About dill leaves in hindi: प्रकृति ने रोगों को दूर करने के लिए असंख्य जड़ी बूटियों को इस धरा पर उत्पन्न किया है। कोई भी औषधि या वनस्पति अनुउपयोगी नहीं है सभी औषधियों में कुछ ना कुछ गुण अवश्य ही पाए जाते हैं अतः सभी तरह की जड़ी बूटियां किसी ना किसी विशेष रोग की दवा होती हैं। ऐसी ही एक गुणकारी और उपयोगी औषधि है सोया। इसके पत्तों को dill leaves के नाम से भी जाना जाता है। यह जड़ी बूटी यूं तो कई रोगों के उपचार में लाभदायक है परन्तु इसका सबसे ज्यादा उपयोग डायबिटीज की दवा के रूप में किया जाता है।
सोया अपने पौष्टिक तत्वों के कारण आज सम्पूर्ण विश्व में लोकप्रिय औषधि बन गई है। प्राचीन समय से ही सोया का इस्तेमाल हम सब्जी और मसालों के रूप में करते आयें हैं लेकिन कभी भी हमने इस से होने वाले औषधिये गुणों के बारे में विचार नहीं किया। बता दें खरपतवार के रूप में पैदा होने वाली dill leaves शारीरिक और मानसिक रूप से शरीर को स्वस्थ रखने वाली फायदेमंद औषधि है। यदि आप ने अभी तक सोया का उपयोग नहीं किया है तो इस लेख को पूरा पढ़िए इसे पढ़ने के बाद आप यकीनन सोया को अपनी डाइट में शामिल करना चाहेंगे।
आखिर सोया क्या है | What is Dill Leaves in Hindi
सोया एक सदाबाहर पौधा है जो एपियेसी (Apiaceae) परिवार से सम्बंधित है। इस आकर्षित पौधे का वानस्पतिक नाम एनाथुम ग्रेवोलेंस (Anethum graveolens) है। सोया का पौधा एक से दो मीटर तक लम्बा होता है जिसमें हरे रंग की कोमल और नाजुक पत्तियां लगती हैं इन्हीं पत्तियों को सोया पत्तियां या dill leaves के नाम से जानते हैं। सोया की पत्तियों की लम्बाई 8 से 20 सेंटीमीटर तक होती है। सोया पौधे में पत्तियों के ऊपर की तरफ गोलाकार खिले हुए पीले रंग के फूल और अंडाकार बीज लगते हैं।
सोया की पत्तियां देखने में एकदम सौंफ की तरह लगती हैं एवं सोया के बीजों में सौंफ की भांति ही सुगंध आती है इसलिए सोया के बीजों को बनसौंफ कहा जाता है। सोया के पौधे मुख्या रूप से अफ्रीका, एशिया, भारत और उष्णकटिबंधीय देशों में पाए जाते हैं। इस पौधे के सम्पूर्ण भाग को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है अर्थात सोया का तना, सोया पौधे की पत्तियां, सोया पौधे के फूल, सोया पौधे के बीज का उपयोग औषधि के रूप में अनेक रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
सोया की पत्तियों में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व | Nutrients of Dill Leaves in Hindi
सोया की पत्तियां बेहद कीमती पत्तियां हैं जिनमें कई रोंगो का विनाश करने की क्षमता होती है। इसलिए सोया का उपयोग विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में किया जा रहा है। आपको बता दें कि सोया की पत्तियों में विटामिन सी, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, फोलेट पाया जाता है। इसके आलावा सोया में फ्लेवोनोइड्स, मोनोटेर्पेनेस (Monoterpene), एंटीमिक्राबियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-कैंसर तत्वों सहित फाइबर, विटामिन बी, कैल्शियम, जिंक और लोहा (Iron) जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
सोया के विभिन्न नाम | Some other names of Dill Leaves
सोया में जिस प्रकार से अलग-अलग तरह के विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं उसी प्रकार सोया को अलग-अलग नामो में से भी जाना जानत है। तो आइये जानते हैं सोया के नाम कौनसे हैं।
सोया का संस्कृत नाम – कारवी
सोया का अंग्रेजी नाम – डिल प्लांट, Dill leaves
सोया का बंगाली नाम – सलूका
सोया का तमिल नाम – सतक्कूपी (Sadakuppi)
