About Computer in Hindi: वर्तमान युग कंप्यूटर का युग है। कंप्यूटर आज हमारे जीवन के कई क्षेत्रों में प्रवेश कर चुका है या करने की तैयारी में हैं। हमारे रोज मर्रा के कामों में अब computer की उपयोगिता दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
बिजली के बिल से लेकर बस-ट्रेनों के टिकिट तक सब कुछ कंप्यूटर के माध्यम से हो रहा है। सरकारी दफ्तर हो या प्राइवेट ऑफिस सभी में अधिकतर काम कंप्यूटर की सहायता से ही किया जाने लगा है। कंप्यूटर के उपयोग से और भी नई टेक्नोलॉजी को ना सिर्फ खोजने में मदद मिली है बल्कि उन्हें नई ऊंचाइयों पर भी ले जाया जा चुका है।
ऐसे में अगर आप अब तक कंप्यूटर के बारे में ही पूर्ण रूप से नहीं जान पाए हैं तो निराश होने की आवश्यकता नहीं है क्युकी आज हम आपको कंप्यूटर से जुड़ी जानकारी को बड़े ही संक्षिप्त में बताएँगे। इसके बाद आपके मन में इस विषय से जुड़े कोई भी सवाल नहीं रह पाएंगे तो चलिए जानते हैं कंप्यूटर से जुड़ी तमाम जानकारी।
कंप्यूटर किसे कहते है | What is Computer in Hindi
कंप्यूटर word अंग्रेजी शब्द Compute से मिल कर बना है इसका मतलब होता है गरणाएँ (Calculation) करना। इसे कुछ लोग calculating device के नाम से भी जानते हैं। सर्वप्रथम जब कंप्यूटर की उत्पत्ति की गई थी तब यह सिर्फ गरणाएँ और कुछ निर्धारित काम ही कर सकता था। उस समय हम कंप्यूटर को प्रोग्राम के रूप में निर्देश प्रदान करते थे, कंप्यूटर इन निर्देशों को आवश्यकता अनुसार गरणाएँ करता था और अपेक्षित परिणाम प्रदान करता था।
आज के समय की बात करें तो कंप्यूटर बहुत से काम (जैसे की भारी मात्रा में डाटा संग्रहीत करना, दूर बैठे व्यक्ति से email द्वारा बात करना, इंटरनेट द्वारा किसी भी वास्तु की जानकारी जुटाना आदि) बड़ी आसानी से कर सकता है। आज कंप्यूटर एक तीव्र शत प्रतिशत और सही परिणाम देने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो की संग्रह किये गए प्रोग्राम के आधार पर डाटा को ग्रहण करके परिणाम को आउटपुट इकाई में भेजता है।
कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है | Full Form of Computer in Hindi
जैसा की अभी ऊपर बताया कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति कंप्यूट शब्द से हुई है, तो ऐसे में बता दें की कंप्यूटर को बनाते समय इसको वास्तविक कोई भी फुल फॉर्म नहीं दिया गया था। परन्तु कंप्यूटर के बन जाने के बाद कुछ लोगों ने इस शब्द को कुछ इस तरह विस्तृत (Expand) किया है –
- C = Common
- O = Operating
- M = Machine
- P = Particularly
- U = Used For
- T = Technology
- E = Education &
- R = Research
कंप्यूटर की परिभाषा | Computer Definition in Hindi
कंप्यूटर के बारे में इतना कुछ जानने के बाद मन में ये सवाल उठता है की अगर अब कंप्यूटर किसी को परिभाषित करना हो तो इसे किस तरह करेंगे। तो बता दें की व्यावहारिक रूप से कंप्यूटर को आप इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं।
कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो अपनी मेमोरी में मौजूद निर्देशों के आधार पर काम करता है। यह डाटा इनपुट को ग्रहण कर उसे तय नियमों के अनुसार प्रोसेस कर परिणाम निकालता है और साथ ही भविष्य में इस्तेमाल हेतु उसे स्टोर भी करता है।
