ragi in hindi

About Ragi in Hindi: प्राचीन काल से ही हमारे देश में पारम्परिक मोटे अनाज जैसे कि ज्वार, जौं, मक्का आदि का सेवन किया जाता रहा है। इन्हीं मोटे अनाजों में से एक है रागी। यह अनाज सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी है। रागी को मंडुआ, नाचनी, फिंगर मिलेट (Finger millet) आदि नामों से जाना जाता है। रागी का स्वाद बेहद स्वादिष्ट होता है एवं यह ऊर्जा का महत्पूर्ण घटक भी है। रागी के छोटे-छोटे दानों में कई समस्याओं को ठीक करने के राज छिपे हुए हैं। यदि इस अनाज को अपने रोज के आहार में शामिल कर लिया जाये तो निश्चित ही स्वास्थ के साथ-साथ सौंदर्य सम्बंधित कई समस्याओं में लाभ मिलेगा।

Ragi एक ऐसा अनाज है जिनमें कई तरह के औषधिय गुण पाए जाते हैं। आज कुछ लोग तो रागी के benefits से अवगत हैं परन्तु अधिकांश लोगों को रागी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। यदि आप भी रागी और इसके फायदों से अब तक परिचित नहीं है तो आज का हमारा यह लेख आपके लिए मददगार होगा क्योंकि आज हम आपको रागी और इसके फायदों के बारे में समस्त जानकारी देने वाले हैं। तो फिर देर किस बात कि चलिए रागी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

 

रागी क्या है | What is Ragi in Hindi?

रागी सबसे पुराना और खाने वाले अनाजों में से एक है। यह वह पहला अनाज है जिसे भारत में लगभग 4000 वर्ष पूर्व लाया गया था। रागी ना सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि पौष्टिकता से भी भरपूर होता है। रागी की फसल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे पूरी साल में कभी भी खेतों में लगाया जा सकता है क्योंकि इस अनाज की खेती का कोई निश्चित समय नहीं होता है। रागी की फसल को पककर आने में बहुत कम समय लगता है।

रागी का पौधा ऊंचाई वाले क्षेत्रों या पहाड़ी इलाकों में ज्यादा फलता फूलता है इसलिए नेपाल तथा भारत के हिमालय में लगभग 2000 मीटर ऊँची पहाड़ियों पर रागी की खेती की जाती है। रागी की मुख्या विशेषता यह भी है कि इसमें अमीनो अम्ल तथा मेथोनाइन पाया जाता है जो कि स्टार्च की प्रधानता वाले अन्य भोज्य पदार्थों में नही पाया जाता। रागी के अनेक गुणकारी फायदों की वजह से ही अब इसे सुपर फूड के नाम से भी जाना जाता है।

 

कैसा दिखाई देता है रागी | How Ragi look like

nachni in hindi

रागी को आप पहली बार देखेंगे तो यह आपको एकदम राई की तरह लगेगा क्योंकि वाकई यह देखने में कुछ-कुछ राई की तरह ही होता है। रागी का बीज या दाना गोलाकार और छोटा होता है। रागी के बीज भूरे रंग के तथा झुर्रीदार होते हैं।

प्रायः आपने देखा होगा कि जब हम कई दिनों तक किसी अनाज को स्टोर करके रखते हैं तो उस अनाज को कीट से बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का उपयोग करना पड़ता है। ताकि वह अधिक समय तक सुरक्षित रह सके। परन्तु रागी एक ऐसा अनाज है जिसको संग्रह करने के लिए कीटनाशक दवाइयों का उपयोग नहीं करना पड़ता है। साथ ही बता दें कि रागी को मोटे अनाजों की श्रेणी में रखा गया है। मोटे अनाज किसे कहते हैं यदि आपको नहीं पता तो मोटे अनाज वे अनाज हैं जिन्हे लगाने में ज्यादा मशक्क्त नहीं करनी पड़ती है। इन्हे आसानी से लगाया जा सकता है। रागी भी ऐसा ही एक अनाज है जो ऊँची पहाड़ियों पर आसानी से लग जाता है। यही रागी कि सबसे बड़ी विशेषता भी है।

 

