About spinach in Hindi: आजकल अस्वस्थ खान पान और अनियमित दिनचर्या से शरीर में ना तो पर्याप्त शक्ति रहती है और ना ही रोगों से लड़ने वाली रोग निवारक क्षमता। नतीजा यह होता की व्यक्ति थोड़ी भी प्रतिकूल परिस्थिति को सहन नहीं कर पाता है और सहज ही रोगों की चपेट में आ जाता है। रोगों को दूर करने वाली एलोपैथिक चिकित्सा लोगों की जेब खाली कर देती है।
ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी अनोखी पत्तेदार सब्जी से परिचित करवाने जा रहे हैं जो आपको कई रोगों से बचा सकती है। जी हाँ दोस्तों हम बात कर रहें हरी स्वादिष्ट पत्तेदार पालक (spinach) की जो कि शरीर की इम्युनिटी पावर को बढ़ाने के साथ ही शरीर को हस्ट पुष्ट एवं निरोगी बनाने में बेहद ही फायदेमंद होती है। पालक में भरपूर मात्रा में औषधिये गुण पाए जाते हैं जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं इसलिए आज हम आपको पालक के फायदे और इसके विषय में अन्य विस्तृत जानकारी देने वाले हैं।
क्या है पालक | What is Spinach in Hindi
पालक एक हरी पत्तेदार सब्जी है जिसमें कई तरह के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं इसलिए पालक को सुपरफूड भी कहा जाता है। पालक अमरन्थेसी कुल का पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम स्पिनासिया ओलेरेसिया (Spinacia oleracea) है। सदियों से पालक का उपयोग स्वास्थवर्धक सब्जी के रूप में किया जा रहा है। पालक का इस्तेमाल सिर्फ भारत में ही नही बल्कि विदेशों में भी बड़े पैमाने पर किया जाता है एवं इंग्लिश में पालक को स्पिनच (Spinach) के नाम से जाना जाता है।
पालक का पौधा | How is the Spinach plant
पालक ठंडी जलवायु वाला पौधा है इसलिए इसकी खेती शीतकालीन समय में ही की जाती है। पालक का पौधा एक फीट से लेकर दो फीट तक लम्बा होता है जिसमें गहरे हरे रंग की पत्तियां लगती हैं। पालक की पत्तियां चिकनी, त्रिकोणाकृति, मोटी एवं लम्बी होती हैं जो पालक के हल्के मोटे डंठलों में लगती हैं। इसकी पत्तियों के बीच में बड़ा मांसल होता है जो पत्तियों को आकर्षक बनाता है। पालक के पौधे में पीले और हरे रंग के सुंदर फूल लगते हैं।
माना जाता है कि सबसे पहले पालक का उत्पादन ईरान में किया गया था परन्तु इसकी गुणवत्ता के कारण पूरी दुनिया में पालक की खेती होने लगी है। आपको जानकर हैरानी होगी की पालक केवल एक ही किस्म की नहीं होती है अपितु पालक कई किस्मों में पाई जाती है। जैसे कि जोबनेर ग्रीन, पंजाब सिलेक्शन, पूसा हरित, पंजाब ग्रीन, ऑल ग्रीन, अर्का अनुपमा। यह सभी पालक की ही किस्में हैं। इन किस्मों को पालक की उन्नत किस्में कहा जाता है क्यूंकि इनका उत्पादन उच्च मात्रा में होता है।
पालक में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व | Nutrients of Spinach in Hindi
पालक पौष्टिक गुणों की खान है। यह एक हरी पत्तेदार सब्जी है जिसकी पत्तियों में विटामिन ए, विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम, मेग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, फाइबर, प्रोटीन, पोटैशियम, मैगनीज, फोलिक एसिड, फोलेट, कॉपर, सोडियम, फॉस्फोरस, विटामिन बी-12, नियासिन, थाइमिन, विटामिन डी, राइबोफ्लेविन, ज़िंक, सेलेनियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
पालक के विभिन्न नाम | Some other names of Spinach
पालक एक व्यापक खाद्य पदार्थ है जिसका इस्तेमाल देश विदेशों में भरपूर मात्रा में किया जाता है इसलिए भारत के राज्यों और अनेक देशों में अपनी भाषा के अनुरूप पालक को अलग-अलग प्रकार के नामों से जाना जाता है। तो आईए जानते हैं कि पालक को अन्य किस प्रकार के नामों से जाना जाता है।
पालक का संस्कृत में नाम – ग्राम्यवल्लभा
पालक का हिंदी में नाम – पालक
पालक का बंगाली में नाम – पिनिस
पालक का गुजराती में नाम – पालखनी भाजी
पालक का तमिल में नाम – -वसैयीलैकीराई