दूसरे और अधिक सरल शब्दों में परिभाषित करें तो कंप्यूटर के ऐसा इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र है जो अंकगणितीय और तार्किक क्रिया कलापों को संपन्न करता है इसका प्रयोग निर्देशों की एक सूची के अनुरूप डाटा को व्यवस्थित करने में होता है।
कंप्यूटर की पीढियां | Generation of Computer in Hindi
कम्प्यूटरों के विकास को समझने के लिए इन्हे पांच पीडियों (five generation) में बांटा गया है। इससे हमें कम्प्यूटरों की तकनीक में हुई प्रगति की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है। प्रत्येक कंप्यूटर के मूलभूत सिद्धांत व उनके किसी भाग के नवीन रूप में विकसित होने पर एक नयी पीड़ी की शुरुआत होती है। कम्प्यूटर्स की पीडियों को उनके काल (Period) तथा प्रयुक्त तकनीक को नीचे बताया गया है।
1. प्रथम पीढ़ी (First Generation)
सन 1946 से सन 1956 तक विकसित हुए कम्प्यूटर्स को First generation के रूप में जाना जाता है। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर का डेवलपमेंट vaccum tube की तकनीक से हुआ था। पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के कुछ उद्धरण हैं IBM-650, IBM-701, UNIVAC, ENIAC, EDVAC आदि।
2. द्वितीय पीढ़ी (Second Generation)
सन 1956 से सन 1964 तक विकसित हुए कम्प्यूटर्स को Second generation के रूप में जाना जाता है। द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर का डेवलपमेंट vaccum tube के स्थान पर tranisitor की तकनीक से हुआ था। दूसरी पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर के उदहारण दिए जाएँ तो इसमें IBM 7094, Honeywell 400, UNIVAC 1108, CDC 1604, CDC 3600 जैसे कंप्यूटर शामिल हैं।
3. तृतीय पीढ़ी (Third Generation)
सन 1964 से सन 1971 तक विकसित हुए कम्प्यूटर्स को Third generation के रूप में जाना जाता है। तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का डेवलपमेंट IC integrated circuit की तकनीक से हुआ था। तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के कुछ उद्धरण हैं IBM 360, IBM 370, PDP-8, PDP-11, ICL 2900 आदि।
4. चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation)
सन 1971 से सन 1985 तक विकसित हुए कम्प्यूटर्स को Fourth generation के रूप में जाना जाता है। चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर का डेवलपमेंट VLSI (Very large scale integration) की तकनीक से हुआ था। चौथी पीढ़ी में IBM 4341, PUP 11, DEC 10, STAR 1000 आदि कंप्यूटर बनाये गए थे।
5. पंचम पीढ़ी (Fifth Generation)
सन 1985 से अब तक विकास हो रहे कम्प्यूटर्स को Fifth generation के रूप में जाना जा रहा है। पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का डेवलपमेंट ULSIC (Ultra large scale integration circuit) और Artificial intelligence की तकनीक से हो रहा है। पांचवी पीढ़ी में Desktop, Laptop, UltraBook, NoteBook और Chromebook जैसे कंप्यूटर के मॉडल बाजारों में उपलब्ध हैं।
