About Kismis Ke Fayde: प्रत्येक मनुष्य की पसंद अलग होती है इसलिए प्रकृति ने हमें विभिन्न प्रकार के अनाज, फल, सब्जियां, मेवा प्रदान किये हैं। ये वस्तुएं केवल हमारे स्वाद के लिए ही नहीं हैं बल्कि शरीर को स्वस्थ बनाने और कई रोगों से निजात दिलाने में भी उपयोगी हैं किन्तु जानकारी के आभाव में कई लोग इनका लाभ नहीं उठा पाते हैं। ऐसे में आज हम आप से किशमिश (raisins) के फायदों की बात करने वाले हैं जो खाने में तो बच्चों से लेकर बुजुर्गों को सभी को भाति है परन्तु इसके औषधिये गुणों से कई लोग अनजान होंगे। तो चलिए किशमिश के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या होती है किशमिश | What is Raisins in Hindi
किशमिश एक प्रकार का बेहद स्वादिष्ट सूखा मेवा है जिसका निर्माण अंगूर से किया जाता है। आपको बता दें कि किशमिश का वैज्ञानिक नाम विटिस विनीफेरा (Vitis Vinifera) है। किशमिश आकार में मुन्नका (Munakka) से छोटी होती है जिसका स्वाद मीठा व हल्का खट्टा होता है। किशमिश की उत्पत्ति सबसे पहले कहाँ हुई इसके बारे में कोई आधिकारिक तथ्य मौजूद नहीं है परन्तु इसके स्वाद व गुणों की वजह से आज इसका उत्पादन दुनियाभर में किया जाता है।
किशमिश की तासीर :
किशमिश खाना तो अधिकतर लोग पसंद करते हैं लेकिन इसकी तासीर के विषय में बेहद ही कम लोग जानते हैं। यदि आपको भी किशमिश की तासीर के विषय में जानकारी नहीं है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किशमिश की तासीर गर्म होती है। लेकिन पानी में भिगोकर किशमिश का उपयोग करने पर इसकी तासीर ठंडी हो जाती है।
किशमिश के प्रकार | Types of Raisins in Hindi
किशमिश के रंग और स्वाद के आधार पर इसके कई प्रकार होते हैं। यदि आप अभी तक किशमिश के प्रकारों से अनजान हैं तो चलिए अब हम आप आपको किशमिश के विभिन्न प्रकारों से परिचित कराने वाले हैं।
1. काली किशमिश | Currants
काली किशमिश का निर्माण काले अंगूरों को सुखाकर किया जाता है एवं इस प्रकार की किशमिश का निर्माण करने में तीन सप्ताह तक का समय लग सकता है। खास बात यह है कि काली दिखने में जितनी आकर्षित लगती है उतनी ही अधिक मुलायम होती है। आपको बता दें कि काली किशमिश को करंट किशमिश के नाम से भी जाना जाता है।
2. गोल्डन किशमिश | Sultanas
गोल्डन किशमिश को एक विशेष प्रकार के अंगूर सुल्ताना से तैयार किया जाता है। इस अंगूर की खास बात यह है कि इसका रंग हल्का हरा होता है लेकिन इसको एक तैलीय पदार्थ में भिगोकर तैयार किया जाता है जिसकी वजह से इसका रंग गोल्डन हो जाता है। इसी वजह से इस प्रकार की किशमिश को गोल्डन किशमिश के नाम से जाना जाता है। गोल्डन किशमिश का उत्पादन मुख्य रूप से तुर्की में किया जाता है।
3. भूरी किशमिश | Natural Seedless Raisins
इस प्रकार कि किशमिश को भूरी किशमिश इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका रंग भूरा होता है। हालाँकि स्वाद और आकार भूरी किशमिश का सामान्य किशमिश की तरह ही होता है।
दोस्तों इन तीन प्रकार के अलावा भी अलग अलग जगहों व देशों में किशमिश के कुछ और भी प्रकार देखने को मिल जाते हैं जैसे कि muscat raisins, flame seedless raisins, मुनक्का आदि
किशमिश के विभिन्न नाम | Some Other Names of kismis (Raisins)