पालक का तेलगु में नाम – टुम्पा चाली
पालक का पंजाबी में नाम – बीज पालक
पालक का नेपाली में नाम – पालुङ्गो
पालक का लेटिन में नाम – स्पिनेसिया ओलेरेसिया
पालक के चमत्कारी फायदे | Benefits of Spinach in Hindi
भारत और एशिया में सहज मिलने वाली पालक को सब्जियों का राजा कहा जाता है क्यूंकि इसमें अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक मात्रा में विटामिन्स और खनिज पाए जाते हैं इसलिए डॉक्टर भी हमेशा पालक खाने की सलाह लोगों को देते हैं। अधिकतर लोग पालक के विषय में तो जानते हैं लेकिन इससे होने वाले फायदों के बारे में नहीं जानते। तो चलिए विस्तार से इसके फायदे जानते हैं –
1. एनीमिया रोग से दिलाता है छुटकारा
असंतुलित खान पान और रहन सहन के कारण कई बार लोग ऐसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं जिसकी वजह से उनको कई तरह की शारीरिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। ऐसी ही एक बीमारी का नाम है एनीमिया जो शरीर में आयरन की कमी के कारण होती है। जब व्यक्ति का हीमोग्लोबिन सामान्य मात्रा से कम हो जाता है तो इसको एनीमिया कहा जाता है।
अक्सर एनीमिया रोग किशोरियों और महिलाओं को ही होता इससे कई बार गर्भवती महिलाओं और गर्भ में पल रहे शिशु की जान भी चली जाती है। एनीमिया की बीमारी को दूर करने का सबसे श्रेष्ठ घरेलु यदि कोई उपाय है तो वो पालक ही है। पालक में आयरन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो एनीमिया को दूर करने वाले मुख्य घटक होते हैं।
2. मोटापा को कम करने में है सहायक
मोटापा रोग वर्तमान समय में सबसे अधिक फैल रहा है इसलिए मोटापा से पीड़ित लोगों को चारों ओर देखा जा सकता है। मोटापा एक ऐसा रोग है जो शरीर को बेडौल तो बनाता ही है साथ ही निष्क्रिय जीवन जीने के लिए मजबूर भी कर देता है। इसलिए मोटे लोग अनेक घातक और गभीर रोगों के जाल में जकड़ जाते हैं। मोटापा कम करने के लिए कई बार लोग सर्जरी का सहारा भी लेते हैं लेकिन अनेक बार लोगों को सर्जरी के दुष्यपरिणामों का भी सामना करना पड़ता है।
यदि आप सरल और सहज तरीके से अपना वजन कम करके मोटापा कम करना चाहते हैं तो आप पालक का इस्तेमाल कर सकते हैं। पालक में कैलोरी की मात्रा बेहद कम पाई जाती है जबकि फाइबर अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है जो वजन को आसानी से कम करने में सहायक होता है।
3. बढ़ते रक्तचाप और ह्रदय के लिए है उपयोगी
ह्रदय का प्रमुख कार्य है समस्त शरीर में रक्त के रूप में ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों को पहुँचाना। शरीर को इन कार्यों को करने के लिए ह्रदय को जरुरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है इसलिए ह्रदय को धमिनियों पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन दुर्भाग्यवश ह्रदय से सम्बंधित रोग बढ़ते ही जा रहे हैं जिसकी वजह से कभी व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित रहता है तो कभी निम्न रक्तचाप से ग्रस्त रहता है।
पालक एक ऐसा सुपरफूड है जो ह्रदय को स्वस्थ बनाने के आलावा बढ़ते रक्तचाप के स्तर को सामान्य करता है। बता दें कि पालक में नाइट्रेट्स, पेप्सिन एंजाइम, मैग्नीशियम, पोटैशियम पाया जाता है जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
4. अंधापन को दूर करता है पालक
भारत में लाखों की संख्या में छोटे बच्चे हैं अंधे हैं क्यूंकि उन्हें भोजन में विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से बच्चे अंधे हो जाते हैं। एक शोध के मुताबिक ज्ञात हुआ कि विटामिन ए की कमी से 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों को अंधा होने का अधिक खतरा रहता है। आंध्रप्रदेश, बिहार, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल आदि प्रांतों में लोग चावल का सेवन अधिक करते हैं जिसकी वजह उनको पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए नहीं मिल पाता है इसलिए भारत के अन्य प्रांतों कि तुलना में आंध्रप्रदेश, बिहार, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल आदि प्रांतों में विटामिन ए कि कमी से बच्चों में अंधापन अपेक्षाकृत अधिक पाया जाता है।