तो दोस्तों ये थे कंप्यूटर की जनरेशन से जुड़ी कुछ जानकारी। कंप्यूटर की सभी जनरेशन के बारे में विस्तारपूर्वक जानने के लिए आप हमारी पोस्ट Details of Generation of Computer पर जा कर पढ़ सकते हैं।
कंप्यूटर के प्रकार | Types of Computer in Hindi
पहले के कंप्यूटर एक बड़े कमरे के आकर के होते थे जो आज कल के घरों और ऑफिसों में इस्तेमाल होने वाले सैकड़ों कम्प्यूटरों के बराबर ऊर्जा का उपयोग करते थे। अब कम्प्यूटरों को इतना छोटा बना दिया गया है की एक छोटा बच्चा भी इसे उठा कर कहीं पर भी ले जा सकता है। आज कंप्यूटर ने नाना प्रकार के रूप और आकार ग्रहण कर लिए हैं। अगर आप कम्प्यूटरों के प्रकार से परिचित नहीं हैं तो चलिए आपको कंप्यूटर के समस्त प्रकार के बारे में बताते हैं।
कंप्यूटर के प्रकारों को उनके कामकाज करने की प्रणाली, उद्देश्य तथा आकर के अनुरूप विभाजित किया जाता है जो की इस प्रकार हैं-
1. कंप्यूटर की कार्यप्रणाली (Mechanism) के आधार पर वर्गीकरण
(i) एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
(ii) डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)
(iii) हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)
2. कंप्यूटर के उद्देश्य (Purpose) के आधार पर वर्गीकरण
(i) सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर (General Purpose Computer)
(ii) विशिष्ट उद्देशीय कंप्यूटर (Special Purpose Computer)
3. कंप्यूटर के आकर (Size) के आधार पर वर्गीकरण
(i) माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
(ii) मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
(iii) मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)
(iv) सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
तो दोस्तों ये थे कंप्यूटर के कुछ प्रकार। कंप्यूटर के इन सभी प्रकारों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप हमारी पोस्ट Information of Types of Computer को पढ़ सकते हैं यहाँ आपको कंप्यूटर के सभी प्रकारों की विस्तृत जानकारी मिल जाएगी।
कंप्यूटर के भाग | Parts of Computer in Hindi
कंप्यूटर को पूर्ण रूप से जानने के लिए कंप्यूटर के सभी भागों की जानकारी होना अति आवश्यक है। बता दें की कंप्यूटर के चार मुख्या भाग होते हैं। चलिए एक-एक करके आपको सभी के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हैं।
1. Input Unit
वे उपकरण या devices जिनकी सहायता से हम डाटा एवं निर्देश कंप्यूटर को प्रेषित करते हैं Input Unit कहलाती हैं। इनपुट यूनिट कंप्यूटर एवं मानव के मध्य संपर्क की सुविधा प्रदान करती हैं। यह unit निर्देशों को इनपुट करके उन्हें CPU के समझने योग्य विद्युत संकेतों में बदलकर CPU तक भेजती हैं। इनपुट यूनिट के मुख्या रूप से दो भागों को जानना जरूरी हैं जो की इस प्रकार हैं –
(i) Keyboard
