About Lentils in Hindi: भारतीय घरों में एक प्रमुख प्रकार की समानता पाई जाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि हम कौनसी समानता की बात कर रहे हैं तो दोस्तों आप भी भलीभांति जानते हैं कि ऐसा कोई भी भारतीय घर नहीं है जहाँ पर दालें मौजूद न हों। अतः भारत एक ऐसा देश है जहां पर परम्परागत रूप से दालें बनाई जाती हैं क्यूंकि दालों के बिना भोजन तो अधूरा रहता ही है साथ ही भोजन की पौष्टिकता में भी कमी आती है।
अब यूं तो दाल बहुत पौष्टिक होती हैं लेकिन आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जिनको दाल खाना पसंद नहीं होता है। तो दोस्तों आज हम आपके लिए एक ऐसी दाल लेकर आयें हैं जो खाने में भी बेहद स्वादिष्ट लगती है व इसके फायदे भी अनेक हैं। जी हाँ हम बात कर रहे हैं मसूर दाल (lentil) की जिसके एक नहीं बल्कि अनेक लाभ हैं। अगर आप मसूर दाल के फायदों से परिचित नहीं है तो आज हम आपको इसके विभिन्न लाभ बताएँगे साथ ही इसकी कुछ और भी विस्तृत जानकारी आपके साथ साझा करेंगे।
क्या है मसूर | What is Lentils in Hindi
मसूर प्रोटीन युक्त दलहन है जिसको अंग्रेजी में Lentils के नाम से जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Lens culinaris और Lens Esculenta है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मसूर की दाल फलियां परिवार से सम्बंधित है। मसूर दाल का आकार मध्यम होता है एवं बीच में से इसको दो भागों में बांटा जा सकता है। मसूर दाल के ऊपर हरे रंग का पतला छिलका चढ़ा रहता है। चूँकि मसूर दाल के कई प्रकार होते हैं इसलिए मसूर की दाल को आप गहरे संतरी रंग, संतरी पीले रंग, काले रंग, लाल रंग, भूरे रंग एवं हरे रंग में देख सकते हैं।
मसूर दाल की तासीर :
दोस्तों मसूर दाल का उपयोग करने से पहले इसकी तासीर के बारे जानना जरुरी है इसलिए बता दें कि मसूर की दाल की तासीर गर्म होती है।
मसूर दाल का पौधा | How did Lentils plant look like
दोस्तों यदि आपने कभी मसूर की दाल का पौधा नहीं देखा है तो आपको बता दें कि मसूर दाल का पौधा लगभग 15 से 75 सेमी लंबा होता है। मसूर दाल की पत्तियां लम्बी और बारीक़ होती हैं जो पौधे की झाडी पर लगी होती हैं व झाड़ी के तने पर सूक्ष्म रोयें पाए जाते हैं। मसूर की खेती के लिए अत्यधिक तापमान की आवश्यकता नहीं होती है अतः इसकी खेती के लिए लगभग 20 डिग्री से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान पर्याप्त है। बता दें कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश हैं जहाँ पर मसूर का उत्पादन सर्वाधिक होता है।
मसूर दाल के प्रकार | Types of Lentils in Hindi
मसूर दाल के कई प्रकार होते हैं इसलिए कई लोगों में यह भ्रम भी देखा जाता है कि मसूर की दाल का कौनसा रूप अधिक पौष्टिक होता है एवं कई लोग ऐसे भी होते हैं जो मसूर दाल के प्रकारों को नहीं जानते हैं। इसलिए अब हम आपको मसूर दाल के विभिन्न प्रकारों से परिचित करवाने वाले हैं।
1. मलका मसूर दाल | Whole Red Lentils
मलका दाल को Whole red lentil भी कहा जाता है। मलका दाल दो भागों में बटी हुई होती है एवं यह पकने में अन्य दालों की अपेक्षा अधिक समय लेती है।
2. काली मसूर दाल | Black Lentils
काली मसूर दाल का छिलका काला होता है लेकिन छिलका उतराने के पश्चात् यह संतरी रंग की नजर आती है। अन्य मसूर की दालों की तुलना में इसका आकार बड़ा होता है।
3. लाल मसूर दाल | Red Lentils
