Haridwar tourist places in Hindi : हरिद्वार उत्तराखंड राज्य में स्थित एक जिला है। हरिद्वार के नाम से इसका अर्थ स्पष्ट होता है हरी का द्वार यानी की भगवान विष्णु तक पहुंचने का मार्ग। बता दें की हरिद्वार के ही एक घाट पर भगवान विष्णु एक बार प्रकट हुए थे। उनके पैरों के चिन्ह आज भी यहाँ मौजूद हैं। हरिद्वार से ही गंगा जी पहाड़ी रास्तों को छोड़ कर मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती हैं। हिन्दू धर्म में मान्यता है की हरिद्वार में गंगा जी के स्नान करने से सारी माया समाप्त हो जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही वजह है की इस जगह को मोक्षद्वार और मायापुरी भी कहा जाता है।

हिन्दू ग्रन्थ के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बुँदे हरिद्वार में गिरी थी। इसी वजह से इस जगह का महत्त्व श्रदालुओं के बीच और अधिक बढ़ जाता है। हरिद्वार में हर 12 साल में कुंभ के मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसमें देश के कोने कोने से लोग यहाँ पहुंचते हैं। हरिद्वार में हिन्दू देवी देवताओं के कई प्राचीन मंदिर हैं। इसके साथ ही यहाँ कई महान ऋषि मुनियों के आश्रम भी रहे हैं। यही वजह है है की हरिद्वार हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल माना जाता है। हरिद्वार को सप्तपुरी (हिन्दुओं के सात प्रमुख तीर्थ स्थलों) में गिना जाता है। अगर आप हरिद्वार आने का विचार कर रहे हैं और आपको नहीं पता की आप क्या क्या देखने जाएँ तो इस लेख को पूरा पढ़िए क्युकी आज हम आपको हरिद्वार में देखने वाली तमाम जगहों की जानकारी देने वाले हैं।

 

हरिद्वार के दर्शनीय स्थलों के नाम | Haridwar tourist places in Hindi

हरिद्वार में यूं तो जाने के लिए हर गली में मंदिर या आश्रम मिल जायेगा परन्तु हम आपको यहाँ के कुछ प्रमुख जगहों के बारे में बताते हैं जिन्हे आपको अवश्य देखना चाहिए।

1. हर की पौड़ी

2. सप्त ऋषि आश्रम

3. मनसा देवी मंदिर

4. वैष्णो देवी मंदिर

5. भारत माता मंदिर

6. पावन धाम

7. विष्णु घाट

8. दूधाधारी बर्फानी मंदिर

9. पतंजलि योग पीठ

10. चिल्ला वन्यजीव अभ्यारण्य

 

हरिद्वार में घूमने वाली प्रमुख जगहों की जानकारी | Tourist Places in Haridwar in Hindi

अभी आपने हरिद्वार में घूमने वाली सभी जगहों के नाम देखे चलिए अब आपको एक एक कर के सभी जगहों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

 

1. हर की पौड़ी | Har ki pauri in Haridwar in Hindi

har ki pauri image

हर की पौड़ी जैसा की नाम से ही स्पष्ट होता है भगवन विष्णु का स्थान। कहा जाता है की यहाँ भगवन विष्णु प्रकट हुए थे और एक पत्थर पर बने उनके पदचिन्ह इस बात की पुष्टि करते हैं। हर की पौड़ी हरिद्वार के सबसे प्रमुख घाट है। यहीं से गंगा जी पहाड़ों को छोड़ मैदानी क्षेत्रों की तरफ मुड़ जाती हैं।