कीबोर्ड कंप्यूटर का एक peripheral है जो आंशिक रूप से टाइप राइटर के कीबोर्ड के भाँती होता है। कीबोर्ड का टेक्स्ट तथा करैक्टर निवेश के लिए डिज़ाइन किया गया है साथ ही कंप्यूटर के क्रिया कलापों को नियंत्रित भी करता है। कीबोर्ड में सामान्यतः कुंजियाँ (keys) अंकित होती हैं अथवा छपी हुई होती हैं। कीबोर्ड के लगभग आधी keys, अक्षर (letter), संख्या (Numeric), या चिन्ह (Characters) बनाती हैं। कीबोर्ड की कुछ अन्य keys को दबाने पर क्रियाएं (actions) होते हैं तथा कुछ queries को संपन्न करने के लिए एक से अधिक keys को एक साथ दबाया जाता है।
कीबोर्ड के बारे में और अधिक विस्तार से जानने के लिए आप हमारी पोस्ट Details of keyboard in hindi को पढ़ सकते हैं।
(ii) Mouse
कंप्यूटर के साथ पॉइंटिंग डिवाइस के रूप में माउस का प्रयोग होता है। इसका नाम माउस शायद लोगों ने कंप्यूटर के विभिन्न भाग जैसे मॉनिटर तथा CPU के कैबिनेट की अपेक्षाकृत इसके आकर को देखकर रखा होगा। माउस का उपयोग कंप्यूटर स्क्रीन पर वस्तुओं को हेरफेर करने के लिए किया जाता है। माउस की गति से कंप्यूटर की स्क्रीन पर पॉइंटर की गति में परिवर्तन होता है।
भौतिक रूप से यह एक डिब्बे (case) की भाँती होता है जो यूजर द्वारा किसी एक हाथ से पकड़ कर चलाया जा सकता है। माउस में मुख्या रूप से दो बटन होते हैं जिनकी सहायता से सिस्टम प्रयोक्ता आधारित क्रिया-कलापों को संपन्न करते हैं। कुछ-कुछ माउस में बटन के साथ ही एक चक्के (Wheel) जैसा तत्व भी जुड़ा होता है जो की कंप्यूटर की स्क्रीन पर पॉइंटर को ऊपर और नीचे (Scroll) करने के काम आता है।
2. Output Unit
यह यूनिट processing के पश्चात परिणाम कंप्यूटर के बाहरी वातावरण में यूजर को प्रस्तुत करती है। स्पष्ट रूप से बताये तो आउटपुट यूनिट का कार्य microprocessor से डाटा और परिणाम प्राप्त कर आउटपुट उपकरणों तक पहुंचाने का होता है। आउटपुट यूनिट के मुख्या भाग की बात करें तो इसमें मॉनिटर और प्रिंटर के नाम निकल के सामने आते हैं। चलिए आपको दोनों के बारे में संक्षिप्त में बताते हैं।
(i) Monitor
मॉनिटर कंप्यूटर के सबसे महत्पूर्ण भागों में से एक है। यह एक ऐसा यूनिट है जो स्क्रीन पर आउटपुट को प्रदर्शित करता है। यह दिखने में मुख्या रूप से टेलीविज़न की तरह ही होता है। मॉनिटर के बिना कंप्यूटर पर काम नहीं किया जा सकता है। मॉनिटर को सामान्यतः उनके द्वारा प्रदर्शित रंगों के आधार पर तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है।
Monochrome
Graysacle
Color Monitor
(ii) Printer
डिस्प्ले यूनिट में output devices के रूप में दो कमियां होती हैं पहली की इसमें एक बार में सीमित डाटा ही दिखाई देता है और दूसरी स्क्रीन पर output की soft copy स्थानांतरणीय नहीं होती है जिससे इसे कागज पर नहीं लिया जा सकता। बता दें की इन दोनों ही कमी को output devices के रूप में प्रिंटर पूरी करता है। यह मुख्या रूप से आउटपुट को कागज पर छापकर प्रस्तुत करता है। कागज पर आउटपुट की यह प्रतिलिपि hard copy कह लाती है।
अब प्रिंटर्स भी वैसे तो कई तरह के होते हैं। तकनीक के आधार पर इन्हे impact और non impact में वर्गीकृत किया जा सकता है तथा कार्य करने की गति के आधार पर ये low speed printer और high speed printer होते हैं।
3. Memory Unit
