fennel seeds in hindi

About fennel seeds in hindi: आज हम बात कर रहे हैं किचिन को महकाने वाले छोटे-छोटे से Fennel Seeds के दाने की जिसे अधिकतर लोग सौंफ के नाम से जानते हैं। दोस्तो सौंफ के बिना प्रत्येक रसोईघर, ढाबा, होटल्स, रेस्टोरेंट का खाना अधूरा होता है क्योंकि सौंफ खाने का जायका बढ़ाने के साथ साथ माउथ फ्रेशनर का भी काम करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सौंफ केवल किचिन की शोभा बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह एक घरेलु औषधि है जिसका उपयोग कई परेशानियों के निवारणार्थ किया जाता है।

दोस्तों Fennel Seeds एक मेडिसिन की तरह है जो शरीर को निरोगी बनाने में सहायक है। आज हम सौंफ से सबंधित ऐसी रोचक जानकारियों से आपको अवगत करने जा रहे हैं जिनसे अभी तक आप अनजान होगें। तो चलिए बिना देर किए सौंफ के फायदे व इससे जुड़े अन्य महत्पूर्ण तथ्यों के विषय में जानते हैं ।

 

सौंफ क्या है | What is Fennel seeds in Hindi

सौंफ एक देशी हर्ब है इसके हल्के या गहरे हरे रंग के सुगन्धित बीज होते हैं जिसका अधिकतर उपयोग अचार के मसाले के रूप में तथा खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। सौंफ के दानों को इंग्लिश में Fennel Seeds कहा जाता है जबकि इसका वानस्पातिक नाम फोनिकुलुम वुल्गरे (Foeniculum vulgare) है। सौंफ सेहत के लिए बेहद लाभकारी होती है इसलिए आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल औषधी के रूप में किया जाता है। सौंफ में कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं जो अनेक प्रकार के शारीरिक रोगों को ठीक करने में फायदेमंद होते हैं। आइये अब गुणकारी सौंफ के पौधे के सम्बन्ध में विस्तार से जानते हैं।

 

कैसा होता है सौंफ का पौधा | How is the Fennel plant

fennel plant in hindi

सौंफ (Fennel Seeds) के बीज को तो अधिकतर लोग जानते हैं लेकिन इसके पौधे के बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती है। तो आपको बता दें कि सौंफ का पौधा एपियेसी (Apiaceae) परिवार से संबंधित है जो एक शाकीय पौधा है। इसका उत्पादन खरीफ (kharif) की फसलों के समय किया जाता है लेकिन यह एक बारहमासी पौधा है इसलिए इस पौधे की खेती बारहमाह की जाती है। सौंफ का पौधा लगभग एक से दो मीटर तक लम्बा होता है इसका उपयोग सुगंधित जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है।

सौंफ के पौधे में छोटे छोटे पीले रंग के ऊपर आसमान की और उठे हुए फूल लगते हैं इन्हीं फूलों में सौंफ के बीज लगते हैं जिसका रंग हरा और आकर जीरे की तरह होता है। सौंफ के बीज दो रूपों में पाए जाये जाते हैं जिसमें से सौंफ का एक प्रकार पतला व छोटा होता है जिसे छोटी सौंफ कहते हैं तथा दूसरा प्रकार बड़ा व मोटा होता है जिसे बड़ी सौंफ के नाम से जाना जाता हैं। दोस्तों सौंफ के केवल बीजों का ही इस्तेमाल औषधी के रूप नहीं किया जाता है बल्कि सौंफ के पौधे के प्रत्येक भाग का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। जैसे बीज, पत्तियां फूल एवं जड़ आदि।

 

सौंफ का उत्पादन कहाँ किया जाता है | Where is Fennel seeds produced

सौंफ उत्पादन का मूल स्थान यूरोप को माना जाता है लेकिन यह एक व्यावसायिक मसाला है इसलिए इसका उत्पादन दुनियाभर में किया जाता है। भारत में सौंफ का उत्पादन मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आँध्रप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उड़ीसा में किया जाता है। सौंफ उत्पादन की गुजरात सौंफ -11, गुजरात सौंफ -12, एन पी के 1, एन पी जे 26, आर एफ 143 और आर एफ 101, पी एफ 35 उन्नत प्रजातियां मानी जाती हैं।

 

सौंफ में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व | Nutrients of Fennel seeds in Hindi

सौंफ त्रिदोष नाशक औषधि होती है जिसमें मैग्नीशियम अधिक पाया जाता है। इसके साथ ही सौंफ में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, फोलेट, विटामिन k, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, फाइबर, नियासिन, विटामिन डी, सेलेनियम, पेंटोथेनिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह स्वास्थ को हेल्दी और तंदुरुस्त बनाने में फायदेमंद होते हैं।

