कहते हैं कि मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता होंसलों से उड़ान होती है। आप सोच सकते 125 करोड़ के आबादी वाले इस देश में अपने राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेलना कोई छोटी बात नहीं है। उसमें भी अगर बात हो एक गरीब घर के लड़के की तो फिर तो यह असंभव सा लगता है। जी हाँ, आज बात करने जा रहे है भारतीय क्रिकेट टीम के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर रविन्द्र जडेजा की जो आज के समय में भारतीय क्रिकेट टीम के एक महत्वपूर्ण खिलाडी हैं।
रविन्द्र जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को एक बहुत ही गरीब घर में हुआ था। रविन्द्र के पिताजी एक प्राइवेट सिक्यूरिटी एजेंसी में वॉचमैन थे। रविन्द्र के पिताजी चाहते थे की वे आर्मी ऑफिसर बने परंतु उनकी रूचि क्रिकेट में थी। जडेजा ने 16 साल की उम्र में अंडर-19 क्रिकेट से अपने करियर की शुरुआत की। 2008 में अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के वे उपकप्तान भी थे। वर्ल्ड कप में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
2008 में ही उन्हें आईपीएल की टीम राजस्थान रॉयल्स में चुना गया और उसमें भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। इसके बाद वे भारतीय क्रिकेट टीम अंडर-11 के हिस्सा बने और आज रविन्द्र जडेजा कई रिकॉर्ड बना चुके हैं। जिस तरह से वे अपनी गेंदबाजी के साथ साथ अपनी बल्लेबाजी से जोहर दिखा रहे हैं वो काबिले तारीफ है। उन्हें दुनिया के बेस्ट आल राउंडर प्लेयर्स में गिना जाता है। आज जडेजा ना सिर्फ भारतीय क्रिकेट टीम की शान हैं बल्कि टीम को जीत दिलाने में सबसे ऊपर भी।
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