यह यूनिट डाटा, निर्देशों और परिणामों को संग्रह करके रखती है। यह कंप्यूटर का महत्पूर्ण भाग है जहाँ डाटा तथा प्रोग्राम प्रक्रिया के दौरान स्थित रहते हैं और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत उपलब्ध होते हैं। कंप्यूटर की मेमोरी सेल्स या लोकेशन में विभाजित होती है। प्रत्येक सेल का अपना एक एड्रेस होता है जिसके द्वारा हम उसे refer करते हैं। कंप्यूटर में दो प्रकार की मेमोरी यूनिट होती है जो की इस प्रकार हैं –
(i) RAM
इसका फुल फॉर्म Random access memory है। इसे read/write मेमोरी के नाम से भी जाना जाता है क्यूंकि इस मेमोरी में हम डाटा को संगृहीत करने के साथ-साथ उस संगृहीत डाटा को पढ़ भी सकते हैं। RAM कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी होती है। इनपुट devices द्वारा इनपुट किया गया डाटा प्रोसेसिंग से पहले ram में ही संगृहीत होता है और CPU द्वारा आवश्यकतानुसार वहां से प्राप्त कर लिया जाता है। RAM में प्रोग्राम temporary रूप से store होता है। कंप्यूटर के बंद हो जाने पर या बिजली के चले जाने पर ram में store डाटा मिट जाता है। इसलिए ram को volatile या अस्थायी मेमोरी भी कहते हैं। RAM की क्षमता या आकार भिन्न होते हैं जैसे 1MB, 2MB, 4MB, 16MB, 64MB, 128MB आदि।
(ii) ROM
इसका फुल फॉर्म Read only memory है। यह कंप्यूटर की Permanent मेमोरी होती है। इसमें अक्सर कंप्यूटर निर्माताओं द्वारा प्रोग्राम संचित करके स्थायी कर दिए जाते हैं जो समयानुसार कार्य करते हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर ऑपरेटर को निर्देश देते रहते हैं। कंप्यूटर के बंद हो जाने पर या बिजली के चले जाने पर भी इसमें store प्रोग्राम नष्ट नहीं होते हैं। इसीलिए ROM को Non volatile या स्थाई संग्रह माध्यम भी कहते हैं।
4. Central Processing Unit
यह कंप्यूटर का मुख्या अंग होता है। इसे कंप्यूटर का दिमाग माना जाता है। CPU का मुख्या कार्य प्रोग्रामों को क्रियान्वित करने का होता है। यह कंप्यूटर के सभी भागों (जिनमें इनपुट और आउटपुट devices शामिल हैं) को नियंत्रित करता है। प्रोग्राम तथा डाटा इसके नियंत्रण में आउटपुट स्क्रीन पर दिखाई देते हैं। एक छोटे कंप्यूटर (micro Computer) में CPU एक छोटा सा microprocessor होता है अन्य बड़े कंप्यूटर में एक से अधिक microprocessor हो सकते हैं। CPU के मुख्या रूप से दो भाग होते हैं जो की इस प्रकार हैं –
(i) Arithmetic Logic Unit
इसे शार्ट में ALU भी कहते हैं। यह मेमोरी से डाटा को प्राप्त करता है तथा processing के पश्चात सूचना को मेमोरी में लौटा देता है। ALU मुख्य रूप से यूनिट डाटा पर अंकगणितीय क्रियाएं (गुना, भाग, जोड़, बाकी) और तार्किक क्रियाएं (Logical Operations) करता है। यह सभी गणितीय गरणाओं को पहले सरल अंक (mathamatical process) में बाँट लेता है और बाद में इन्हे electrical pulse में बदलकर circuit में आगे संचारित करता है। ALU के कार्य करने की गति अति तीव्र होती है। यह लाखों गरणाएँ प्रति सेकंड की गति से कर देता है।
(ii) Control Unit