 

सौंफ के विभिन्न नाम | Some other names of Fennel seeds

भारत एक बहु भाषीय देश है जहाँ हर राज्य की अपनी एक अलग भाषा होती है। सौंफ को भी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। तो आइये जानते हैं सौंफ के ये अलग प्रकार के नाम कौन-कौन से हैं।

सौंफ का हिंदी में नाम – छोटी सोंफ, बड़ी सौंफ

सौंफ का संस्कृत में नाम – शालीन व मधुरिका

सौंफ का तमिल में नाम – सोहिकिरे

सौंफ का गुजराती में नाम – वलिआरी

सौंफ का पंजाबी में नाम – सोम्पू

सौंफ का मलयालयम में नाम – कट्टुसत्कुप्पा

सौंफ का मराठी में नाम – बड़ी सेपू

सौंफ का बंगाली में नाम – पान मौरी

सौंफ का कन्नड़ में नाम – सब्बसिगे

 

सौंफ के जबरदस्त फायदे | Benefits of Fennel seeds in Hindi

fennel seeds ke fayde

सुगंध और महक से परिपूर्ण सौंफ में स्वास्थ्यवर्धक कई गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को चुस्त दुरुस्त बनाते हैं। सौंफ की तासीर ठंडी होती इसलिए यह वात व पित्त को शांत रखने में तो फायदेमंद होती ही है इसके आलावा सौंफ अनेक प्रकार की स्वास्थ सम्बन्धी समस्याओं का अंत करने में भी फायदेमंद होती है। तो आइए सौंफ के जबरदस्त फायदों के बारे में जानते हैं।

 

1. मुँह के छालों का करे विनाश

मुँह में छाले होना एक आम समस्या है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक में देखी जाती है। बता दें कि मुँह में छाले होने के कई कारण होते हैं लेकिन मुख्य रूप से छाले पेट की खराबी और बुखार आने की वजह से हो जाते हैं। बुखार से होने वाले मुँह के छालों को फीवर ब्लिस्टर (fever blister) कहा जाता है जबकि सामान्य छालों को एफ्थस छाले के नाम से जाना जाता है। मुँह में होने वाले छोटे-छोटे छाले बेहद पीड़ादयक होते हैं जिनकी वजह से खाने पीने और बोलने में काफी परेशानी होती है इसके साथ ही यदि बार-बार मुँह में छाले होते हैं तो ये छोटे से छाले कैंसर का रूप भी ले लेते हैं। इसलिए समय पर इनका सही उपचार करना जरुरी होता है।

आपको बता दें कि मुँह के छालों को ठीक करने में सौंफ काफी हद तक फादेमंद होती है। दरअसल सौंफ में विटमिन सी और विटमिन बी 6 तत्व पाये जाते है जो छालों का उपचार करने में मदद करते हैं। पानी में एक छोटी चम्मच सौंफ, एक चुटकी हल्दी, एक तेज पत्ता और एक चुटकी फिटकरी मिलाकर पानी को उबालने के पश्चात गरारे करने से छाले जड़ से ख़त्म हो जाते हैं।

 

2. सौंफ से करें मोटापे को बाय बाय

मोटापा एक ऐसी समस्या है जिसको बढ़ने में देर नहीं लगती लेकिन कम करना काफी मुश्किल होता है। यदि आप भी अपने बड़े हुए बजन से परेशान हैं तो सौंफ आपका वजन कम करने के लिए एक लाभकारी औषधी है। सौंफ को मोटापा कम करने का मुख्य घटक माना जाता है इसलिए वर्षों से वजन को कम करने के लिए सौंफ का इस्तेमाल आयर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।

सौंफ में मैग्नीसियम, पोटैशियम और डायटरी फाइबर पाया जाता है जो वजन को कम करने में मदद करता है। इस उपाय को करने के लिए प्रतिदिन सुबह एक चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में उबालकर उस पानी खली पेट पीने से वजन तो कम होगा ही साथ ही यह अतिरिक्त चर्बी को भी कम करने का काम करता है।

 

3. सौंफ से खून को करें साफ

खून साफ करना यानी शरीर की रक्तशुद्धि करना होता है। जब मानव शरीर के रक्त में विषाक्त पदार्थों का समावेश हो जाता है तो उस क्रिया को अशुद्ध रक्त कहा जाता है। शरीर के अशुद्ध रक्त को अनेक बिमारियों का जन्मदाता माना जाता है। शरीर में अशुद्ध रक्त के कारण त्वचा से सम्बंधित रोग, मानसिक रोग व शारीरिक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए समय पर रक्तशुद्धि करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक होता है।

