jamun ke fayde

About Jamun in Hindi: जामुन को देखते ही अमूनन लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। जामुन दिखने में जितना सुन्दर लगता है खाने में उससे कही अधिक स्वादिष्ट भी होता है। आपने अभी तक जामुन का इस्तेमाल केवल एक खाद्य फल के रूप में ही किया होगा लेकिन आपको बता दें की आपका पसंदीदा जामुन एक गुणकारी औषधि भी है जो आपको फिट और हेल्दी रखने में मदद करता है।

कुछ लोग जामुन का उपयोग केवल मधुमेह रोग में ही करते हैं लेकिन बता दें दिखने में छोटा सा jamun कई बड़े-बड़े रोगों को ठीक करने की शक्ति रखता है। अगर आप सोच रहे हैं कि जामुन में आखिर ऐसे कौनसे गुण छिपे है तो आइये इस लेख के माध्यम से आपको Jamun ke fayde विस्तार से बताते हैं।

 

जामुन क्या है | What is Black Plum or Jamun in Hindi

जामुन एक बहुत ही महत्पूर्ण फल है क्योंकि इस फल का गुदा, गुठली, पत्ते, छाल, जड़ सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं इसलिए आज भी भारत में एवं विश्व के अनेक देशों में इसकी कई प्रजातियां पाई जाती हैं। बता दें कि जामुन का वैज्ञानिक नाम Syzygium cumini है। जामुन में अनेक प्रकार के खनिज और लवण पाए जाते हैं इसलिए इसको आयुर्वेदिक हर्ब भी कहा जाता है। जामुन का फल रसीला होता है इस छोटे से फल में अन्य फलों की अपेक्षा अधिक रस या पानी पाया जाता है।

 

जामुन का पेड़ कैसा दिखता है | How did Black Plum plant look like

jamun tree in hindi

जामुन का पेड़ वार्षिक होता है जो साठ से सत्तर वर्ष की आयु तक फल देता है। जामुन के पेड़ की लम्बाई 20-30 मीटर तक होती है एवं इसमें एक से दो सेंटीमीटर बैंगनी रंग के फल लगते हैं जो दिखने में काले लगते हैं इसलिए जामुन को black plum के नाम से भी जाना जाता है।

जामुन के पेड़ में छोटे छोटे सफेद रंग के मानभावन फूल लगते हैं। इस पेड़ के पत्ते हरे रंग के होते है जो दिखने में आम और मौलश्री के पत्तों के जैसे होते हैं। इस पेड़ के पत्तों की लम्बाई आठ सेंटीमीटर से बारह सेंटीमीटर तक होती है एवं चौड़ाई तीन से चार इंच तक होती है। जामुन के अंदर का गूदा गुलाबी, बैगनी और हल्का सफेद होता है जिसका स्वाद खट्टा, मीठा व कसैला होता है।

 

जामुन के प्रकार | Types of Black Plum or Jamun in Hindi

जामुन एक ऐसा फल है जो कई प्रजातियों में पाया जाता है लेकिन मुख्य रूप से इसकी पांच प्रजातियां ही अधिक प्रचलित हैं। आइये जामुन की उन पाँच प्रजातियों को थोड़ा विस्तार से जान लेते हैं।

 

1. जल जामुन

जल जामुन का वृक्ष अधिकतर नदी के किनारों पर ही पाया जाता है जिसके पत्ते कनेर के पत्तों की तरह होते हैं। इस प्रकार के जामुन के फल आकार में छोटे होते हैं।

 

2. रायजामुन

रायजामुन के पेड़ अत्यधिक ऊँचे और फैले हुए होते हैं एवं इसके पत्ते पीपल के पत्तों की तरह बड़े, चिकने और चमकदार होते हैं। इस प्रकार के जामुन तीन इंच तक लम्बे एवं दो इंच तक मोटे होते हैं। बता दें कि रायजामुन को अन्य जमुना की अपेक्षा श्रेष्ठ औषधि माना गया है।