यह यूनिट मानव शरीर के तांत्रिक तंत्र के सामान है। यह कंप्यूटर के प्रत्येक भाग में नियंत्रण संकेतों को प्रसारित करती है। स्पष्ट रूप से बताएं तो control unit इनपुट/आउटपुट क्रियायों को नियंत्रित करती है एवं मेमोरी और ALU के मध्य डाटा के आदान-प्रदान को निर्देशित करती है। कण्ट्रोल यूनिट दो तरह के संकेत प्रदान करती है एक तो नियंत्रण संकेत (Control signal) और दूसरा समय संकेत (Timing Signal)। Control unit सबसे पहले दी गए निर्देशों को पड़ती है और उन्हें समझती है, प्रत्येक निर्देश को समझने के बाद यह कंप्यूटर के संभावित भागों को निर्देश भेजती है।
कंप्यूटर के उपयोग | Uses of Computer in Hindi
1. वैज्ञानिक शोध (Scientific Research)
वैज्ञानिक शोध के विकास काल में एक समय ऐसा भी था जब शोध कार्य सम्बंधित गरणा करना बेहद कठिन व उबाऊ कार्य माना जाता था। काफी समय व शक्ति इस कार्य में नष्ट हो जाती थी और इसके बाबजूद भी गलती होने की सम्भावना बनी रहती थी। कंप्यूटर ने इस क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है। इसी वजह से शोध कार्यों के स्तर व मात्रा में गुणात्मक वृद्धि हुई है। आज जीव विज्ञान, भौतिकी, रसायन शास्त्र आदि शोध करने के लिए कंप्यूटर का अधिक से अधिक उपयोग हो रहा है।
2. व्यवसाय (Business)
कंप्यूटर के आगमन से व्यावसायिक कार्यों में क्रांतिकारी गति आ गई है। आज अधिकतर ऑफिसों में 80 फीसदी काम कंप्यूटर पर ही होता है। तन्खा का हिसाब किताब, व्यक्तिगत जानकारी, लेखा जोखा, विभिन्न सूचनाओं का रिकॉर्ड रखना स्टाफ नियंत्रण, बचे हुए माल का हिसाब किताब, आर्थिक नीतियों की विवेचना इत्यादि कार्य कंप्यूटर की सहायता से आसानी से किये जा रहे हैं। ऑफिस मीटिंग के कागजात सलीके से सेट करके फ़ौरन प्रिंट किये जा सकते हैं। व्यवसाय से जुड़े अन्य कागजी कार्य में भी कंप्यूटर बहुत सहायक सिद्ध हुए हैं।
3. बैंकिंग (Banking)
बैंक ऐसे संस्थान हैं जहाँ लेखे जोखे का जबरदस्त कार्यभार होता है। यहाँ जो व्यक्तिगत रिकॉर्ड ग्राहक के लिए बनाया जाता है वह काफी एहमियत रखता है। यह अत्यंत महत्पूर्ण दस्तावेज होता है और भविष्य में कभी भी इसमें से सूचना मांगी जा सकती है। पहले के समय में कार्यभार कम होने पर किसी भी बैंक के लिए कर्मचारियों की सहायता से यह कार्य करना कठिन नहीं था। लेकिन अब जब बैंक में कार्य अत्यधिक बढ़ गया है ऐसे में बैंकों में कंप्यूटर का इस्तेमाल व्यापक रूप से किया जा रहा है।
4. दूरसंचार (Telecom)
दूरसंचार के क्षेत्र में भी कंप्यूटर काफी महत्पूर्ण योगदान दे रहे हैं। दूरसंचार के क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तेमाल वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग, फाइल शेयरिंग, वेब ब्रॉडकास्टिंग, कॉल सेंटर आदि में किया जा रहा है। हवाई यात्रा, रेल यातायात नियंत्रण, तार व टेलीफोन इत्यादि के सुचारु रूप से सञ्चालन में भी इनका उपयोग बढ़ता जा रहा है।
5. यातायात (Transportation)
परिवहन व्यवस्था को सुचारु रूप से बनाये रखने में कंप्यूटर का इस्तेमाल बढ़ चढ़ कर हो रहा है। रेलवे, बस, हवाईजहाज आदि में टिकिट बुकिंग के लिए कंप्यूटर का ही इस्तेमाल होता है। विमानों के उड़ान भरने और उतरने, जहाजों में माल लादने और उतारने, वायु यातायात पर नजर रखने तथा यातायात से जुड़े अन्य मसलों में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं आज कंप्यूटर के सञ्चालन से traffic signalling को भी बेहतर बनाया जा चुका है। जहाँ सामान्य ट्रैफिक सिग्नल यातायात के दबाब का ध्यान रखे बिना एक निश्चित समय के बाद ऑन और ऑफ होते रहते हैं।