सोया का गुजरती नाम – सुवा (Suva)
सोया का तेलगु नाम – शोआ कुरा (Soa-Kura)
सोया का फ़ारसी नाम – शोल
सोया का मराठी नाम – बालंतशेष, शेपू
सोया के फायदे | Benefits of Dill Leaves in Hindi
सोया वनस्पति जगत की एक महत्पूर्ण औषधि है इसलिए आज इसको सुरफूड के नाम से जाना जाता है। सोया के बीज, फूल और पत्तियां हमें कई रोगों से बचाते हैं। अतः सोया एक ऐसी खाद्य वस्तु है जो मनुष्य को स्वस्थ बनाने में कारगर है। इसलिए अब हम आपको बताने वाले हैं की आखिर सोया के इस्तेमाल से हमें कौन-कौन से महत्पूर्ण लाभ प्राप्त होते हैं।
1. सोया पत्तियां यूरिन इन्फेक्शन में हैं फायदेमंद
हमारे शरीर में कई तरह के मूत्र संक्रामक रोग पाए जाते हैं इन्हीं रोगों को संक्षेप में UTI कहा जाता है। बैक्ट्रिया यानी जीवाणु के संक्रमण से होने वाले इस रोग की चपेट में बच्चे, बूढ़े, स्त्री, पुरुष सभी आ सकते हैं लेकिन यह संक्रमण अधिकांश महिलाओं में ही देखा जाता है। UTI यानी Urinary tract infection (यूरिन इंफेक्शन) से ग्रस्त व्यक्ति को मूत्र त्याग करते समय जलन महसूस होती है, बार बार मूत्र आता है, पेशाब का रंग बदला जाता है और उसमें से दुर्गन्ध आती है।
इस बीमारी का इलाज सही समय पर करवाना जरुरी होता है। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो आप सोया पत्तीयों का उपयोग कर सकते हैं। दोस्तों सोया की पत्तियों में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमिक्राबियल (रोगाणुरोधी) तत्वों की प्रधानता होती है जो जीवाणु के संक्रमण को नष्ट करके यूरिन इंफेक्शन की समस्या से निजात दिलाते हैं।
2. मधुमेह रोग में बेहद लाभकारी औषधि है सोया
मधुमेह के रोग को कम करने के लिए सोया पत्तीयों का इस्तेमाल आयुर्वेद में सदियों से किया जा रहा है। बता दें कि मधुमेह के लक्षणों को कम करने के उपायों को जरूर खोज लिया गया है लेकिन इसको पूर्ण रूप से खत्म करने वाली दवाई का सपना अभी भी बना हुआ है अर्थात अभी तक मधुमेह से निजात दिलाने वाली किसी भी तरह की वैक्सीन या दवाई नहीं बनी है। इसलिए इन्सुलिन पर नियंत्रण करके ही मधुमेह रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है। सोया में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroid), विटामिन सी और विटमिन ए पाया जाता है जो शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करके इन्सुलिन को नियंत्रित करते हैं।
3. अनिद्रा की समस्या का निदान करता है सोया
प्रतिदिन मनुष्य को कम से कम आठ घंटे की नींद लेना जरुरी है अतः अनिद्रा नींद से संबधित रोग है जब व्यक्ति को सही तरीके से नींद नहीं आती है तो इस रोग को अनिद्रा कहा जाता है। जीवनशैली में होने वाले परिवर्तनों की वजह से आज दुनियाभर में लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। अनिद्रा की बीमारी ना सिर्फ शारीरिक रोगों को बढ़ावा देती है बल्कि मानसिक बीमारियों को भी उतपन्न करने में सहायक होती है।
अनिद्रा से निजात पाने के लिए सोया पत्तीयों का उपयोग बेहद ही फायदेमंद होता है। सोया पत्तियों में विटामिन बी, फाइबर, फ्लैवोनोइड्स (Flavonoids), एंजाइम और विटामिन्स पाए जाते हैं जो हार्मोन्स में बदलाव करके नींद से संबंधित विकारों को नष्ट करके अनिद्रा की समस्या से निजात दिलाने में मदद करते हैं।
4. पीरियड्स की परेशानियों को दूर करने में है फायदेमंद