पालक विटामिन ए का मुख्य स्तोत्र है जो आँखों के अंधेपन को दूर करने में बेहद लाभकारी होती है। माना जाता है कि जो लोग प्रतिदिन पालक का सेवन करते हैं उनकी आँखों कि तेज रोशनी बुढ़ापे तक बनी रहती है।
5. कब्ज से दिलाता है मुक्ति
कब्ज पेट के सभी रोगों को जन्म देने वाली जड़ है। प्रायः कब्ज देखने और सुनने में तो साधारण लगता है लेकिन वास्तव में यह बहुत ही भयानक और गंभीर समस्या होती है। कब्ज से ग्रस्त लोगों का सुबह शाम का आधा समय शौंचालय में बैठकर मल त्याग करने में ही गुजर जाता है एवं कई बार लोग दो तीन दिन तक मल त्याग नहीं कर पते हैं परिणाम स्वरुप उनको शारीरिक रोगों का सामना करना पड़ता है। पालक को कब्ज दूर करने की औषधि माना जाता है। पालक में अत्यधिक पानी, फाइबर, मैग्निशयम पाया जाता है जो कब्ज से छुटकारा दिलाता है।
6. लीवर को बनाता है स्वस्थ
लीवर यानि यकृत शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि होती है जो पेट के दांय भाग में स्थित होती है। बता दें की लीवर में शरीर के अनेक प्रकार के जरुरी तत्वों का निर्माण होता है। रक्त वाहिनियों से लिवर का गहरा सम्बन्ध होता है। यह ह्रदय, मस्तिष्क, आँत, तिल्ली, गुर्दा इत्यादि को प्रभावित करता है इसलिए लिवर के रोगों की वजह से शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं। अतः लीवर ख़राब होने से व्यक्ति का सम्पूर्ण शरीर कई समस्याओं से ग्रस्त हो जाता है।
लीवर को स्वस्थ बनाने में पालक बेहद गुणकारी होती है। पालक में मैग्नीशियम, फोलिक एसिड, लोहा, विटामिन सी, विटामिन बी 2, पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो लीवर को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं।
7. बच्चों के मानसिक विकास के लिए है जरुरी
प्रायः सभी माता पिता की चाहत होती है कि उनके बच्चे का मानसिक विकास तेज एवं स्वस्थ हो लेकिन कई बार जब बच्चा मानसिक विकार के साथ जन्म लेता है तो माता पिता के लिए बड़ी दुःखद स्थिति बन जाती है एवं मानसिक विकारों को दूर करना बेहद ही कठिन होता है। अतः बच्चे का मंदबुद्धि होना अथवा अन्य विकारों से ग्रस्त होना बच्चे के लिए तो दुखदाई होता ही है साथ ही माता पिता के लिए भी अत्यंत कष्टकारी होता है।
बता दें की जब गर्भवती महिलायें गर्भवस्था के समय पौष्टिक आहार का सेवन नहीं करती हैं तो उसका सीधा प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है और वह मानसिक रोंगो से ग्रस्त हो जाता है। मानसिक विकारों को नष्ट करने के लिए सबसे जरुरी फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, प्रोटीन, एन्टीऑक्ससिडेंट, विटामिन और मिनरल्स होते हैं। यह सभी पालक में अधिक मात्रा में पाए जाते हैं और बच्चे के मानसिक विकास में फायदेमंद साबित होते हैं।
8. मस्तिष्क के लिए है उपयोगी
मस्तिष्क का स्वस्थ रहना शरीर के लिए बेहद जरुरी होता है एवं मस्तिष्क को स्वस्थ बनाने के लिए तनाव रहित रहना जरुरी है। तनाव एक ऐसा रोग है जो प्रत्येक आयु वर्ग के व्यक्ति को कभी हो सकता है। तनाव के कारण लोगों को डिप्रेशन, माइग्रेन, भूलने की बीमारी, चिड़चडाहट, अत्यधिक गुस्सा आना आदि समस्या उत्पन्न हो जाती हैं। संभवतः प्रत्येक व्यक्ति को किसी ना किसी चीज का तनाव होता ही है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए पालक का सेवन करना फायदेमंद होता है। पालक में फोलिक एसिड, कैल्शियम, बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो मस्तिष्क को तनाव रहित व स्वस्थ बनाता है।
9. शरीर की कैंसर से करे सुरक्षा