6. चिकित्सा (Medical)
कंप्यूटर का उपयोग औषधि व चिकित्सा के क्षेत्र में भी हो रहा है। आजकल विभिन्न प्रकार के परिक्षण आदि कंप्यूटर की सहायता से अति शीघ्र अवं शुद्धता के साथ होते हैं। यहाँ तक की कंप्यूटर जटिल ऑपरेशन में भी सहायक के रूप में प्रयोग होता है।
दोस्तों इसके अलावा कंप्यूटर का उपयोग और भी कई क्षेत्रों में किया जाता है जैसे की स्टॉक कण्ट्रोल व बिक्री, इंश्योरेंस, मैनेजमेंट इनफार्मेशन, इंजीनियरिंग डिज़ाइन, अंतरिक्ष विज्ञान, पुस्तकालय आदि।
कंप्यूटर के गुण | Advantages of Computer in Hindi
1. गतिशील (Speed)
कंप्यूटर की काम करने की स्पीड बहुत तेज होती है। यह कुछ ही सेकंड में हजारों लाखों गुना भाग कर सकता है। कंप्यूटर की तेज गति का अनुमान आप इसी बात से लगा सकते हैं की जो कार्य मनुष्य एक साल में कर सकता है उस कार्य को कंप्यूटर कुछ ही मिनिट में पूर्ण कर सकता है।
2. सटीकता (Precision)
कंप्यूटर अपना प्रत्येक कार्य बिना किसी गलती के पूरा करता है। फिर चाहे यह maths का कोई calculation हो या किसी प्रोग्राम को चलाना हो। कंप्यूटर सिर्फ तभी गलती करता है जब हमारे द्वारा कंप्यूटर को गलत जानकारी प्रदान की गई हो अन्यथा कंप्यूटर हमेशा त्रुटिहीन कार्य को अंजाम देता है।
3. संग्रह क्षमता (Storage capacity)
कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के डाटा को स्टोर किया जा सकता है। इतना ही नहीं कंप्यूटर में डाटा स्टोर करने की क्षमता भी ज्यादा होती है। कंप्यूटर हजारों फाइल्स को अपने एक छोटे से हिस्से में स्टोर करके रख सकता है। इसमें आप किसी भी प्रकार की पिक्चर, वीडियो, साउंड या फिर कोई भी डॉक्यूमेंट को कई सालों तक स्टोर करके रख सकते हैं तथा वर्षों बाद भी कंप्यूटर हमारे डाटा को उसी प्रकार प्रदर्शित कर देता है जैसा वर्षों पहले हमने इसमें एंटर किया था।
4. व्यापक उपयोगिता (Versatility)
कंप्यूटर द्वारा सम्पादित कार्यों की व्यापकता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। तकनीक, विज्ञान, गणित, चिकित्सा, शिक्षा आदि जगत के कई कार्यों को पूरा करने में कंप्यूटर सक्षम है। कंप्यूटर की बहुविज्ञता को देखते हुए ही इसका इस्तेमाल हर क्षेत्र में होने लगा है।
5. कार्यक्षमता (Efficiency)
अगर दिमागी कार्य मनुष्य से अधिक करवाया जाए तो एक समय बाद उसमें थकावट आ जाती है और एकाग्रता भांग होने लगती है, इस तरह वह संतुलन खो कर गलतियां करने लगता है। कंप्यूटर चूंकि मूलतः एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है अतः इसमें कार्यभार अधिक होने पर भी थकावट के कोई चिन्ह परिलक्षित नहीं होते। कई यांत्रिक मशीनें कार्यभार अधिक होने पर खराबी के लक्षण देने लगती हैं परन्तु इलेक्ट्रॉनिक मशीन में ऐसा नहीं है। यदि उचित तरीके से इसे प्रयोग में लाया जाए तो यह बहुत ही सक्षमता से कार्य कर सकती है।
6. विश्वसनीयता (Authenticity)