लाल मसूर दाल को अंग्रेजी में Red Lentil के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस प्रकार की दाल का रंग लाल होता है एवं इसका आकार गोल होता है।
मसूर दाल की उन्नत किस्में | Advanced varieties of Lentils
दोस्तों मसूर दाल के प्रकार जानने के बाद आपको इसकी विभिन्न किस्मों को भी जान लेना चाहिए। बता दें कि मसूर की किस्मों को तीन भागों में बांटा गया है। मसूर दाल की उकटा प्रतिरोधी किस्में, मसूर दाल की बड़े दाने वाली किस्में, मसूर दाल की छोटे दाने वाली किस्मों के नाम से मसूर दाल की उन्नत किस्मों को जाना जाता है।
1. बड़े दाने वाली उन्नत किस्में
लेन्स- 4076, जे एल- 1, आई पी एल- 316, डी0पी0एल0-15 डी0पी0एल0-62, आई पी एल- 81 आदि मसूर दाल की बड़े दाने वाली उन्नत किस्में होती हैं।
2. छोटे दाने वाली उन्नत किस्में
पन्त मसूर- 4, आ पी एल- 406, पन्त मसूर- 406, पी ए- 6, डी0पी0एल0-32 आदि मसूर दाल कि छोटे दाने वाली उन्नत किस्में होती हैं।
3. उकटा प्रतिरोधी किस्में
एल- 4147, पी एल- 02, वी एल- 133, आ- वी एल- 31, वी एल- 154, पी एल- 063 आदि मसूर दाल कि उकटा प्रतिरोधी किस्में होती हैं।
मसूर दाल के विभिन्न नाम | Some other names of Lentils
मसूर की दाल एक ऐसी दाल है जिसके विभिन्न प्रकार तो हैं ही साथी ही इसके विभिन्न नाम भी हैं। यदि आप मसूर के अन्य उपनामों से परिचित नहीं है तो देर किस बात की चलिए मसूर के विभिन्न नामों के बारे में जानते हैं।
अंग्रेजी में मसूर दाल का नाम – लेंटिल (lentil)
हिंदी में मसूर दाल का नाम – मसूर व मसूरी
संस्कृत में मसूर दाल का नाम – मङ्गल्यक
गुजरती में मसूर दाल का नाम – मसूरा
तेलगु में मसूर दाल का नाम – मसूरालु
पंजाबी में मसूर दाल का नाम – मसारा
मालयम में मसूर दाल का नाम – वट्टूपपरूम
तमिल में मसूर दाल का नाम – मिसुर
मसूर दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्व | Nutrients of Lentils in Hindi
दोस्तों मसूर की दाल बेहद पौष्टिक दाल होती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, डाइटरी फाइबर, प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके अतरिक्त मसूर दाल में सोडियम, पोटैशियम, वसा, विटामिन सी, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, विटामिन बी 6, विटामिन बी 12, विटामिन ए, विटामिन डी, मोनोअनसैचुरेटेड वसा, मैंगनीज, फॉस्फोरस, तांबा, विटामिन बी 1, फोलेट आदि तत्व प्रचुर मात्रा में मात्रा में पाए जाते हैं।
मसूर दाल के फायदे | Benefits of Lentils in Hindi
मसूर दाल पौष्टिक तत्वों से युक्त दाल है जिसके सौन्दर्यवर्धक एवं स्वास्थवर्धक एक नहीं बल्कि अनेक फायदे होते हैं। यकीनन अब आप मसूर दाल से होने वाले लाभ को जानना चाहते होंगे। तो चलिए इसके विभिन्न फायदों को विस्तार से जानते हैं।
1. गले के रोगों में फायदेमंद है मसूर दाल
गले के रोग दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहें हैं एवं गले का रोग किसी भी उम्र में व्यक्ति को अपना शिकार बना लेता है। अधिक तीखा खाने से, अधिक मसालेदार भोजन करने से, पानी के बदलाव से अथवा किसी अन्य प्रकार के इन्फेक्शन के कारण गले सम्बंधित कई रोग उभर कर सामने आते हैं। जैसे कि गले में सूजन का होना, गले में दर्द, भोजन नहीं निगल पाना, आवाज में भारीपन, गले में सूजन आदि। अतः गले से सम्बंधित रोगों को दूर करने के लिए आप मसूर दाल एवं इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. दांतो के लिए अच्छी है मसूर की दाल