दोस्तों कैंसर इस सदी का सबसे भयानक रोग है। प्रतिवर्ष दुनियाभर में लाखों की संख्या में लोग कैंसर की चपेट में आ जाते हैं। भारत में लगभग 70% लोग मुँह, गले में होने वाले कैंसर से पीड़ित है। इसके आलावा स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर की संख्या भी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में कैंसर से 60% to 40% महिलायें गले, मुँह जीभ और फेफड़ों के कैंसर से ग्रस्त हैं।
यदि आप कैंसर से अपने शरीर को बचाना चाहते हैं तो आपके लिए पालक सबसे उत्तम आहार है। पालक में ओमेगा 3, बीटा कैरोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट तत्व, विटामिन सी, विटामिन बी काम्प्लेक्स पाया जाता है जो अनेक तरह के कैंसर से शरीर को बचाने में मदद करता है।
10. कमर दर्द से दिलाता है मुक्ति
यदि आज के दौर की पुराने दौर से तुलना की जाए तो आप देखेंगें कि जहाँ पहले बुजुर्गों को कमर दर्द की शिकायत बेहद ही कम होती थी वही वर्तमान समय में युवा ही नहीं बल्कि बच्चे भी इस समस्या से इस पीड़ित हैं। बता दें कि हमारी कमर की रीड की हड्डी 33 हड्डियों से मिलकर बनी होती हैं जिन्हें हम कशेरुकाएँ कहते हैं। अतः इन कशेरुकाएँ के कमजोर होने की वजह से कमर दर्द होने लगता है।
दोस्तों कशेरुकाओं के कमजोर होने का मुख्य कारण होता है शरीर में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन k की कमी का होना। इस कमी को दूर करने के लिए हमें पालक का इस्तेमाल करना चाहिए। पालक में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन k पाया जाता है जो शरीर में इन तत्वों की कमी को पूरा करके कमर दर्द से मुक्ति दिलाता है।
11. बेरीबेरी रोग में है लाभकारी
शरीर में विटामिन बी1 की कमी से बेरीबेरी रोग हो जाता है। बेरीबेरी रोग में शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, पैरों में सूजन आने लगती है, सांस फूलने लगती है एवं दिल की धड़कन बढ़ने लगती है। अतः यह एक गंभीर रोग है जिससे शरीर की सुरक्षा करना बेहद जरुरी होता है। बता दें की पालक बी काम्प्लेक्स होता है जिसमें विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी3 पाया जाता है जो बेरीबेरी रोग से बचाने में सहायक होता है। अतः पालक का सेवन करके आप इस रोग से अपने शरीर की रक्षा कर सकते हैं।
12. त्वचा का प्राकृतिक श्रृंगार है पालक
स्वस्थ त्वचा सुंदरता की परिचायक होती है। त्वचा को सुन्दर बनाने के लिए अक्सर हम कई तरह के बॉडी लोशन, क्रीम, स्प्रे, का इस्तेमाल करते हैं परन्तु यह त्वचा को सुन्दर केवल कुछ ही क्षणों के लिए बनाते हैं। नेचुरल यानी प्राकृतिक सुंदरता के लिए आपको किसी भी तरह के मार्केट उब्लब्ध प्रोडक्ट की आवश्यकता नहीं होती है। आप बिना श्रृंगार किए भी अपनी त्वचा को सुंदर बना सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी डाइट में पालक का उपयोग करना है। पालक में विटामिन ई, विटामिन ए, विटामिन सी, मैग्नीशियम, प्रोटीन, कैल्शियम, एन्टीऑक्सडेंट एवं एंटी-इन्फ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो त्वचा को ग्लोइंग व खूबसूरत बनाते हैं।
पालक के अन्य फायदे | Some Other Benefits of Spinach in Hindi
1. पालक को इम्युनिटी पवार बढ़ाने का सर्वोत्तम आहार माना जाता है। यदि आपका इम्युनिटी पवार कम है तो पालक आपके लिए वरदान साबित होगी।
2. गर्भवती महिलाओं के लिए पालक बेहद लाभकारी औषधि है। पालक में कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, जिंक प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो गर्भवस्था के समय प्रत्येक गर्भवती महिला के लिए बेहद जरुरी होते हैं।
3. पालक में कैल्शियम और विटामिन k, अधिक पाया जाता है जो हाड़ियों को मजबूत बनाकर जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाता है।
4. पालक में ओमेगा 3, फाइबर, पोटैशियम पाया जाता है जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए कारगार होते हैं।