आज के समय में मनुष्य का किसी दूसरे मनुष्य पर भरोसा करना मुश्किल हो गया है कोई भी व्यक्ति कभी भी किसी को भी धोका देते देता है। बता दें की ऐसे समय में आप कंप्यूटर पर भरोसा कर सकते हैं। एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन होने के नाते इसके अपने कोई जज्बात नहीं है इसलिए धोका देने का तो यहाँ कोई प्रश्न ही नहीं होता। बता दें की आप कंप्यूटर पर अपनी कोई भी जरूरी फाइल या डॉक्यूमेंट को save कर सकते हैं और उसे पासवर्ड से protect भी कर सकते हैं। इसके बाद ये आपकी फाइल किसी और को नहीं दिखायेगा साथ ही बिना आपकी इजाजत के उसमें कोई फेयर बदलाव भी नहीं कर पायेगा।
7. उच्च उत्पादकता (High Productivity)
कंप्यूटर के माष्यम से ही हम हर क्षेत्र में अग्रसर हो रहे हैं। कंप्यूटर कई लोगों का कार्य अकेले ही तेजी से कर सकता है। यही वजह है की इसके इस्तेमाल से उत्पादकता (productivity) बढ़ रही है साथ ही साथ विकास को भी बढ़ावा मिल रहा है।
कंप्यूटर के अभाव | Disadvantages of Computer in Hindi
1. बेरोजगारी (Unemployment)
कंप्यूटर का उपयोग करके विभिन्न कार्य स्वचालित रूप से किए जाते हैं। यह कई लोगों का कार्य अकेला ही कर सकता है। इससे लोगों की आवश्यकता कम हो जाती है और समाज में बेरोजगारी बढ़ती है।
2. सूचना की चोरी (Information Theft)
कंप्यूटर एक मशीन हैं इसलिए इसके अपने कोई जज्बात नहीं होते अतः इससे सूचना चोरी होने का खतरा भी बना रहता है। आज के समय में हैकर्स कंप्यूटर की सुरक्षा में सेंध लगाकर जरूरी डाटा चुरा लेते हैं। कंप्यूटर जैसी मशीन के साथ यह खतरा लगातार बना रहता है।
3. कंप्यूटर की लत (Addiction to computer)
कंप्यूटर की लत लगना एक बहुत ही गंभीर समस्या है। कंप्यूटर की लत लगने से व्यक्ति सामाजिक तौर पर दूसरे व्यक्तियों से कट जाता है और अपना अधिकतर समय कंप्यूटर पर ही बिताने लगता है। रोज कई घंटे लगातार कंप्यूटर पर बिताने से लोगों को खुद ही नहीं पता लगता की उन्हें कंप्यूटर की लत लग गई है। यह एक बार जब यह शुरू हो जाता है तो इसे रोकना बहुत मुश्किल है।
4. आँखों को खतरा (Eye Risk)
ज्यादातर कंप्यूटर की स्क्रीन पर Anti-glare element नहीं होता है। इसी वजह से कंप्यूटर से निकलने वाली किरणें आँखों पर हानिकारक प्रभाव डालती हैं। तो यदि आप कंप्यूटर पर लगातार कई घंटे बिताते हैं, तो आपको आँखों से कम दिखना या आँखों से जुड़ी अन्य कई गंभीर समस्या हो सकती हैं।
5. सेहत को खतरा (Health Risk)
कंप्यूटर पर कई घंटे बैठ कर काम करने से व्यक्ति में मोटापे बढ़ जाता है। इससे दिल से जुड़ी अन्य कई गंभीर समस्या होने का खतरा भी पैदा हो जाता है। इतना ही नहीं कंप्यूटर पर रोजाना एक जगह कई घंटे बैठ कर काम करने से व्यक्ति को पीठ दर्द और गर्दन में दर्द जैसी समस्या भी उत्पन्न हो जाती हैं।
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तो ये थी दोस्तों कंप्यूटर से जुड़ी कुछ महत्पूर्ण जानकारी। हम आशा करते हैं की आपको कंप्यूटर क्या है (What is Computer in Hindi) समझ आ गया होगा। दोस्तों आपको ये जानकारी (Details of Computer in Hindi) कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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