हिन्दू ग्रन्थ के अनुसार समुद्र मंथन के समय प्राप्त अमृत ले जाते वक्त कुछ बुँदे जो धरती के अलग अलग स्थानों पर गिरी थीं उन्ही में से एक स्थान है हर की पौड़ी। यह स्थान तभी से ही हिन्दुओं के लिए विशेष महत्त्व रखता है। 12 सालों में होने वाला कुंभ का मेला और 6 सालों में होने वाला अर्ध कुम्ब मेला भी यहीं पर आयोजित किया जाता है। कहा जाता है की यहाँ स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति मिलती है। इसलिए हरिद्वार आये प्रत्येक श्रद्धालु यहाँ एक बार स्नान जरूर करके जाते हैं। इतना ही नहीं अस्ति विसर्जन से लेकर मुंडन तक सभी धार्मिक अनुष्ठान भी इसी घाट पर किये जाते हैं। यहाँ शाम के समय होने वाली गंगा जी की आरती भी बहुत लोकप्रिय है।

 

2. सप्त ऋषि आश्रम | Saptrishi Ashram Tourist Place in Haridwar in Hindi

saptrishi aashram haridwar

सप्त ऋषि आश्रम हिन्दुओं के सात मुख्या ऋषि विश्वामित्र, जमदग्नी, अत्रि, वशिष्ट, कश्यप, भरद्वाज एवं गौतम का आश्रम रहा है। यहीं इन सात ऋषियों ने एक साथ आराधना की थी। माना जाता है की यही पर गंगा जी ने खुद को सात धाराओं में बाँट लिया था जिससे की उनके परवाह से सप्त ऋषियों का आश्रम ना डूब जाये। यही वजह है की इस जगह को सप्त ऋषि कुंड या सप्त सरोवर भी कहा जाता है।

 

3. मनसा देवी मंदिर | Mansa Devi Temple in Haridwar in Hindi

mansa devi mandir

बिल्वा पर्वत की चोटी पर स्थित यह मंदिर हरिद्वार से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आप रोपवे का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मंदिर मुख्या रूप से माता मनसा देवी का मंदिर है। बता दें की माता मनसा को भगवान शिव के मष्तिक से उत्पन्न हुई एक शक्ति माना जाता है। यह भी कहा जाता है की इसी पर्वत की चोटी पर माता मनसा ने भगवान शिव की आराधना की थी। श्रद्धालु यहाँ हर साल भरी मात्रा में माता मनसा के दर्शन करने पहुंचते हैं। माना जाता है की सच्चे मन से मांगी गई मुरादें यहाँ माता मनसा जरूर पूरी करती हैं।

 

4. वैष्णो देवी मंदिर | Vaishno Devi Temple in Haridwar

vaishno devi haridwar

हरिद्वार के पास निर्मित यह मंदिर जम्मू कश्मीर के कटरा में स्थित प्रसिद्ध वैष्णो देवी मंदिर के जैसा ही है। हरिद्वार का यह वैष्णो देवी मंदिर भी पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए के लिए आपको पैदल चढाई कर गुफाओं से हो कर गुजरना होता है। यह मंदिर हरिद्वार से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर है। इस मंदिर का निर्माण 10 साल पूर्व ही किया गया है परन्तु आज यह मंदिर हरिद्वार के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहाँ हर साल लाखों भक्त माता वैष्णो के दर्शन के लिए आते हैं। विशेष रूप से कुम्भ मेले या तीज त्योहारों पर इस मंदिर में भक्तों का ताँता लगा रहता है।

 

5. भारत माता मंदिर | Bharat Mata Mandir Haridwar

bharat mata mandir

इस मंदिर की स्थापना सन 1983 में धार्मिक गुरु स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी द्वारा करवाई गई थी। उस समय इस मंदिर का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा किया गया था। यह भारत का इकलौता ऐसा मंदिर है जहाँ भारत माता को मूर्ती का आकर दिया गया है। यह मंदिर 108 फीट ऊँचा है और इसमें कुल 8 मंजिलें हैं। मंदिर की प्रत्येक मंजिल पर अलग-अलग देवी देवताओं की प्रतिमाएं, ऋषि मुनियों एवं स्वतंत्रता संग्रामियों की तस्वीरें बनी हुई हैं। इस मंदिर में आप देवी शक्ति एवं भगवान विष्णु के अलग-अलग अवतार भी देख सकते हैं।