कैसा होता है रागी का पौधा | How did Ragi plant look like

रागी का पौधा लगभग एक मीटर तक ऊँचा होता है तथा यह पोएसी कुल का पौधा है। रागी के पौधे को शुष्क मौसम में उगाया जा सकता है। रागी के पौधों की किस्म की बात की जाये तो इसकी कई किस्में पाई जाती हैं। रागी की उन्ही किस्मों में से हम आपको इसकी कुछ खास किस्मों को विस्तार से बताते हैं ।

1. GPU 45 : रागी की इस किस्म के पौधे हरे होते है और वालियाँ थोड़ी मुड़ी हुई होती हैं। रागी की इस किस्म की फसल जल्दी पककर तैयार हो जाती है। बता दें कि रागी पौधे की यह किस्म झुलसन रोग के लिये प्रतिरोधी है।

2. शुव्रा (OUAT-2) : रागी के इस किस्म के एक मीटर ऊंचाई वाले पौधों में 7-8 सेमी लम्बी वालियाँ होती हैं। यह किस्म सभी झुलसन के लिए माध्यम प्रतिरोधी होती है।

3. VL149 : रागी पौधे के इस किस्म के पौधों की गांठे रंगीन एवं वालियाँ हल्की बैगनी रंग की होती हैं। इस किस्म का उत्पादन मैदानी एवं पठारी क्षेत्रों में किया जाता है। यह झुलसन रोग के लिए प्रतिरोधी है।

4. चिलिका (OEB-10) : रागी की इस किस्म के पौधे ऊंचे, पत्तियां चैड़ी होती एवं हल्के हरे रंग की होती हैं। यह झुलसन रोग के लिए मध्यम प्रतिरोधी एवं छेदक कीट के लिए प्रतिरोधी है।

रागी के इन पौधों को उन्नत किस्म की संज्ञा दी गई है। बता दें कि रागी के बीज झुर्रीदार और एक ओर से चपटे होते हैं। जो कि बेहद सुन्दर दिखते हैं।

 

रागी में पाए जाने वाले पोषक तत्व | Nutrients of Ragi in Hindi

रागी में एक नहीं बल्कि कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। रागी में सबसे ज्यादा पाए जाने वाले पोषक तत्व हैं कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम फाइबर, फॉस्फोरस और प्रोटीन। बता दें कि इसके अलावा रागी में आयरन, आयोडीन, कैरोटीन, ईथर के अर्क, मेथोनाइन अमीनो अम्ल, सोडियम, जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B3 आदि पोषक तत्व भी उचित मात्रा में पाए जाते हैं।

 

रागी का सर्वाधिक उत्पादन कहाँ होता है | Where did Ragi found

nachni field

रागी मूल रूप से इथियोपिया के उच्च इलाकों का पौधा है। यह अफ्रीका और एशिया के सूखे क्षेत्रों में उगाया जाता है। भारत में रागी लगभग चार हज़ार वर्ष पूर्व में आया था। यदि हम भारत की बात करें तो रागी भारत में सर्वाधिक उत्पादन की जाने वाली फसल है इसलिए भारत रागी का सबसे बड़ा निर्यात करने वाला देश भी है। भारत के कर्नाटक राज्य में रागी का सबसे अधिक उत्पादन किया जाता है अतः कर्नाटक राज्य भारत का सबसे बड़ा रागी उत्पादक राज्य है। कर्नाटक के बाद तमिलनाडु, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड एवं उत्तराखंड में भी रागी के सर्वाधिक उत्पादन किया जाता है।

 

रागी के विभिन्न नाम | Some other names of Ragi

जैसा कि हमें विदित है कि भारत देश में कई राज्य हैं और उनकी बोलचाल की भाषा भी अलग-अलग है। इसलिए यह जानना भी जरुरी है कि किस राज्य में रागी (Ragi) को क्या बोला जाता है।

रागी का वानस्पतिक नाम – एलुसाइनी कोराकैना (Eleusine coracana)

रागी का हिंदी में नाम – मंडुआ, नाचनी, रागी

रागी का अंग्रेजी में नाम – इण्डियन मिलेट, फिंगर मिलेट (finger millet)