 

3. काला जामुन

इस प्रकार के जामुन न तो अधिक बड़े होते हैं न ही अधिक छोटे होते हैं अर्थात मध्यम आकर के होते हैं एवं जामुन के इस प्रकार को लोग अत्यधिक पसंद करते हैं।

 

4. क्षुद्र-जम्बु

इस प्रकार के जामुन 1-2 सेमी लम्बे एवं गूदेदार होते हैं। क्षुद्र जम्बू के वृक्ष की बात करें तो इसका वृक्ष छोटा होता है जिसमे सफ़ेद रंग के छोटे छोटे फूल लगते हैं। इसका फल ह्रदय रोग के साथ-साथ कफ एवं वात रोग के लिए काफी फायदेमंद होता है।

 

5. भूमि-जम्बु

इस प्रकार के जामुन के फल सुगन्धित एवं काफी मीठे होते है। भूमि-जम्बु गठिया रोग में आराम दिलाता है तथा पेट में होने वाले कीड़ों से भी निजात दिलाता है।

 

जामुन में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व | Nutrients of Black Plum in Hindi

जामुन एक ऐसा वृक्ष है जिसमें एक से बढ़कर एक विटामिन्स, खनिज एवं एन्टीऑक्सडेंट तत्व पाए जाते हैं। यदि आप अभी तक जामुन में पाए जाने वाले गुणकारी तत्वों से अनजान हैं तो बता दें कि जामुन में कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फॉस्‍फोरस, फाइबर, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई, लोहा, विटामिन बी, ग्लूकोज, एंटीऑक्सीडेंट, मैग्नीशियम, राइबोफ्लेविन, सोडियम, निकोटिन एसिड, गैलिक एसिड, फोलिक एसिड आदि लाभकारी तत्व मुख्य रूप से पाया जाते हैं।

 

जामुन के विभिन्न नाम | Various names of Jamun

जामुन प्रसिद्ध फल है जिसका उत्पादन सम्पूर्ण भारत और विश्व के कौने कौने में होता है इसलिए इसकी अलग-अलग प्रजातियों की तरह ही इसके नाम भी अनेक हैं। अतः अब हम आपको जामुन के कुछ खास नामों से अवगत कराने वाले हैं जिनको जानने के बाद किसी दूसरे क्षेत्र में भी आप जामुन को आसानी से पहचान सकते हैं।

जामुन का अंग्रेजी में नाम – ब्लैक पल्म, जावा प्लम

जामुन का संस्कृत में नाम – सुरभीफला, नीलफला, जम्बू

जामुन का हिंदी में नाम – जामन, कालाजामन, फालिंदा

जामुन का बंगाली में नाम – जामगाछ, कालाजाम

जामुन का गुजराती में नाम – जम्बों, जमूड़ी

जामुन का आसाम में नाम – जांबू

जामुन का कन्नड़ में नाम – जाम्बुनरेली

जामुन का कर्नाटक में नाम – नरेली

जामुन का तमिल में नाम – सम्बल

जामुन का तेलगु में नाम – नेसद

जामुन का मराठी में नाम – राजाजाम्बूल

जामुन का मलयालम में नाम – पेरीनरल

जामुन का लैटिन में नाम – एउजेनिआ जम्बोलाना

 

जामुन के स्वस्थ्य लाभ | Jamun ke Fayde

jamun benefits in hindi

अधिकतर लोग जामुन के औषधीय महत्व के बारे में नहीं जानते हैं इसलिए इस से होने वाले फायदों का लाभ नहीं उठा पाते हैं। तो आज हम आपको जामुन से होने वाले ऐसे शारीरिक लाभों के बारे में बताने जा रहें हैं जिन्हे जानने के बाद आप जामुन का उपयोग स्वाद के साथ साथ शारीरिक समस्याओं को ठीक करने में भी करने लगेगें।