दोस्तों आज के समय में कम उम्र में ही दांत कमजोर होने लगे हैं इसके आलावा दांतों का ठीक से ख्याल नहीं रखने की वजह से दांत कई रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं। यदि आपके दांतो पर पीलापन, दांतों से खून आता है अथवा आप दांतो से संबधित किसी भी रोग से पीड़ित हैं तो आप मसूर दाल का उपयोग कर सकते हैं। दांतों के रोगों से छुटकारा पाने के लिए आप दाल को जलाकर उसका मंजन बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. पेट के विकारों में है लाभकारी
पाचन से सबंधित समस्याओं के कारण ही अक्सर पेट में अनेक प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं। बता दें कि पाचन क्रिया को ठीक करने वाले कई पौष्टिक तत्व मसूर की दाल में पाए जाते हैं जो न सिर्फ पाचन तंत्र को ठीक करते हैं अपितु पेट से सम्बंधित विकारों को भी नष्ट करते हैं। पेट से सम्बंधित विकारों को दूर करने के लिए आप मसूर दाल का सूप बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. सूजन को कम करने में है प्रभावकारी
किसी भी कारणवश शरीर पर चोट लगने पर, घाव हो जाने पर अथवा शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन आने पर आप मसूर की दाल से इसका उपचार कर सकते हैं। मसूर में अनेक गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो सूजन को कम करने एवं घाव भरने में सहायक होते हैं। इस उपचार को करने के लिए मसूर दाल को जलाकर उसकी रख बना लें। अब इस राख को गर्म घी में डालकर दिन में तीन बार प्रभावित हिस्से पर लगाने से आराम मिलता है।
5. दागदार त्वचा को बनती है बेदाग
उम्र बढ़ने के साथ ही हमारी त्वचा बेजान हो जाती है एवं त्वचा की धीरे-धीरे चमक भी गायब हो जाती है। इसके आलावा चेहरे पर कई कारणों की वजह से दाग धब्बे पड़ जाते हैं जो चेहरे की सुंदरता पर ग्रहण लगा देते हैं। यदि आप भी त्वचा पर होने वाले दाग धब्बों से परेशान हैं तो आपको एक बार मसूर दाल का उपयोग अवश्य ही करना चाहिए। इसके लिए मसूर दाल को भिगोकर गला लें अब गली हुई मसूर दाल का महीन पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट में गुलाब जल या कच्चा दूध मिलाकर प्रतिदिन चेहरे को पानी से साफ़ करने के बाद तैयार पेस्ट को चेहरे पर 10 से 15 मिनिट के लिए लगाकर छोड़ दें।
6. मुहासों व फुंसियों से दिलाए छुटकारा
किशोरावास्था में मुंहासे एवं फुंसियों की समस्या लगभग 95% लोगों में देखी जा सकती है। यदि इस समस्या का समय पर उपचार नहीं किया जाता तो यह त्वचा को तो बदसूरत बनाती ही है साथ ही पीड़ित व्यक्ति का जीवनपर्यन्त पीछा नहीं छोड़ती है। इसलिए मुहांसो व फुंसियों का समय के अनुरूप इलाज करना आवश्यक है। बता दें कि इस समस्या का समाधान आप मसूर दाल का पेस्ट चेहरे पर लगाकर कर सकते हैं।
7. गर्भवती महिलाओं के लिए है फायदेमंद
मसूर दाल पौष्टिक गुणों से भरपूर है जो गर्भवती महिलाओं को तो फायदा पहुँचाती ही है साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी फायदेमंद होती है। बता दें कि मसूर दाल में आयरन, प्रोटीन, फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो गर्भवती महिलाओं एवं शिशु के लिए आवश्यक होता है। गर्भवती महिलाओं को मसूर दाल अधिक तेल व मसाले वाली सेवन नहीं करना चाहिए। अतः गर्भवती महिलाओं को मसूर दाल का सेवन सूप अथवा उबली हुई मसूर दाल के रूप में करना चाहिए।
8. मानसिक विकार के रोगियों के लिए है लाभकारी