महिलाओं को कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है इन्ही से एक समस्या है पीरियड्स यानी मासिक धर्म। मासिक धर्म में होने वाली दिक्क्तों के कारण महिलाओं को मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। यदि आप भी मासिक धर्म में होने वाली दिक्कतों का सामना कर रहे हैं तो आप सोया का इस्तेमाल कर सकते हैं। बता दें कि इसमें कुछ ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं जो हार्मोंस में बदलाव करके पीरियड्स से सम्बंधित परेशानियों से छुटकारा दिलाने में सहायक होते हैं।
5. पिम्पल्स, दाने और फोड़ों का उपचार करता है सोया
वर्तमान समय में पिम्पल्स, त्वचा पर होने वाले छोटे-छोटे दाने और फोड़ों से सम्भवतः हर वर्ग का व्यक्ति परेशान है। यह बीमारियां आमतौर पर गलत खान पान, त्वचा की ठीक से सफाई नहीं करना, अनियमित जीवनशैली, अत्यधिक मेकअप और बैक्ट्रिया के संक्रमण से उत्पन होती हैं। समय पर इनकी रोकधाम नहीं करने की वजह से ये शरीर की सम्पूर्ण त्वचा को क्षति पहुंचाती हैं। पिम्पल्स, दाने और फोड़ों का उपचार करने के लिए सोया एक बेहतरीन विकल्प है। सोया में एंटीमिक्राबियल (रोगाणुरोधी), एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो पिम्पल्स, दाने और फोड़ों को ठीक करने में मदद करते हैं।
6. शरीर में होने वाले विभिन्न प्रकार के दर्द से दिलाता है छुटकारा
हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी की वजह से शरीर के किसी भी भाग में कभी भी दर्द होने लगता है। आमतौर पर सिरदर्द, कमर दर्द, कुलों में दर्द, पैरों में दर्द मुख्या रूप से होता है। शरीर में दर्द का मुख्या कारण विटामिन और खनिज की कमी का होना है। सोया में कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन उच्च मात्रा में पाया जाता है जो शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं जिससे शरीर के किसी भी भाग में असमय दर्द उत्पन्न नहीं होता है।
7. उल्टी, दस्त और पेट के विकारों को ठीक करता है सोया
अक्सर हम उल्टी,दस्त और पेट से सम्बंधित समस्याओं को नष्ट करने के लिए अंग्रजी दवाइयों का सहारा लेते हैं। लेकिन दोस्तों यदि आप देशी पद्धति से उल्टी, दस्त और पेट के विकारों को ठीक करना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे बेहतर उपाय सोया है। सोया में मैग्नीशियम, फाइबर, फ्लैवोनोइड्स और एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं जो पेट से सम्बंधित कब्ज, गैस, डकारों को दूर करने के आलावा उल्टी, दस्त की समस्या का भी अंत करने में सहायक होते हैं।
8. श्वसन सबंधी बिमारियों में लाभकारी है सोया
शरीर का श्वसन तंत्र एक प्रभुक अंग है क्यूंकि इसके माध्यम से ही शरीर के सभी भागों में गैसों का आदान प्रदान होता है। श्वसन तंत्र में होने वाले रोग व्यक्ति के लिए बेहद ही घातक होते हैं। श्वसन तंत्र में सांस लेने में रुकावट के कारण कई बार व्यक्ति की जान भी चली जाती है। अतः श्वसन सबंधी बिमारियों को जल्द से जल्द ठीक करने की कोशिश करना चाहिए।
चूँकि श्वसन सम्बंधित रोग बैक्ट्रिया के संक्रमण की वजह से होते हैं इसलिए इन विकारों को रोकने के लिए एंटीबायटिक दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें की सोया में जीवाणु (bacteria) की रोकधाम करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीमिक्राबियल और एंटीस्टिामिनिक (antihistaminic) तत्व पाए जाते हैं जिसकी मदद से श्वसन सम्बंधित बिमारियों से निजात मिलती है।
9. सोया पत्तियां बंद करती हैं हिचकी का आना
कभी कभी हिचकी का आना एक सामान्य बात है लेकिन किसी भी तीखा खाद्य पदार्थ का सेवन करने के बाद हिचकी का आना एक समस्या का विषय हो सकता है। आपको बता दें कि यदि किसी व्यक्ति को लगातार रोज हिचकी आती है तो मेडिकल साइंस के मुताबिक यह एक बीमारी हो सकती है।