रागी का का तमिल में नाम – केलवारागू

रागी का राजस्थान में नाम – रागी

रागी का गुजराती में नाम – नावतोनागली

रागी का अरबी में नाम – तैलाबौन

रागी का संस्कृत में नाम – नृत्यकुण्डल

रागी का तेलगु में नाम – रागुलु

रागी का पंजाब में नाम – चालोडरा

रागी का मराठी में नाम – नचीरी

रागी का मलयालम में नाम – मुत्तरि

 

रागी का उपयोग कैसे किया जाता है | Uses of Ragi in Hindi

रागी एक ऐसा अनाज है जिसका उपयोग अलग-अलग प्रान्त में आवश्यकता के आधार पर कई प्रकार से किया जाता है। आप रागी का उपयोग रोटी के रूप में, हलुआ के रूप में, इडली डोसा के रूप में, लड्डू, बिस्किट आदि के रूप में कर सकते हैं। बता दें कि कुछ लोग रागी का उपयोग बर्फी बनाने में भी करते हैं।

 

रागी के जबरदस्त फायदे | Benefits of Ragi in Hindi

benefits of ragi

रागी के जितने नाम है उससे कई अधिक रागी के फायदे हैं। तो आइये एक-एक करके रागी के फायदों के बारे में जानते हैं।

 

1. कैल्शियम की कमी को दूर करने में है फायदेमंद

दोस्तों शरीर में सभी जरुरी पोषक तत्वों का होना अति आवश्यक है। यदि शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है तो शरीर में कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे ही तत्वों में से एक तत्व कैल्शियम है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरुरी है। कैल्शियम की कमी से ना सिर्फ हमारे शरीर की हड्डियां और मासपेशियां कमजोर होती हैं बल्कि इसकी कमी से बच्चों की लम्बाई नहीं बढ़ पाती है, बाल झड़ने लगते हैं और याददाश्त भी कमजोर होने लगती है।

अक्सर लोग कैल्शियम की कमी होने पर कैल्शियम युक्त सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर देते हैं जो हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव डालते हैं। कैल्शियम की कमी को देशी खाद्य पदार्थों का सेवन करके आसानी से दूर किया जा सकता है। सप्लीमेंट्स के लेने से शरीर को जो कैल्शियम चाहिए होता है वह तो मिलता नहीं है अपितु इसके हानिकारक नुकसान देखने को मिलते हैं। जबकि देशी खाद्य पदार्थों के लेने से उच्च कैल्शियम की प्राप्ति होती है एवं इससे शरीर को किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं पहुँचती है। बता दें की रागी में सबसे अधिक कैल्शियम पाया जाता है। रागी का रोजाना आहार में उपयोग करने से कैशियम की कमी को आसानी से दूर किया जा सकता है।

 

2. रागी के उपयोग से करें कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित

कोलेस्ट्रॉल शरीर के रक्त में पाया जाने वाला वसा है जो कि शरीर की कार्य प्रणाली के लिए अति आवश्यक है। लेकिन कोलेस्ट्रॉल के बढ़ जाने से यह अत्यधिक घातक हो जाता है इसलिए बढ़ते हुए कोलेस्टॉल पर नियंत्रण करना बेहद जरुरी है। कोलेस्टॉल के बढ़ने के कारण शरीर में रक्त के थक्के बन जाते हैं जिससे ह्रदय से सम्बंधित कई बीमारियां हो जाती हैं। बता दें कि रागी में लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल पाये जाते हैं जो लीवर में मौजूद वसा को कम कर देता है। इसके यह अम्ल लीवर में वसा को जमने भी नहीं देते हैं। यदि आप आसानी से कोलेस्ट्रॉल को कम करना चाहते हैं तो रागी का इस्तेमाल आपके लिए लाभकारी रहेगा।

 