सौंफ में विटामिन सी, एंटी माइक्रोबियल, एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो रक्तशुद्धि करने में सहायक होते हैं। प्रतिदिन सौंफ का सेवन करने से मूत्र के माध्यम से विषाक्त कण निकल जाते हैं जिसकी वजह से शरीर का रक्त शुद्ध हो जाता है।

 

4. भूख की कमी को दूर करे सौंफ

अधिक भूख लगना या कम भूख का लगना दोनों ही अवस्थाएं हेल्दी स्वास्थ के लिए समस्याओं का कारण बनती हैं। भूख नहीं लगने की या सही अनुपात में भूख ना लगने की परेशानी बड़ों से लेकर बच्चों में भी देखी जाती है। बता दें कि शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है और हमारा शरीर भोजन के माध्यम से ऊर्जा को ग्रहण करता है।

जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा नहीं मिलती है तो शरीर कमजोर होने के साथ ही कई रोगों से पीड़ित हो जाता है। सौंफ में विटामिन सी, थियामिन, एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं जो भूख को बढाने में मदद करते हैं। भूख बढाने के लिए सौंफ, अजवाइन, हींग, इलायची का पाउडर बनाकर सेवन करने से भूख सम्बन्धी समस्या खत्म हो जाती है।

 

5. कब्ज को दूर करती है सौंफ

पेट साफ करने और कब्ज को जड़ से खत्म करने का अचूक उपाय सौंफ है। कब्ज की समस्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है इससे मुक्ति पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं लेकिन कब्ज को दूर करने में उनको सफलता नहीं मिलती है।

कब्ज को ठीक करने के लिए सौंफ का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। सौंफ में फाइबर, मैग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन B12 पाया जाता है जो कब्ज को जड़ से खत्म करने में उपयोगी होते है। सौंफ की जड़, अजवाइन, जीरा और हींग का चूर्ण या एक चम्मच सौंफ और एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सेवन करने से कब्ज में काफी फायदा मिलता है।

 

6. सौंफ खांसी से दिलाये मुक्ति

ऋतू परिवर्तन से अथवा गलत खान पान के कारण खांसी की समस्या हो जाती है। हालाँकि यह एक सामान्य समस्या है लेकिन खांसी एक ऐसी बीमारी है जो पूरे शरीर को प्रभावित करती है। इसकी वजह पीड़ित लोगों को ठीक से नींद नहीं आती है, पेट की नसे दुखने लगती है, आँखों में दर्द होने लगता है, सिरदर्द होने लगता है।

यदि खांसी कई दिनों तक रहती है तो पीड़ित लोगों को टी.वी. रोग होने का खतरा भी बढ़ सकता है इसलिए सामान्य रोगों को भी कभी अनदेखा नहीं करना चाहिए तथा उनका तुंरत इलाज करना चाहिए। खांसी को ठीक करने के लिए सौंफ का उपयोग करना लाभकारी माना जाता है। अतः सौंफ का इस्तेमाल करके आप भी खांसी से निजात पा सकते हैं।

 

7. सौंफ यूरिन इन्फेक्शन में है फायदेमंद

यूरिन इन्फेक्शन पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को अधिक होता है। यूरिन इन्फेक्शन किसी भी मौसम में हो सकता है। यह कई कारणों से हो सकता है लेकिन हम यहाँ आपसे यूरिन इन्फेक्शन को सही करने के उपाय के बारे में बात कर रहें हैं। यदि आपको किसी भी तरह का यूरिन इन्फेक्शन है तो आप सौंफ का उपयोग कर सकते हैं। सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एन्टीवायलर गुण पाए जाते हैं जो यूरिन इन्फेक्शन को कम कर ठीक करने में मदद करते हैं। प्रतिदिन सौंफ का काढ़ा बनाकर पीने से यूरिन इन्फेक्शन में आराम मिलता है।

 

8. सौंफ से बनाये पाचन तंत्र को मजबूत

पाचन तंत्र का खराब होना शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। सही पाचनतंत्र से ही शरीर फिट और हेल्दी बनता है। बता दें कि पाचन तंत्र खाने को ऊर्जा के रूप में बदल कर शरीर को पोषण और शक्ति प्रदान करता है जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है। पाचन तंत्र में गड़बड़ी या खराबी होने के कारण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से शरीर कई रोगों से ग्रस्त हो जाता है।

