मनुष्य व अन्य प्राणियों के जन जीवन को कई तरह से प्रभावित करती है। बाढ़ चली जाने के बाद भी इसका प्रभाव कई दिनों तक रहता है बाढ़ के कुछ मुख्या प्रभाव नीचे बताये गए हैं।
-
मृत्यु तथा जनस्वास्थ
बाढ़ में डूबने से कई लोगों व अन्य जीव जंतु की मृत्य हो जाती है। बाढ़ आने से जान माल को बेहद खतरा रहता है। बाढ़ के आने पर कई भयंकर बीमारियां जैसे की मलेरिया, अतिसार, महामारी और विषाणु संक्रमण जैसे रोगों का फैलना आम बात है।
-
भौतिक हानि
तेज गति से बहने वाले पानी के कारण भवन, बिजली के खम्बे, पेड़ पौधे आदि सभी चीजों नष्ट हो जाती है। कमजोर नीव के ऊपर बने भवन बाढ़ के कारण ढेह जाते हैं। तेज गति से बहने के कारण पानी भूस्खलन की स्थिति भी पैदा कर देता है। बाढ़ आने पर सारा नगर तहस नहस हो जाता है।
-
जल आपूर्ति में व्यवधान
बाढ़ आने पर बाढ़ का गन्दा पानी पीने के सभी जल संसाधनों से मिल जाता है जिससे की कुआ, नलकूप एवं भूजल का पानी प्रदूषित हो जाता है। पानी के प्रदूषित होने से स्वच्छ पेय जल का संकट उत्पन्न हो जाता है।
-
फसलें एवं खाध आपूर्ति
बाढ़ के समय पानी के तेज भाव के आने से फसल नष्ट हो जाती है। पानी में भीग जाने के कारण भण्डार में रखे खाद पदार्थ भी खराब हो जाते हैं। इससे खाद आपूर्ति की स्थिति पैदा हो जाती है।
-
मिट्टी की संरचना में परिवर्तन
बाढ़ आने से मिट्टी भी प्रभावित होती है। समुद्री जल के कारण भूमि लवणीय हो जाने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। जगह जगह पर समुद्र की बालू रेत देखने को मिलती है। अत्यधिक खारे पानी से जमीन की उपजाऊ मिटटी भी अनुपजाऊ होने लगती है। जमीन की ठोस मिटटी बाढ़ आने से पथरीली एवं चिकनी हो जाती है।
भारत में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र | Flood affected areas in India
भारत की विशालता और भौतिक विभिन्नता के कारण यहाँ बाढ़ एक सामान्य आपदा है। देश में वर्षा का 80% से अधिक भाग मानसून द्वारा प्राप्त होता है। मॉनसूनी वर्ष की कमी या अधिकता क्रमश सूखे या बाढ़ को जन्म देती है। भारत की कई नदियां जैसे की गोदावरी, यमुना, गंगा, ब्रम्हपुत्र, सतलज आदि बारिश के दिनों में अधिक भर जाने से बाढ़ की स्थिति पैदा कर देती हैं।
भारत के विशाल मैदान और तटीय क्षेत्र बाढ़ के दुष्प्रभव भोगते हैं। भारत के कई राज्यों में साल दर साल विशाल बाड़ें आयी हैं। जिससे ना सिर्फ जान जीवन प्रभावित हुआ है बल्कि भारी मात्रा में लोगों की मौत भी हुई है। भारत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की बात की जाए तो इनमे कई प्रदेशों के नाम सामने आते हैं जो की इस प्रकार हैं :
- दक्षिण भारत में केरल, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हैं। महासागर की सीमाओं को छूते ये प्रदेश अक्सर सागर में ऊँची लहरें आने के कारण बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
- मध्य भारत की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हैं। यहाँ ज्यादा बारिश होने के कारण व नदियों में उफान आने के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है।
- पूर्वीय भारत में बंगाल की खाड़ी से लगे प्रदेश जैसे की ओड़िशा, असम और पश्चिम बंगाल कई बार समुद्र में तूफ़ान आने की वजह से बाढ़ ग्रस्त हुए हैं।
- पश्चिम भारत में गुजरात, महाराष्ट्र और दमन और दीव अरब सागर के पास होने कारण बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं।
- उत्तर भारत की बात की जाये तो हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश अधिक वर्षा व बादल फटने से बाढ़ प्रभावित हुए हैं।
यह भी जानिए: भूकंप क्या है व इससे जुड़ी समस्त जानकारी
बाढ़ से होने वाली क्षति | Damages from flood in hindi
पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ करने के कारण बाढ़ आपदा का संकट निरंतर बढ़ता जा रहा है व ये अत्यधिक विनाशकारी होती जा रही है। अगर किसी क्षेत्र में बाढ़ आती है तो वहां जान माल को भारी क्षति पहुँचती है। बाढ़ से निम्न जन हानियाँ हो सकती हैं :
- मनुष्य एवं जीव जन्तु की मृत्यु