3. मधुमेह रोग को नियंत्रित करने में फायदेमंद है

मधुमेह रोग (diabetes) आजकल काफी प्रचलित हो गया है। बता दें कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर सबसे अधिक मधुमेह के रोगी हैं इसलिए भारत को डायबिटीज का कैपिटल कहा जाता है। यह एक गंभीर रोग है जिसका ठीक होना संभव नहीं है क्योंकि यदि किसी व्यक्ति को एक बार यह रोग हो जाता है तो पूरी जिंदगी उस व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ता है। लेकिन मधुमेह रोग पर नियंत्रण करके इसे रोका जरूर जा सकता है।

रागी में प्रचुर मात्रा में पॉलीफेनोल और फाइबर पाया जाता है जो कि मधुमेह को कम करता है, यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड है जो खाने की तृष्णा अर्थात क्रेविंग को कम करता है। इसके आलावा रागी अनाज में फाइटोकेमिकल्स तत्व भी पाए जाते हैं जो शरीर की पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। जिसकी वजह से शरीर को ऊर्जा की प्राप्ति होती है। रागी का सेवन करने से शरीर में ग्लूकोस का स्तर कम होता है जो कि मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए जरुरी होता है।

 

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4. खून की कमी को बढ़ाने में है फायदेमंद

रागी खून की कमी से पीड़ित लोंगो के लिए वरदान है क्योंकि रागी में आयरन की उच्च मात्रा पाई जाती है जो की शरीर में खून के स्तर को बढ़ाता है। प्रायः खून की कमी को एनीमिया रोग कहा जाता है जो की सबसे ज्यादा महिलाओं और बच्चों में देखा जाता है। खून बढ़ाने के लिए आप रागी का उपयोग किसी भी रूप में कर सकते हैं लेकिन रागी के बीजों को अंकुरित करके सुबह खाली पेट सेवन करना खून बढ़ाने का सबसे बेहतर ईलाज है। इस उपाय को करने से जल्द खून की कमी को दूर किया जा सकता है।

 

5. वजन कम करने में है फयदेमंद

अक्सर आपने सुना होगा कि रोटी कम खाने से वजन कम हो जाता है लेकिन बता दें की यह वजन सिर्फ उतने समय के लिए ही कम होता है जब तक रोटियों का सेवन कम किया जाये यदि आप एक दो दिन उसी मात्रा में रोटी खाने लगे जिस मात्रा में पहले खाते थे तो आपका वजन ज्यों का त्यों हो जायेगा। इसी लिए अगर वजन काम करना ही है तो रागी एक अच्छा उपाय है। दोस्तों रागी में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो वजन को कम करता है। इसलिए यदि अन्य अनाजों की रोटी का सेवन करने की अपेक्षा यदि आप रागी अनाज से बनी रोटियों का सेवन करेंगे तो आपका वजन निश्चित ही कम हो जायेगा ।

 

6. शिशुओं के लिए फायदेमंद है रागी

रागी एक पौष्टिक आहार है जो ना सिर्फ बड़ों के लिए फायदेमंद है बल्कि बच्चों के लिए भी गुणकारी है। प्रायः बच्चों का छः माह के हो जाने के बाद उनको पौष्टिक अनाज आहार के रूप में दिया जाता है जो कि बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए अति महत्पूर्ण होता है। रागी में कैल्शियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। कैल्शियम और प्रोटीन वह तत्व है जो किसी भी शिशु के विकास के लिए जरुरी होते हैं। इसके आलावा रागी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, एंटी-डायबिटिक गुण भी पाए जाते हैं जो शिशुओं को कई बीमारियों से बचाते हैं। वस्तुतः कुछ शिशुओं में खून की कमी पाई जाती है तो हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि रागी में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है जिसके सेवन करने से खून की कमी भी दूर हो जाती है।

नोट – शिशु को यदि आप पहली बार रागी का सेवन करा रहे हैं तो रागी की मात्रा सीमित रखें। क्योंकि रागी की अत्यधिक मात्रा का सेवन शिशु को नुकसान पंहुचा सकता है।

 