सौंफ पाचन तंत्र को मजबूत बनाने वाला मुख्य स्तोत्र है सौंफ के सेवन से पाचन तंत्र तो मजबूत बनता ही है साथ ही खराब पाचन तंत्र भी सही हो जाता है। इसके लिए रोजाना भोजन करने के बाद सौंफ और मिश्री दोनों को मिलकर चबाना चाहिए।

 

9. मेमोरी स्तर को बढ़ाती है सौंफ

मेमोरी यानी याददाश्त को बढ़ाने के लिए बादाम खाने की ही सलाह दी जाती है लेकिन दोस्तों कई लोगों को बादाम पसंद नहीं होते हैं। ऐसे लोग सौंफ का उपयोग कर सकते हैं। सौंफ में विटामिन बी 6, जिंक, मैग्नीशियम, फ्लवोनोइड्स, प्रोटीन, विटामिन ई और एन्टीऑक्सडेंट तत्व पाए जाते हैं जो मेमोरी बढ़ाने वाले मुख्य घटक होते हैं। अतः मस्तिष्क का विकास और याददाश्त को बढ़ाने के लिए आप सौंफ का इस्तेमाल कर सकते हैं। सौंफ की चाय बनाकर पीने से मेमोरी बढती है और मानसिक तनाव कम होता है।

 

10. पेट विकारों का विनाश करे सौंफ

पेट सम्बन्धी विकार ना सिर्फ शारीरिक परेशानियों का सबब बनते हैं बल्कि मानसिक परेशानियों को उत्पन्न करने का कारण भी होते हैं। पेट में आफरा, सूजन, गैस, एसिडिटी, पेट दर्द आदि समस्या उत्पन्न होती हैं जो सम्पूर्ण शरीर को प्रभावित करती हैं। यदि आप प्राकृतिक तरीके से पेट के विकारों से निजात पाना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प सौंफ हैं। सौंफ में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी 12, कार्बोहाइड्रेट व एन्टीऑक्सडेंट तत्व पाए जाते हैं जो पेट के विकारों को दूर करने में लाभकारी होते हैं। सौंफ का चूर्ण बनाकर गर्म पानी के साथ खाने से पेट के विकारों से निजात मिलती है।

 

11. मासिक चक्र को नियमित करने में सहायक है सौंफ

मासिक धर्म की अनियमिता को ओलिगोमेनोरहि कहते हैं। इस समस्या का सामना लगभग 50% महिलाओं को करना पड़ता है। किशोरियों को शुरूआती समय में मासिक धर्म में पीरियड अनियमित ही आते हैं। लेकिन हर बार यदि मासिक धर्म अनियमित आता है तो यह कई रोगों का कारण बनता है इसलिए यदि महिलायें इस समस्या से पीड़ित हैं तो सबसे पहले उनको चिकित्सक का परामर्श जरूर लेना चाहिए। इसके पश्चात आप घरेलू और प्राकृतिक उपायों में सौंफ का इस्तेमाल कर सकते हैं। सौंफ के चूर्ण या काढ़ा का सेवन करने से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

 

12. सौंफ मुँह की दुर्गन्ध को करे दूर

मुँह में बदबू आने के कई कारण होते हैं जो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक परेशानियां उतपन्न करने के आलावा व्यक्ति के आत्म सम्मान को भी प्रभावित करती है। मुँह से आने वाली बदबू कई बार कैंसर का कारण भी बन जाती है इसलिए जल्द से जल्द मुँह की बदबू का कारण जानकर इसका इलाज करना बहुत जरुरी होता है। सौंफ को बहुत अच्छा माउथ फ्रेशनर कहा जाता है। सौंफ में विटामिन सी और एन्टीऑक्सडेंट तत्व पाए जाते हैं जो मुँह की दुर्गन्ध को आसानी से कम करने में मदद करते हैं।

 

13. सौंफ त्वचा विकारों को करती है दूर

त्वचा पर होने वाली खाज- खुजली, दाद, चकते, रेसेज, झाइयां, झुर्रियां, मुहांसों से ग्रस्त लोगों के लिए सौंफ बेहद गुणकारी औषधि है। जो लोग मुहासों खाज-खुजली, दाद, चकते, रेसेज, झाइयां या झुर्रियां की परेशानी से पीड़ित हैं वो सौंफ का उपयोग कर सकते हैं। सौंफ में त्वचा सम्बन्धी विकारों को दूर करने वाले कई गुण पाए जाते हैं जैसे विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन k, विटामिन बी 6, प्रोटीन, फॉस्फोरस, एंटीऑक्सीडेंट आदि। ये तत्व त्वचा के समस्त विकारों से निजात दिलाने में सहायक होते हैं। सौंफ की पत्तियों या सौंफ के बीजों का पेस्ट बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से त्वचा सम्बन्धी विकार ठीक हो जाते हैं।