 

1. कब्ज को मिटाता है जामुन

पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन नहीं करने से तथा बेसन एवं मैदा जैसे खाध पदार्थों का अधिक सेवन करने से कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। आज के समय से कब्ज की समस्या एक दो लोगों को नहीं बल्कि कई लोगों के साथ देखी जाती है। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए जामुन का उपयोग इस तरीके से कर सकते हैं।

उपयोग विधि –

4 छोटी चम्मच जामुन के रस में काला नमक मिलाकर भोजन के पश्चात करने से कब्ज की परेशानी समाप्त हो जाती है।

 

2. पीलिया में लाभकारी है जामुन

पीलिया एक ऐसा रोग है जिसमें व्यक्ति के नाख़ून, आँखें तथा त्वचा का रंग पीला हो जाता है एवं शरीर में बुखार बना रहता है। पीलिया एक सामान्य रोग है लेकिन इसका सही समय पर उपचार नहीं करने से यह लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचाता है इसलिए इसके लक्षण देखने के उपरान्त ही डॉक्टर से इसका इलाज करवाना उचित माना जाता है। यदि आप पीलिया रोग से पीड़ित हैं तो आपके लिए जामुन का प्रयोग बेहद लाभकारी साबित होगा।

उपयोग विधि –

दो छोटी जामुन के रस में दो छोटी चम्मच मूली का रस मिलाकर सेवन करने से पीलिया के रोगी को काफी आराम मिलता है।

 

3. संग्रहणी रोग में जामुन है फायदेमंद

संग्रहणी रोग एक कष्टकारी रोग है जिसको श्वेतातिसार के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग में कुछ भी खाने के पश्चात शौंच के लिए जाना पड़ता है एवं पेट फूलना, बदहजमी आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं जिसकी वजह से शरीर के सारे अंग सिकुड़कर छोटे हो जाते हैं इसलिए इसका सही उपचार करना बेहद आवश्यक होता है। इस रोग से निजात पाने के लिए आप जामुन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सामग्री –

  • 2 छोटी चम्मच जामुन का जूस
  • आधी छोटी चम्मच हल्दी पाउडर

उपयोग विधि –

जामुन के रस में आधी छोटी चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर सेवन करें। इस जूस का सेवन दिन में आठ बार करने से रोगी को जल्द आराम मिलता है। इसके आलावा आप 20 ग्राम जामुन और आंवले के गूदे में एक चुटकी नमक मिलाकर गुनगुने पानी से सेवन कर सकते हैं।

 

4. गले के इन्फेक्शन और मुँह के छालों में है लाभकारी

गले में टॉन्सिल होना, गले में सूजन आना, गला दर्द करना, थ्रोट इन्फेक्शन या मुँह में छाले होना आज के समय में एक आम बात हो गई है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति में देखा जा सकता है। यदि आप देशी उपचार में विश्वास करते हैं तो जामुन का उपयोग करके आप गले में होने वाले इन्फेक्शन और मुँह के छालों को आसानी से ठीक कर सकते हैं।

उपयोग विधि –

जामुन के पत्तों को पानी में डालकर दस से पंद्रह मिनिट तक उबालें। इसके बाद उबले पानी से पांच से दस मिनिट तक गरारे अथवा कुल्ला करें। एक दिन में दो से तीन बार इस उपाय को करने से गले का इन्फेक्शन व मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।

 

5. सर्दी जुकाम को करता है ठीक

आमतौर पर सर्दी जुकाम किसी भी समय हो सकता है क्यूंकि यह एक फ्लू रोग है। लेकिन कई बार सर्दी जुकाम अधिक समय तक रहता है जो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक क्षति पहुंचाता है। सर्दी जुकाम को कम समय में ठीक करने के लिए आप जामुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका एक से दो बार उपयोग करने से ही आपका सर्दी जुकाम ठीक हो जायेगा।