7. माँ के दूध को बढ़ाने में है फायदेमंद

चिक्तिसकों का कहना है कि नवजात शिशु के लिए माँ का दूध अमृत के सामान है। अतः शिशु को कम से कम छह माह तक केवल माँ के दूध का ही सेवन कराना चाहिए। यदि शिशु को माँ के दूध की मात्रा कम मिलती है तो यह शिशु के विकास में मुख्य बाधा बनती है। शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए माताओं को रागी का उपयोग करना चाहिए। रागी में अमीनो अम्ल, कैल्शियम, आयरन उच्च मात्रा में पाया जाता है। यह वो तत्व हैं जो कि माँ का दूध बढ़ाने के लिए मदद करते हैं। बता दें गर्भावस्था के दौरान रागी का सेवन अति लाभकारी होता है।

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8. रक्तचाप को कम करने में है फायदेमंद

आमतौर पर रक्तचाप बढ़ने की समस्या आम हो गई है। रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन रक्तचाप की दवाई का सेवन करना पड़ता है। रागी में बहुत से तत्व ऐसे होते है जो कि रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं। बता दें कि प्रतिदिन रागी के आटे की रोटी खाने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है।

 

रागी के अन्य गुणकारी फायदे | Some Other Benefits of Ragi in Hindi

1. रागी त्वाचा के लिए बेहद लाभकारी है। रागी के उपयोग से त्वचा मुलायम, जंवा और खूबसूरत बनती है। त्वचा को निखारने के लिए आप रागी के आटे का उपयोग उपटन के रूप में कर सकते हैं।

2. रागी के सेवन से हड्डियां मजबूत बनती है क्योंकि रागी में कैल्सियम की मात्रा अत्यधिक होती है।

3. रागी अनाज पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। बता दें कि रागी में ऐल्कलाइन तत्व पाया जाता है जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है।

4. रागी एक मोटा अनाज होने के साथ-साथ इसमें फाइवर जैसे कुछ गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो कब्ज की बीमारी को दूर करते हैं।

 

रागी से होने वाले नुकसान | Side Effects of Ragi in Hindi

जिस प्रकार एक सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार हर चीज के भी दो पहलु होते हैं। एक लाभदायक और दूसरा नुकसानदायक हालाँकि रागी के फायदे अनेक है और नुकसान ना के बराबर है। फिर भी हमें रागी से होने वाले नुकसान की जानकारी होनी चाहिए। तो आइये जानते है रागी के क्या नुकसान है –

1. रागी के अत्यधिक सेवन करने से ऑक्सालिक अम्ल (Oxalic acid) का संचार तेज गति से होने लगता है। यह अम्ल पथरी वाले रोगियों को नुकसान करता है।

2. रागी का अत्यधिक सेवन किडनी वाले मरीजों के लिए नुकसान दायक होता है।

3. बच्चों को रागी का अधिक सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है।

 

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तो दोस्तों ये थी रागी (Ragi in hindi) से जुड़ी कुछ जानकारी। हम आशा करते हैं की आप रागी के समस्त फायदे और नुकसानों से परिचित हो गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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18 COMMENTS

  1. Raging is so beneficial is amazing food to eat

    • Santosh ji, it is known as ‘Ragi’ not Raging.
      By the way thanks for your comment..

    • Thanks for the appreciation Vrajlal Ji.

    • धन्यवाद अर्जुन जी।

  2. प्रकाशवीर

    रागी अनाज के बारे में आप द्वारा बहुत विस्तार से सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई गयी है।जो लोग इसके उपयोग से वंचित हैं वे भी इस लेख को पढ़कर लाभान्वित होंगे।साधुवाद।

  3. अमित श्रीवास्तव

    बहुत अच्छी जानकारी, धन्यवाद

  4. Raagi is awesome, but amazed to know that is usedin making of barfi .

  5. excellent uses of Raagi. Thank you

  6. इसे रोज़ कितनी मात्रा में कहना चाहिए, मेर मतलब है की अगर हम गेहू की जगह रागी की रोटी सुबह शाम खाए तो आटे की मात्रा कितनी होना चाहिए

    • Raj bahadur singh

      Raggi kitni matrra mein khana chayie

  7. Raebareli se Hai ye Kaha milegi

  8. May we use Raagi flour with others daily use flour just as maize. baajra. and daily using flour to make roti. Please send few recipes of Raagi flour to use…

  9. Where ragi is available, can be get from kiryana store ? Can be get ragi in the shape of Atta ?

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