किशमिश एक प्रकार का स्वादिष्ट मीठा मेवा है जिसको केवल अलग-अलग प्रकारों के रूप में ही नहीं जाना जाता बल्कि विभिन्न भाषाओं के आधार पर अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। इसलिए अब हम आपको किशमिश के विभिन्न नामों से अवगत कराने वाले हैं।
किशमिश का अंग्रेजी में नाम – राइसिन
किशमिश का फ्रेंच में नाम – रजिन सेक
किशमिश का मलयालम में नाम – उनक्कु मुन्थिरिंगा
किशमिश का तेलुगु में नाम – एंडुद्राक्षा
किशमिश का तमिल में नाम – ऊलर धराक्षी
किशमिश का कन्नड में नाम – वोनाद्राकशी
किशमिश का गुजराती में नाम – लाल द्राक्ष
किशमिश में मौजूद पोषक तत्व | Nutrients of Raisins in Hindi
किशमिश में कई प्रकार के पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। दरअसल किशमिश में आयरन, कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटैशियम, फाइबर, प्रोटीन, सोडियम, विटामिन C, विटामिन ई, विटामिन के, विटामिन-बी 6, सिलेनियम, कॉपर, जिंक, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, फोलेट सहित एंटीऑक्सीडेंट तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
किशमिश के स्वास्थ्य लाभ | Kismis Ke Fayde
किशमिश मनुष्य को स्वस्थ रखने वाली एक गुणकारी मेवा है। यदि आप अपनी सेहत को तंदरुस्त रखना चाहते हैं तो आप किशमिश का उपयोग कर सकते हैं। दरअसल किशमिश कई प्रकार के रोगों को ठीक करने में प्रभावी सिद्ध होती है। चलिए अब आपको किशमिश से होने वाले विभिन्न प्रकार के फायदों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
1. पीलिया रोग में किशमिश का उपयोग होता है फायदेमंद
पीलिया रोग लिवर की कमजोरी और शरीर में खून की कमी के कारण होता है। हालाँकि पीलिया रोग के कई कारण होते हैं लेकिन यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया गया तो पीलिया रोग की वजह से पाण्डु रोग हो जाता है जो बेहद घातक होता है। पीलिया रोग में रोगी के नाखून, आँखे और त्वचा का रंग पीला हो जाता है इसलिए इस रोग को आसानी से पहचाना जा सकता है।
यदि आप पीलिया से ग्रस्त हैं तो आप किशमिश का उपयोग कर सकते हैं। दरअसल किशमिश में आयरन, फाइबर, प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो पीलिया को नियंत्रित करने में फायदेमंद होता है।
2. धातुक्षीणता में किशमिश होती है लाभदायक
धातुक्षीणता वर्तमान समय की एक ज्वलंत समस्या बन गई है अतः इस समस्या से अधिकतर लोग परेशान हैं। यदि आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो आप किशमिश का उपयोग कर सकते हैं। दरअसल किशमिश में कई प्रकार के गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो धातुक्षीणता से निजात दिलाने में लाभकारी होते हैं। आपको बता दें कि नियमित रूप से लगभग दो माह तक सुबह नाश्ते के रूप में 25 ग्राम किशमिश का सेवन करने से धातुक्षीणता की समस्या धीरे-धीरे ठीक होने लगती है।
3. बड़े हुए अंडाकोष में किशमिश का उपयोग होता है लाभकारी
अंडाकोष की समस्या को हाइड्रोसील (Hydrocele) के नाम से जाना जाता है एवं यह समस्या आमतौर से पुरुषों को होती है। आपको बता दें कि आमतौर पर यह परेशानी अंडाकोष में अत्यधिक पानी भर जाने के कारण होती उत्पन होती है जिससे अंडकोष की थैली फूल जाती है। हालाँकि यह समस्या किसी प्रकार की चोट लगने की वजह से या नसों में सूजन आने के कारण अथवा वंशानुगत, जन्मजात आदि कारणों से उत्पन्न हो सकती है। यदि आप इस परेशानी से उबरना चाहते हैं तो आप प्रतिदिन किशमिश का सेवन शुरू कर सकते हैं।