- जनस्वास्थ पर प्रभाव
- भौतिक क्षति
- परिवहन नेटवर्क में बाधा
- बिजली और संचार सेवा में रूकावट
बाढ़ के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय | Information about flood in hindi
बाढ़ क्षेत्रों में बाढ़ के जोखिम को कम करने की दिशा में निम्नलिखित प्रयास किये जा सकते हैं :
- बाढ़ संभावित क्षेत्र में किसी बड़े विकास कार्य की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
- नदियों के किनारों की भूमि पर मानवीय बस्तियों के अतिक्रमण पर रोक लगाई जानी चाहिए।
- बाढ़ क्षेत्रों में भवनों का निर्माण मजबूत होना चाहिए।
- मैदानी क्षेत्रों में अनुपयुक्त भूमि में जल संग्रहण किया जा सकता है।
- तटबंधों के बीच फंसे हुए गाँव की सुरक्षा के लिए पूर्व अथवा आंशिक पुनर्वास किया जाए।
- परवर्तीय क्षेत्रों में सड़क निर्माण के समय विस्फोटकों का सीमित उपयोग कर भूस्खलन पर नियंत्रण किया जाना चाहिए।
- नदियों के ऊपरी क्षेत्रों में अनेक जलाशय बनाये जा सकते हैं।
- कछार तथा तटीय क्षेत्रों में भूमि उपयोग पर नियंत्रण से जान और माल का खतरा कम किया जा सकता है।
- सहायक नदियों व धाराओं पर अनेक छोटे-छोटे बाँध बनाये जाएँ जिससे मुख्या नदी में बाढ़ के खतरे को कम किया जा सके।
- नदियों के ऊपरी जल संग्रहण क्षेत्रों में वृक्षारोपण किया जाना चाहिए।
- तटबंधों की सुरक्षा की और ध्यान दिया जाना चाहिए।
- नदियों के जल ग्रहण क्षेत्रों में वन विनाश पर नियंत्रण किया जाना चाहिए।
बाढ़ से कैसे बचें | Prevention from flood in hindi
बाढ़ आने से पूर्व केंद्रीय जल आयोग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग या जल संसाधन विभाग बाढ़ की चेतावनी जारी करता है। केंद्रीय जल आयोग का बाढ़ सम्बन्धी पूर्वानुमान अंतराजीय बाढ़ संभावित नदियों पर स्थित 130 पूर्वानुमान केंद्रों पर आधारित होता है। बाढ़ से बचने के लिए सबसे बेहतर विकल्प है की चेतावनी मिलने पर आप उस क्षेत्र को खाली कर दें। बाढ़ से बचने के कुछ अन्य विकल्प नीचे दिए गए हैं।
1. बाढ़ आने पर तैरने का प्रयास ना करें। पानी का बहाव आपको डूबा सकता है। बेहतर है की जब तक पानी का भाव कम नहीं हो जाता तब तक आप जिस स्थान पर हों उसी स्थान पर रहें।
2. तेज बाढ़ आने पर गाड़ी से भागने का प्रयास ना करें। याद रखें तीव्र गति से आता हुआ बाढ़ का पानी आपको गाड़ी समेत बहा के ले जा सकता है।
3. बाढ़ के समाय बिजली व गैस के कनेक्शन को हाथ ना लगाए। बल्कि इसे बंद कर दें।
4. बाढ़ आने पर किसी ऊँचे स्थान जैसे की अपने नगर की किसी पहाड़ी या किसी टीले पर चले जाएँ। अगर आप अपने घर में फंस गए हों तो अपने घर की छत पर चले जाए।
5. घर में बाढ़ का पानी ना रुके इसलिए घर की ड्रेनेज पाइप व सभी मोरियों में से जाली को हटा दें।
6. अगर आप घर में फंस गए हैं तो तुरंत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National disaster management authority) की हेल्पलाइन पर फोन करके मदद मांगे। आप राज्य सरकार या आर्मी की हेल्पलाइन नंबर पर भी फोन करके मदद मांग सकते हैं।
7. घर की छत पर एक झंडे से या किसी डंडे में कपडा बाँध कर संकेत करें ताकि प्रशाशन द्वारा आपको हेलीकाप्टर से कोई मदद मिल सके।
8. बाढ़ आने पर बाढ़ के पानी से दूर रहे व अपने आस पास सफाई बना के रखें। बाढ़ के पानी में मौजूद बैक्टीरिया कई गंभीर बीमारियां फैला सकते हैं।
तो दोस्तों ये थी बाढ़ से जुडी कुछ जानकारी व निबंध (essay on flood in hindi), हम आशा करते हैं कि आपको बाढ़ क्या है व इससे जुड़ी जानकारी (Information about flood in hindi) समझ आ गयी होगी। आपको ये जानकारी कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
हमसे जुड़े रहने के लिए पास में दिए घंटी के बटन को दबा कर ऊपर आये नोटिफिकेशन पर Allow का बटन दबा दें जिससे की आप अन्य खबरों का लुफ्त भी उठा पाएं।
Thank you so much 🙏🙏🙏
Can u please provide copy and paste for this matter
Thank you it is very usefull
thanks
Wow
Thanks for this information ☺️☺️
Thank you This is useful information for us
Thanks a lot🙏🙏
Think you