5. पालक में एन्टीऑक्सडेंट एवं एंटी-इन्फ्लामेट्री तत्व पाए जाते हैं जो मूत्र संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं।
6. पालक में पाए जाने वाले विटामिन्स और मिनरल्स बालों को लम्बा, घना और मजबूत बनाने में फायदेमंद होते हैं।
7. इसमें एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जिसकी मदद से डायबिटीज पर नियंत्रण करना आसान हो जाता है।
8. पालक में पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर में होने वाली खुजली में राहत पहुंचाता है।
9. पालक में फाइबर होता है जो एसिडिटी और अल्सर में फायदेमंद होता है।
10. खून की कमी से होने वाले आँखों के नीचे पड़े काले घेरों को पालक आसानी से खत्म कर देता है।
11. पालक एक एंटी एजिंग के रूप में काम करता है जो असमय आने वाली झुर्रियों को शरीर पर आने से रोकता है।
12. पालक में फ्री रेडिकल से शरीर को बचने के गुण पाए जाते हैं। फ्री रेडिकल शरीर और शरीर की कोशिकाओं के लिए हानिकारक होते हैं इसलिए इनकी रोकधाम करना बेहद आवश्यक होता है।
13. पालक में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो मुहासों, दाग धब्बों को कम करने में फायदेमंद होते हैं।
पालक का उपयोग | Uses of Spinach in Hindi
ज्यादातर लोग पालक की सब्जी बनाकर इसे सिर्फ रोटी या पराठे के साथ ही खाते हैं जबकि बता दें कि पालक को और भी कई अन्य तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है। चलिए आज आपको पालक उपजोग करने के विभिन्न तरीके बताते हैं।
1. पालक का बेहतरीन लाभ लेने के लिए आप प्रतिदिन जूस बनाकर पालक उपयोग कर सकते हैं।
2. चुकंदर और पालक को माध्यम आकर में काटकर सलाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। बता दें की एशिया में पालक की सलाद को बड़े चाव से खाया जाता है।
3. पालक और टमाटर या पालक बेसन की सब्जी बनाकर भी आप पालक का उपयोग किया जाता है।
4. पालक पनीर, पालक आलू के रूप में पालक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
5. पालक को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए पालक पूरी और पालक पराठे के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. पालक का उपयोग भजियों के रूप में कभी भी किया जा सकता है।
7. पालक का नया स्वाद बनाने के लिए चटनी के रूप में आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
8. पालक को तीखा बनाने के लिए आप पालक मसाला बनाकर पालक का उपयोग कर सकते हैं।
9. पालक बेसन के गिट्टे और पालक टमाटर करी बनाकर इसका उपयोग किया जा सकता है।
10. ग्रेवी के रूप में पालक का उपयोग किया जाता है।
पालक से होने वाले नुकसान | Side Effects of Spinach in Hindi
पालक सेहत के लिए अत्यंत गुणकारी है लेकिन गलत या असंतुलित मात्रा में इसका सेवन आपके लिए नुकसान पंहुचा सकता है। इसलिए अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर पालक के सेवन से कौन से नुकसान हो सकते हैं।
1. पालक का इस्तेमाल पथरी से पीड़ित लोगों के लिए नुकसानदायक होता है।
2. पालक के अत्त्याधिक सेवन से पेट और फूल जाता है और कई लोगों में डायरिया होने की शिकायत देखी जाती है।
3. फाइबर पेट के लिए लाभकारी माना जाता है लेकिन फाइबर का अधिक सेवन करने से एसिडिटी और पेट भारी हो सकता है।
4. पालक में यूरिक एसिड पाया जाता है इसलिए यूरिन इन्फेक्शन वाले लोगों को पालक का सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए।
5. पालक में प्यूरिन (purine) और कार्बनिक यौगिक पाया जाता है जिसका अत्यधिक सेवन किडनी को नुकसान पहुंचाता है।
यह भी पढ़िए: चिचिंडा के स्वास्थ्यप्रद लाभ
तो दोस्तों ये थी पालक (Spinach in hindi) से जुड़ी कुछ जानकारी। हम आशा करते हैं की आप पालक के समस्त फायदे और नुकसानों से परिचित हो गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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