सामग्री –

जामुन की 3-4 गुठलियां

एक छोटा टुकड़ा अदरक

तुलसी के 5 पत्ते

काली मिर्च के 4 दाने

उपयोग विधि –

बताई गई सभी सामग्री को कूटकर उसका काढ़ा बना लें एवं इस काढ़े का सेवन दिन में तीन बार करें। दो से तीन दिन तक इस काढ़े का सेवन करने से सर्दी जुकाम में आराम मिल जाता है।

 

6. बावासीर में जामुन है उपयोगी औषधि

बवासीर को पाइल्स के नाम से भी जाना जाता है यह कोई सामान्य रोग नहीं अपितु पीड़ादायक और एक खतरनाक रोग है। इस रोग में रोगी को मल त्याग करने में तो परेशानी का सामना करना पड़ता ही है साथ ही अन्य कई समस्यायों से भी गुजरना पड़ता है जैसे मल के साथ खून का आना, मलाशय के निचले हिस्से में सूजन का आना और गुदे के अंदर या बाहर मस्से का होना आदि गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि आप ऐसी किसी भी समस्या से गुजर रहे हैं तो आपके लिए जामुन बेहद लाभकारी औषधि है।

सामग्री –

  • 10 ग्राम जामुन का रस
  • आधा कप पपीता का रस
  • 20 ग्राम गाजर का रस

उपयोग विधि –

ऊपर बताये गये तीनो रसों को मिलाकर प्रतिदिन सुबह शाम सेवन करने से बवासीर रोग में राहत मिलती है।

 

7. जामुन पेट दर्द में राहत पहुँचाता है

पेट दर्द की समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक देखी जाती है। पेट दर्द होने के कई कारण होते हैं जैसे की गलत खान पान, असमय सोना व जागना, कब्ज, पेट की नसों में खिचाव होने से भी पेट दर्द होने लगता है। पेट दर्द होने पर जामुन का प्रयोग फायदेमंद होता है क्यूंकि इसमें विशेष प्रकार के तत्व पाए जाते हैं जो पेट दर्द को कम करने में लाभकारी होते हैं।

सामग्री –

5 जामुन के पत्ते

4 पीपल के पत्ते

1/4 सेंधा नमक

एक चुटकी हींग पाउडर

उपयोग विधि –

जामुन और पीपल के पत्तों को महीन पीसकर उसमें सेंधा नमक और हींग मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से पेट दर्द में आराम मिलता है।

 

8. मधुमेह का रामबाण इलाज है जामुन

मधुमेह एक ऐसा रोग है जिससे हर व्यक्ति भलीभांति परिचित है क्यूंकि यह एक ऐसा रोग जो दस में चार लोगों में आसानी से देखा जा सकता है। मधुमेह को कण्ट्रोल में करने के लिए दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन दवाइयों का सेवन करने के बाद भी कई लोग मधुमेह को काबू में नहीं कर पाते हैं। यदि आप देशी उपचार से मधुमेह को नियंत्रण में करना चाहते हैं तो आप जामुन का उपयोग नीचे बताए गए तरीके से कर सकते हैं।

उपयोग विधि –

ताजे जामुन का रस निकालकर प्रतिदिन सेवन करें। जामुन के जूस का सेवन करने के बाद लगभग पांच ग्राम शिलाजीत को दूध में मिलाकर सेवन करने से मधुमेह रोग में राहत मिलती है।

 

9. बून्द बून्द पेशाब आने से दिलाता है मुक्ति

मूत्र संक्रमण अथवा अन्य किसी कारणवश मूत्र खुलकर नहीं आता है जिसकी वजह से पेशाब रुक-रुक कर आने लगती है, पेशाब में जलन होने लगती है एवं मूत्र बून्द-बून्द टपकने लगता है। इस समस्या से जूझ रहे रोगियों के लिए जामुन लाभकारी विकल्प है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो इस समस्या से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं। जिन लोगों को बून्द बून्द पेशाब आता है वह जामुन का उपयोग इस तरीके से कर सकते हैं