हिचकी न्यूरो बिहेवियरल डिसऑर्डर है जो डायाफ्राम के अनैच्छिक के कारण होता है जिसकी वजह से हमारी स्वरग्रंथि बंद हो जाती है और हमें हिचकी आने लगती है। यदि आपको भी यह समस्या है तो आप सोया पत्तीयों का उपयोग कर सकते हैं। सोया पत्तियों में विटामिन सी, विटामिन ए, एंटीऑक्सीडेंट, एन्टीबैट्रियल तत्व, फाइबर और मैग्नीशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं जो हिचकी आने की समस्या को आसानी से हल कर देते हैं।
सोया के अन्य महत्पूर्ण फायदे | Some Other Benefits of Dill Leaves in Hindi
1. सोया में एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं जो कैंसर को बढ़ावा देने वाले तत्वों को नष्ट करने में मदद करते हैं।
2. कई तरह के खनिज और एंजाइमों से युक्त सोया पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक है।
3. सोया में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो हड्डियों को बलशाली बनाने में फायदेमंद है।
4. सोया के उपयोग से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम मिलता है।
5. सोया में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो दांतो और मसूड़ों को स्वस्थ बनाने में फायदेमंद है।
6. स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सोया पत्तियों का सेवन करना फायदेमंद होता है क्यूंकि सोया पत्तियों में वह सभी तत्व पाए जाते हैं जिनकी आवश्यकत स्तनपान कराने वाली महिलाओं को होती है।
सोया पत्तियों के समस्त उपयोग | Uses of Dill Leaves in Hindi
1. सोया पत्तियों का जूस बनाकर सुबह खली पेट सेवन करना बेहद गुणकारी होता है।
2. सोया का उपयोग आप बेसन की सब्जी बनाकर या सादा सब्जी बनाकर कर सकते हैं।
3. सोया का अधिक लाभ लेने के लिए सोया पत्तियों और तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं।
4. सोया पत्तियों का उपयोग आप पराठे और पूड़ी बनाकर कर सकते हैं।
5. चर्म रोगों से छुटकारा पाने के लिए नीम और सोया पत्तियों का पेस्ट बनाकर उपयोग कर सकते हैं।
6. सोया की पत्तियों का चूर्ण बनाकर मेथी, सौंफ या सोंठ के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं।
सोया पत्तियों से होने वाले नुकसान | Side Effects of Dill Leaves in Hindi
जैसा की हम अपने लेख में हर बार किसी भी खाद्य वस्तु से होने वाले फायदों के बारे में आपको अवगत करते हैं तो ठीक उसके विपरीत उस खाध पदार्थ से होने वाले नुकसानों के बारे में भी आपको जानकारी देते हैं। इसलिए अब हम आपको बताने वाले हैं सोया पत्तियों का इस्तेमाल करने से किस तरह के शारीरिक नुकसान हो सकते हैं।
1. सोया पत्तियों का अधिक सेवन करने की वजह से शरीर में पित्त बनने लगता है।
2. गर्भवस्था के दौरान सोया पत्तियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्यूंकि यह हार्मोंस में बदलाव करके मासिक धर्म ला सकता है।
3. मधुमेह के रोगियों को इसका सेवन सिमित मात्रा में ही करना चाहिए। अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन करना मधुमेह रोगी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
4. किसी भी तरह की सर्जरी और सर्जरी के बाद सोया पत्तियों का इस्तेमाल करना नुकसानदायक होता है।
तो दोस्तों ये थी सोया (Dill leaves in hindi) से जुड़ी कुछ जानकारी। हम आशा करते हैं की आप सोया के समस्त फायदे और नुकसानों से परिचित हो गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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Bahut hi gyanwardhak jaankaari ke liye dhanyawaad. Asha hai ki aapse aise he article se gyan prapt karenge.