 

14. सौंफ से शुगर लेवल को करें नियमित

खून में शर्करा का लेवल अधिक होना या कम होना दोनों ही किसी भी व्यक्ति के लिए हानि कारक होता हैl तो आपको बता दें कि सौंफ शर्करा के लेवल को कंट्रोल रखती है। सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में सहायक होते है। अतः मधुमेह के रोगियों को रोज सुबह सौंफ का पानी या काढ़ा पीना फायदेमंद होता है।

 

सौंफ के अन्य गुणकारी फायदे | Some Other Benefits of Fennel seeds in Hindi

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1. सौंफ आँखों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। सौंफ में विटामिन ए, विटामिन ई और प्रोटीन पाया जाता है जो आँखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक होता है।

2. सौंफ में पाए जाने वाले तत्व फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में फयदेमंद होते हैं।

3. Fennel Seeds में विटामिन k पाया जाता है जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

4. सौंफ में विटमिन ई, प्रोटीन और कैल्शियम पाया जाता है जो बालों को घना और मजबूत बनाने में लाभकारी होता है।

5. सौंफ में एन्टीऑक्सडेंट तत्व पाए जाते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में सहयोगी होते हैं।

6. फ्लू रोगों से बचाने में सौंफ उपयोगी होती है। बता दें कि सौंफ में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो संक्रमण को शरीर में फैलने से रोकते हैं।

7. सौंफ में एंटीकैंसर गुण पाए जाते हैं जो शरीर को कैंसर के लक्षणों से बचाने में मदद करते हैं।

 

सौंफ का उपयोग | Uses of Fennel seeds in Hindi

दोस्तों सौंफ के फायदों को जानने के बाद आपके मन में सवाल उठ रहा होगा की सौंफ का उपयोग किस प्रकार से किया जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि सौंफ का उपयोग किस प्रकार से और किन किन चीजों के साथ कर सकते हैं।

1. सौंफ के बीजों अथवा सौंफ की पत्तियों में अदरक का चूर्ण मिलाकर चाय के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

2. सौंफ, बादाम, काली मिर्ची का उपयोग ठंडाई बनाने में किया जाता है।

3. सौंफ का पानी बनाकर आप सौंफ का उपयोग कर सकते हैं।

4. सौंफ मिश्री का चूर्ण बनाकर उपयोग किया जाता है।

5. सौंफ की चटनी बनाकर इसका उपयोग किया जा सकता है।

6. सौंफ का उपयोग आचार के मसाले का जायका बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।

7. दाल, बाफले में स्वाद बढ़ाने की लिए सौंफ का इस्तेमाल कर सकते हैं।

8. मिश्री और सौंफ का उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है।

9. सब्जी एवं परांठो में सौंफ का उपयोग किया जा सकता है।

10. सौंफ की पत्तियों का उपयोग जूस के रूप में कर सकते हैं।

 

सौंफ से होने वाले नुकसान | Side Effects of Fennel seeds in Hindi

सौंफ के फायदों और उपयोग को जानने के बाद अब हम आपको सौंफ से होने वाले नुकसानों के बारे में बताने वाले हैं। हालाँकि सौंफ से होने वाले फायदों की अपेक्षा इसके नुकसान बहुत कम हैं। लेकिन नुकसान कम हो या ज्यादा सेहत के लिए हानिकारक ही होते हैं l तो आखिर सौंफ से होने वाले नुकसान कौन से हैं आइये वह भी जान लेते हैं।

1. सौंफ की तासीर ठंडी होती है इसलिए ठंडी तासीर वाले लोगों को यदि कब्ज की समस्या है तो सौंफ का सेवन बेहद कम मात्रा में करना चाहिए या करना ही नहीं चाहिए।

2. स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सौंफ का सेवन नुकसान दायक माना जाता है इसलिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं को चिकत्सक का परामर्श लेकर ही सौंफ सेवन करना चाहिए।

3. सौंफ का अधिक मात्रा में सेवन करने से धूप के सम्पर्क में आते ही त्वचा पर रैशेज निकल आते हैं।

 

यह भी पढ़िए: अलसी खाने के बेमिसाल फायदे

 

तो दोस्तों ये थी सौंफ (Fennel seeds in hindi) से जुड़ी कुछ जानकारी। हम आशा करते हैं की आप सौंफ के समस्त फायदे और नुकसानों से परिचित हो गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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