मसूर की दाल मानसिक रोगियों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। बता दें कि मसूर की दाल एक विशिष्ठ प्रकार की दाल है जो मानसिक रोगियों का तनाव दूर करने में लाभकारी है। मसूर दाल में फोलिक एसिड के आलावा अनेक ऐसे महत्पूर्ण तत्व पाए जाते हैं जो विभिन्न प्रकार के मानसिक विकारों को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अतरिक्त जिन लोगों को अधिक तनाव रहता है उनके लिए भी मसूर दाल बेहद फायदेमंद है।
मसूर दाल के अन्य लाभकारी फायदे | Some Other Benefits of Lentils in Hindi
1. मसूर दाल में डायटरी फाइबर पाए जाता है जो मोटापा से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद होता है।
2. मधुमेह रोगियों के लिए मसूर दाल का सेवन लाभकारी होता है।
3. यदि आप बड़े हुए कोलेस्ट्रॉल से परेशान हैं तो आपके लिए मसूर दाल का सेवन फायदेमंद साबित होगा क्योंकि मसूर दाल में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने वाले गुण पाए जाते हैं।
4. मसूर दाल की सहयता से आप आँखों को निरोगी बना सकते हैं। बता दें कि मसूर दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, आयरन एवं विटामिन ए पाया जाता है जो आँखों को स्वस्थ बनाने में मददगार होते हैं।
5. मसूर दाल की मदद से आप अपनी हड्डियों को बलशाली बना सकते हैं क्योंकि मसूर दाल में विटामिन डी अधिक मात्रा में पाया जाता है।
6. मसूर दाल में प्रोटीन और विटामिन बी 6 पाया जाता है जो बालों को मजबूत व खूबसूरत बनाने में फायदेमंद होते हैं।
मसूर दाल का उपयोग | Uses of Lentils in Hindi
दोस्तों यदि आप मसूर दाल का उपयोग दाल बनाकर नहीं करना चाहते हैं तो आप मसूर दाल का उपयोग इस प्रकार से भी कर सकते हैं।
1. मसूर दाल को अंकुरित करके इसका उपयोग कर सकते हैं। यदि आप मसूर दाल का उपयोग इस विधि से करते हैं तो आपको मसूर दाल के अधिक मात्रा में पौष्टिक तत्वों की प्राप्ति होगी।
2. मसूर दाल का उपयोग आप सब्जियों में मिलाकर कर सकते हैं।
3. मसूर दाल का इस्तेमाल आप सूप बनाकर कर सकते हैं।
4. मंजन या काढ़ा के रूप में भी मसूर दाल का उपयोग किया जा सकता है।
5. मसूर दाल का पेस्ट बनाकर इसका इस्तेमाल आप सब्जी के रूप कर सकते हैं।
6. मसूर दाल का उपयोग मसूर दाल परांठा अथवा रोटी बनाकर भी कर सकते हैं।
मसूर दाल से होने वाले नुकसान | Side Effects of Lentils in Hindi
दोस्तों यदि आप यह सोचते हैं कि मसूर किसी भी प्रकार का शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचती है तो ऐसा नहीं है। एक तरफ जहां मसूर दाल खाने के कई फायदे हैं तो दूसरी तरफ इसके कुछ थोड़े से नुकसान भी है। तो आइये मसूर दाल से होने वाले नुकसानों के बारे में जानते हैं।
1. जिन लोगों को गुर्दे से सम्बंधित किसी भी प्रकार की समस्या है ऐसे लोगों को मसूर दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से गुर्दे की तकलीफ बढ़ सकती है।
2. मसूर दाल की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका अधिक सेवन करने से पेट में जलन एवं एसिडिटी हो सकती है।
3. मसूर की दाल में अमीनो एसिड पाया जाता है अतः इसका अधिक सेवन से आपको किडनी और पेट में समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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तो दोस्तों ये थी मसूर दाल (lentils in hindi) से जुड़ी कुछ जानकारी। हम आशा करते हैं की आप मसूर दाल के समस्त फायदे और नुकसानों से परिचित हो गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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