 

6. पावन धाम | Pawan Dham Haridwar Tourist place in Hindi

pawan dham haridwar

इस मंदिर का निर्माण 1970 में हुआ था। मंदिर को स्वामी वेदांता महराज जी ने बनवाया था। पावन धाम मंदिर में मूर्तियां कांच से बनी हुई हैं। पावन धाम को उसकी सब से अलग कलाकृतियों के कारण जाना जाता है। यह मंदिर हरिद्वार से मात्रा 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ साधु संतों के रुकने के भी विशेष इंतजाम किये जाते हैं। पावन धाम को गीता धाम ट्रस्ट की ही एक संस्था द्वारा चलाया जाता है। यहाँ आप सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक आ सकते हैं।

 

7. विष्णु घाट | Vishnu Ghat in Haridwar

vishnu ghat haridwar

हरिद्वार के इस घाट पर भगवान विष्णु ने स्नान किया था। यही वजह है की इस घाट का नाम विष्णु घाट रख दिया गया। आज ऐसा माना जाता है की इस घाट पर स्नान करने से श्रद्धुलों के पाप धुल जाते हैं। यही वजह है की इस घाट पर रोजाना अनेकों श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं। देश के कोने कोने से स्नान करने आते लोगो की वजह से यहाँ साल भर भीड़ की स्थिति बनी रहती है। अधिक भीड़ होने के कारण इस घाट को हरिद्वार के सबसे प्रसिद्ध घाटों में भी गिना जाता है।

 

8. दूधाधारी बर्फानी मंदिर | Doodhadhari Barfani Temple Haridwar

doodhdhari barfani

इस मंदिर का निर्माण बर्फानी आश्रम में किया गया है। मंदिर का निर्माण सफेद मार्बल से हुआ है जो दिखने में दूध की भाँती चमकीला और सफेद दिखाई पड़ता है। यही वजह है की इस मदिर का नाम दूधाधारी बर्फानी मंदिर रखा गया है। यहाँ आपको सभी देवी-देवताओं के मंदिर के दर्शन होंगे। बाबा बर्फानी के इस आश्रम में भगवन श्रीराम और माता जानकी का भी मंदिर है जो देखने में बहुत सुन्दर है। दूधाधारी बर्फानी मंदिर गंगा नदी के किनारे पर बना हुआ है। इस मंदिर की नक्काशी बेहद शानदार है और यहाँ आ कर आपको शांति की अनुभूति होगी। शायद यही वजह है की यहाँ लोग दूर-दूर से खींचे चले आते हैं।

 

9. पतंजलि योग पीठ | Patanjali yogpeeth Haridwar tourist place in Hindi

patanjali peeth

पतंजलि योग पीठ बाबा रामदेव का सबसे बड़ा योग पीठ है। पतंजलि योग पीठ में योग और आयुर्वेद पर खोज की जाती है। पतंजलि योग पीठ का परिसर बहुत बड़ा है और इसको दो भागों में बाटा गया है। यहाँ पर पतंजलि के उत्पाद तैयार होते हैं। जो देश के कोने-कोने तक पहुंचते हैं। यदि आप कभी हरिद्वार घूमने जाते है तो पतंजलि योग पीठ जरूर घूम कर आये क्योंकि यहाँ आपको कई ऐसे आयुर्वेद पदार्थों के बारे में पता चलेगा जो आपके स्वास्थ के लिए बहुत फायदेमंद हैं।

 