4. कब्ज को खत्म करने में किशमिश है असरदार
सुनने में छोटा लगने वाला कब्ज शरीर के लिए बेहद खतरनाक होता है क्योंकि यह एक ऐसा विकार है जो अनेक रोगों को उत्पन्न करने में सहायक होता है। आज के समय में कब्ज से पीड़ित रोगी प्रत्येक घर में आसानी से मिल जाता है अतः कब्ज एक सामान्य रोग बन गया है जिसकी गिरफ्त में अधिकांश लोग हैं।
आपको बता दें कि कब्ज को दूर करने में किशमिश बेहद लाभकारी औषधि है। इसलिए यदि आप कब्ज से परेशान हैं तो आप प्रतिदिन भीगी हुई किशमिश का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल किशमिश में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कब्ज से निजात दिलाने में फायदेमंद होता है।
5. मुंह की दुर्गन्ध से छुटकारा दिलाती है किशमिश
दांतों की ठीक से सफाई नहीं करने की वजह से, पायरिया रोग होने के कारण, पानी का सेवन न करने की वजह से, कफ विकृति, अजीर्ण, आदि कारणों से मुंह में दुर्गन्ध आने लगती है। यह न केवल स्वयं को परेशानी उत्पन्न करती है अपितु समीप वाले व्यक्ति को भी परेशान करती है।
यदि आप मुंह से आने वालो दुर्गन्ध से परेशान हैं तो आपके लिए किशमिश का उपयोग किसी चमत्कारी जड़ी बूटी से कम साबित नहीं होगा। दरअसल किशमिश को प्रतिदिन चबा-चबाकर खाने से मुंह से आने वाली दुर्गन्ध ठीक हो जाती है।
6. वजन को कम करने में किशमिश होती है उपयोगी
आजकल अधिकतर लोग लम्बे समय तक कम्प्यूटर पर या ऑफिस में बैठ कर कार्य करते हैं जिसकी वजह से उनका वजन बढ़ जाता है। इसके आलावा जंक फूड, फास्ट फूड अनियमित दिनचर्या, गलत खान-पान आदि भी वजन बढ़ाने के मुख्य कारण होते हैं। हम यह भी बेहद अच्छी तरह जानते हैं कि वजन बढ़ाना जितना आसान होता है उतना ही मुश्किल वजन को कम करना होता है। चूँकि वजन बढ़ने की समस्या से एक या दो लोग पीड़ित नहीं है अपितु सम्पूर्ण विश्व में करोड़ों लोग वजन बढ़ने की परेशानी से जूझ रहे हैं।
यदि आप भी वजन बढ़ने की समस्या से परेशान हैं एवं वजन को कम करना चाहते हैं तो आप किशमिश का उपयोग कर सकते हैं। दरअसल किशमिश में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो वजन को कम करने में उपयोगी होता है।
7. आयरन की कमी को करें किशमिश से दूर
आयरन की जरुरत प्रत्येक मानवीय शरीर को होती है। लेकिन जब व्यक्ति के शरीर में आयरन की कमी जाती है तो उसे कई प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि आयरन की कमी से शारीरिक थकान, त्वचा की रौनक गयाब होना, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी के आलावा गंभीर रोग एनीमिया हो जाता है।
इसलिए यदि आपके शरीर में आयरन की कमी है तो आप इसे दूर करने के लिए किशमिश का सहारा ले सकते हैं। किशमिश में आयरन उच्च मात्रा में पाया जाता है जो आयरन की कमी को दूर करने में फायदेमंद साबित होता है।
8. एसिडिटी को शांत करने में किसमिश है प्रभावी
वर्तमान समय में एसिडिटी एक सामान्य समस्या बन गई है। परन्तु हर व्यक्ति इस समस्या से जल्द से जल्द छुटकार पाना चाहता है। एसिडिटी से सीने और पेट में जलन होने लगती है जो व्यक्ति के सपूर्ण शरीर को प्रभावित करती है। आपको बता दें कि एसिडिटी तेज मसालेदार भोजन करने से, अधिक चाय-कॉफी का सेवन करने से या फिर अधिक समय तक भूखे रहने से होने लगती है।
यदि आप एसिडिटी की समस्या से ग्रस्त हैं तो आप किशमिश का उपयोग कर सकते हैं। दरअसल किशमिश में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं जो एसिडिटी को शांत करने में प्रभावी होते हैं।