उपयोग विधि –

दस जामुन के रस में एक छोटी चम्मच काला जीरा मिलाकर सेवन करने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके आलावा 10 ग्राम जामुन की गुठली का चूर्ण, 10 ग्राम अस्वगंधा चूर्ण और जटामासी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से भी इस परेशानी से निजात मिलती है। लेकिन बताये गये काढ़े का सेवन केवल सात दिनों तक ही करना है।

 

10. सामान्य खांसी और काली खांसी में करें उपयोग

सामान्य खांसी से मूलतः सभी परिचित होंगे लेकिन कई लोगों को काली खांसी के विषय में जानकारी नहीं होती है। इसलिए बता दें कि काली खांसी को कुकर खांसी के नाम से भी जाना जाता है। यह किसी संक्रमण या बैक्टीरिया के कारण शरीर को अपना शिकार बनाती है। इस खांसी का उपचार जल्द से जल्द करना जरुरी होता है क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांफर होती है। यदि किसी व्यक्ति को किसी भी तरह की खांसी है तो वह जामुन का उपयोग इस तरीके से कर सकते हैं।

सामग्री –

  • चार से पांच जामुन की सुखी हुई गुठलियों का चूर्ण
  • 5 ग्राम जामुन की छाल का चूर्ण
  • पांच से छः तुलसी के पत्तियों का चूर्ण
  • 4 लौंग का चूर्ण
  • 4 कालीमिर्च के दानों का चूर्ण

उपयोग विधि –

ऊपर बताई गई सामग्री को मिलाकर दिन में तीन बार एक चम्मच शहद के साथ सेवन करने से सामान्य खांसी और काली खांसी से छुटकारा मिलता है।

 

11. श्वांश नली की सूजन को करता है कम

प्रदूषण, सर्दी खांसी, अस्थमा अथवा अन्य कारणों से श्वांश नली में सूजन आ जाती है जिसके कारण व्यक्ति को साँस लेने में कठनाई महसूस होती है। जब व्यक्ति ठीक तरीके से श्वांश नहीं ले पाता है तो उसको अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है जो सम्पूर्ण शरीर के लिए बेहद घातक साबित होता हैं। यदि आप भी इस रोग से पीड़ित हैं तो आप जामुन का इस्तेमाल इस प्रकार से कर सकते हैं

उपयोग विधि –

दस ग्राम जामुन के रस को दस ग्राम अदरक के रस में मिलाकर एक छोटी चम्मच शहद के साथ सेवन करने से श्वांश नली की सूजन धीरे धीरे कम होने लगती है। इसके आलावा यदि आपको इस उपाय को अपनाने में कठनाई महसूस हो तो आप जामुन की चार पांच गुठलियों के चूर्ण में एक चम्मच अखरोट की भस्म मिलाकर एक छोटी चम्मच शहद के साथ भी सेवन कर सकते हैं।

 

12. जलोदर रोग में करें जामुन का उपयोग

जलोदर रोग को एसाइटिस से भी जाना जाता है। पेट में पानी भर जाने के कारण जलोदर रोग उत्पन होता है। जलोदर रोग हो जाने के कारण पेट फूला हुआ नजर आता है। जलोदर रोग हो जाने पर इसका इलाज तुरंत करना चाहिए क्योंकि पेट में जमा हुआ पानी छाती तक पहुंच जाता है जिसके कारण रोगी को सांस लेने में भी कठनाई होने लगती है। जलोदर रोग से मुक्ति पाने के लिए आप जामुन का उपयोग इस प्रकार से कर सकते हैं।

उपयोग विधि –

40 ग्राम जामुन का रस, 20 ग्राम करेले का रस एवं एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से जलोदर रोग में लाभ मिलता है। इसके आलावा इन्द्रायण की जड़ का चूर्ण और जामुन रस को मिलाकर सेवन करने से भी जलोदर रोग में लाभ मिलता है।