10. चिल्ला वन्यजीव अभ्यारण्य | Chilla Wildlife Sanctuary in Haridwar

chilla wildlife

अगर आप हरिद्वार के मंदिरों और घाटों को देखने के बाद किसी प्राकर्तिक जगह पर जाना चाहते हैं तो चिल्ला वन्यजीव अभ्यारण्य जाना आपके लिए एकदम सही रहेगा। 1977 में निर्मित यह अभ्यारण 250 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। सन 1983 में इसे राजाजी अभ्यारण और मोतीचूर अभ्यारण के साथ मिला कर राजाजी राष्ट्रिय उद्यान नाम दे दिया गया। यह जगह हरिद्वार से केवल 10 किलोमटेर की दूरी पर है यहाँ पर आप कई प्रजातियों के पक्षी, बिल्ली, चीते, भालू, हाथी आदि जानवर देख सकते हैं। इतना ही नहीं आप यहाँ हाथी की सवारी का लुफ्त भी उठा सकते हैं।

 

कैसे पहुंचें हरिद्वार | How to reach Haridwar

हरिद्वार एक तीर्थ स्थल है और यहाँ आगमन की सुविधा बहुत अच्छी है। आप यहाँ बस, ट्रैन या हवाई जहाज से आ सकते हैं। चलिए आपको एक एक करके तीनो संसाधनों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

 

  • हवाई जहाज से पहुंचिए हरिद्वार | Reach Haridwar by Aeroplane

फ्लाइट से देहरादून का जोली हवाई अड्डा हरिद्वार जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है। यह हवाई हड्डा नई दिल्ली और इंद्रागांधी अन्तर्राष्टीय हवाई अड्डे से जुड़ा हुआ है। आप इसकी मदद से हरिद्वार कम समय में पहुँच सकते है। देहरादून के इस हवाईअड्डे से हरिद्वार मात्र 40 किलोमटेर दूर है। इस हवाईअड्डे से हरिद्वार के लिए टैक्सी और बसें चलती रहती हैं।

 

  • ट्रैन से पहुंचिए हरिद्वार | Reach Haridwar By Train

हरिद्वार का रेलवे स्टेशन उत्तराखंड के बड़े रेलवे स्टेशनों में से एक है। जंक्शन होने के कारण यहाँ ट्रैन की कनेक्टिविटी काफी अच्छी है। हरिद्वार आने के लिए देश के कोने कोने से ट्रेनें उपलप्ध हैं। आप दिल्ली या मुंबई से ट्रेन पकड़ कर बड़ी आसानी से हरिद्वार पहुँच सकते हैं।

 

  • सड़क से पहुंचिए हरिद्वार | Reach Haridwar by car or by bus

हरिद्वार सड़क मार्ग द्वारा भारत के कई हिस्सों से जुड़ा हुआ है। यही वजह है की यहाँ आने के लिए जगह जगह से कई लक्ज़री बसें चलती हैं। आप स्वयं की गाडी से भी हरिद्वार आ सकते हैं। दिल्ली से हरिद्वार की दूरी 220 किलोमीटर है। हरिद्वार आने के लिए आप दिल्ली से NH334 से होते हुए हरिद्वार पहुँच सकते हैं।

 

हरिद्वार जाने का उचित समय | Best time to visit Haridwar

वैसे तो हरिद्वार साल के किसी भी वक़्त आया जा सकता है। परन्तु अगर आप हरिद्वार के प्रत्येक स्थान को बिना भीड़ भाड़ के घूमना चाहते हैं तो तीज त्यौहार के समय हरिद्वार ना आते हुए दूसरे समय पर आएं। तीज त्यौहार पर होने वाली भीड़ के कारण यहाँ मंदिरों में दर्शन करने में बड़ी कठिनाई होती है। बारिश के समय भी हरिद्वार आने से आपकी ट्रिप प्रभावित हो सकती है। अत्यधिक बारिश के कारण यहाँ के सभी घाट बंद कर दिए जाते हैं और ऐसे में आप गंगाजी में स्नान करने से वांछित रह सकते हैं।

तो दोस्तों ये थी हरिद्वार से जुड़ी कुछ जानकारी (Haridwar in Hindi)। हम आशा करते हैं की आपको हरिद्वार में घूमने वाली जगहें (Haridwar tourist places in hindi) का पता चल गया होगा। अगर आपको जानकारी पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें और हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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