किशमिश के अन्य फायदे | Some Other Benefits of Raisins in Hindi
1. किशमिश में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में प्रभावी होता है।
2. किशमिश में कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में जरूरी होता है।
3. इसमें विटामिन ए, बी-कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी और सेलीनियम पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में लाभकारी होता है।
4. किशमिश में विटामिन ए पाया जाता है जो आँखों को स्वस्थ रखने में फायदेमंद होता है।
5. किशमिश में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो कई प्रकार के त्वचा संबंधी रोगों को ठीक करने में असरदार होते हैं।
6. किशमिश में विटामिन ई, प्रोटीन सहित एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो बालों के लिए फायदेमंद होते हैं।
7. इसमें एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं जो कई प्रकार के कैंसर को नियंत्रित करने में प्रभावी होते हैं।
8. यूरिन संक्रमण को नियंत्रित करने में किशमिश का उपयोग लाभकारी होता है।
किशमिश का उपयोग | Uses of Raisins in Hindi
किशमिश के फायदों को जानने के पश्चात अमूनन पाठकों के मन में यह विचार अवश्य चल रहा होगा कि आखिर किशमिश का उपयोग कौन-कौनसे प्रकार से किया जा सकता है। तो चलिए आपकी इस समस्या को हल करने के लिए अब हम आपको बताते हैं कि आप किसमिश का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।
1. किशमिश का उपयोग आप चटनी के रूप में कर सकते हैं।
2. इसका इस्तेमाल आप पानी में भिगोकर सुबह नाश्ते के रूप में कर सकते हैं।
3. सूप में डालकर किशमिश का उपयोग कर सकते हैं।
4. सब्जी, सलाद, पुलाव में डालकर आप किशमिश का उपयोग कर सकते हैं।
5. खीर, लड्डू में आप किशमिश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. मिठाई के रूप में किशमिश का उपयोग कर सकते हैं।
किशमिश से होने वाले नुकसान | Side Effects of Raisins in Hindi
किशमिश सेहत के लिए फायदेमंद होती है लेकिन यदि किशमिश का उपयोग गलत तरीके से किया जाता है तो यह शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इसलिए अब हम आपको किशमिश से होने वाले नुकसानों से अवगत कराने वाले हैं।
1. किशमिश में शुगर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पाई जाती है। इसलिए किशमिश का अधिक सेवन मधुमेह से ग्रस्त रोगियों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हालाँकि चिकित्सक का परामर्श लेकर आप किशमिश का उपयोग कर सकते हैं।
2. किशमिश दस्तावर होती है इसलिए अतिसार से पीड़ित रोगियों के लिए किशमिश का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
3. किशमिश की तासीर गर्म होती है। इसलिए ऐसे बच्चों के लिए किशमिश का उपयोग हानिकारक माना जाता है जिसको ग्रीष्म और वर्षा ऋतू में फोड़े फुंसियों की समस्या होती है।
4. किशमिश का अधिक सेवन करने से गैस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
तो दोस्तों ये थी किशमिश (raisins in hindi) से जुड़ी कुछ जानकारी। हम आशा करते हैं कि आप kismis ke fayde और नुकसान जान गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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