 

जामुन के अन्य फायदे | Some Other Benefits of Black Plum in Hindi

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1. जामुन में एंटीऑक्सीडेंट तत्व और विटामिन सी पाया जाता है जो कील मुहासों को होने से रोकने में मदद करता है।

2. तनाव को दूर करने के लिए आप जमुन का उपयोग कर सकते हैं क्यूंकि इसमें ऐसे गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो तनाव को कम करने में फायदेमंद होते हैं।

3. जामुन का इस्तेमाल दाद, खाज, खुजली एवं त्वचा सम्बन्धी आदि रोगों पर किया जा सकता है। बता दें कि जामुन में एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो बैक्टीरिया संक्रमण को नष्ट करने में लाभकारी होता हैं।

4. जामुन में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है यदि आपका पाचन तंत्र खराब है तो जामुन का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

5. एनीमिया रोग को दूर करने में जामुन फायदेमंद होता है।

6. जामुन में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में फायदेमंद होता है।

 

जामुन का उपयोग | Uses of Jamun in Hindi

jamun uses in hindi

जामुन के फायदों से रूबरू होने के बाद आपके मन में विचार उत्पन हो रहा होगा कि जामुन का इस्तेमाल इसको खाने के आलावा और किस प्रकार से किया जा सकता है तो दोस्तों आपको चिंतित होने के आवश्यकता नहीं है क्यूंकि अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि जामुन का उपयोग आप किस प्रकार से कर सकते हैं।

1. जामुन का उपयोग आप चूर्ण के रूप में कर सकते हैं।

2. यदि आप तरह तरह की सब्जी खाने के शौकीन है तो इसका उपयोग सब्जी के रूप में भी कर सकते हैं।

3. जामुन का उपयोग आप जूस के रूप में कर सकते हैं।

4. इसका उपयोग आप फल के रूप में कर सकते हैं।

5. जामुन के पेड़ की छाल को सुखा कर इसका चूर्ण बना के इस्तेमाल किया जा सकता है।

6. जामुन का काढ़ा बनाकर जामुन का उपयोग कर सकते हैं।

7. जामुन की पत्तियों की चाय बनाकर इसका उपयोग किया जा सकता है।

8. जैम, जैली या खट्टी मीठी चटनी बनाकर आप जामुन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

जामुन से होने वाले शारीरिक नुकसान | Side Effects of Black Plum in Hindi

जामुन के अनेक फायदे हैं लेकिन दोस्तों इसके कुछ नुकसान भी है। कुछ लोग इसके फायदों के बारे में तो जानते हैं लेकिन जामुन से होने वाले नुकसान के बारे में नहीं जानते हैं जिसकी वजह उनको कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए अब हम आपको जामुन से होने वाली कुछ परेशानियों से अवगत करने जा रहे हैं।

1. जामुन का अधिक सेवन करने से सीने में दर्द और जलन हो सकती है।

2. इसका इस्तेमाल गलत तरीके से करने से एसिडिटी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

3. जामुन का उपयोग मोटापा से पीड़ित लोगों के लिए सीमित मात्रा में ही करना चाहिए क्यूंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में पाया जाता है जो वजन बढ़ाने में मदद करता है।

4. जामुन खाने के बाद चाय अथवा दूध का सेवन करना स्वास्थ के लिए हानिकारक होता है।

5. गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जामुन का उपयोग चिकित्सक का परामर्श लेकर ही करना चाहिए।

6. कफ से पीड़ित लोगों को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यह वात, कफ को बढ़ावा देने में मदद करता है।

 

तो दोस्तों ये थी जामुन से जुड़ी कुछ जानकारी। हम आशा करते हैं की आप jamun ke fayde और नुकसानों से परिचित हो गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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