सामन्यत: हर भारतीय घर में मोरिंगा की सब्जी का सेवन किया जाता है जो की खाने में बेहद स्वादिष्ट लगती है। कुछ लोग तो मोरिंगा के बारे में जानते हैं जबकि कुछ लोग अब भी इससे व इसके फायदे से अपरिचित हैं। अगर आप भी मोरिंगा के बारे में नहीं जानते हैं तो पढ़िए हमारी ये पोस्ट (Moringa in Hindi) जिसमें हम आपको मोरिंगा की समस्त जानकारी के बारे में बड़े विस्तार से बताएँगे।
मोरिंगा क्या है | What is Moringa in Hindi
सुपरफूड के नाम से विख्यात मोरिंगा भारत में पाई जाने वाली वह औषधि है जो शरीर की एक नहीं बल्कि कई समस्याओं का निदान करती है। मोरिंगा का देशी नाम सहजन है तथा इसका वैज्ञानिक नाम ओलिफेरा (oleifera) है। अंग्रेजी में मोरिंगा को ड्रमस्टिक (Drumstick) के नाम से भी जाना जाता है।
मोरिंगा एक बहुत उपयोगी पेड़ है जिसमें जड़ से लेकर तने तक अनेक औषधीय गुण विधमान हैं इसलिए मोरिंगा को निरोगी रखने वाली औषधि तथा इस वृक्ष को चमत्कारी वृक्ष कहा जाता है। मोरिंगा को विटामिंस का खजाना भी कहा जा सकता है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन्स पाए जाते हैं। मोरिंगा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन, जिंक, बी काम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
मोरिंगा (सहजन) के पेड़ की विशेषतायें | Moringa plant in Hindi
1. पोषक तत्वों से भरपूर मोरिंगा (Drumstick) का पेड़ लगभग 10 से 12 मीटर ऊँचा होता है।
2. मोरिंगा के पेड़ की खास विशेषता यह है कि इसको लगाने के लिए अधिक पानी की जरुरत नहीं पड़ती है इसलिए इसे कम पानी वाले स्थान पर भी उगाया या लगाया जा सकता है।
3. पानी का शोधन करता है तथा पानी को वैक्टीरिया रहित बनाता है।
4. मोरिंगा को सहिजन, ड्रमस्टिक ट्री, शोभाजन आदि के नाम से भी जाना जाता है। मोरिंगा पेड़ की विशेषताओं को जानने के बाद आइये अब आपको एक-एक करके मोरिंगा के औषधीय गुणों के बारे में बताते हैं।
मोरिंगा (सहजन) की पत्तियो के आर्युवेदिक गुण | Moringa Leaves in Hindi
जैसा की हम ऊपर बता चुके हैं कि मोरिंगा एक ऐसा पेड़ है जिसमें जड़ से लेकर फूल, पत्तियों, तने तक में औषधीय गुण पाए जाते हैं। अतः मोरिंगा की पत्तियों में विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, प्रोटीन, आयरन, विटामिन बी काम्प्लेक्स होते हैं। इसलिए इसकी पत्तियों के इस्तेमाल से कई प्रकार की सामान्य और गंभीर बिमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। आईये आपको एक-एक करके मोरिंगा की पत्तियों के गुणों से परिचित कराते हैं।
1. ब्लड प्रेशर को करे नियंत्रित
आमतौर पर ब्लड प्रेशर की बीमारी 95% व्यक्तियों में देखी जा सकती है। कई बार हाई ब्लड प्रेशर के कारण किसी भी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाता है या पैरालाइज हो जाता है। अतः यह एक गम्भीर बीमारी है। इस समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए मोरिंगा की पत्तियों का सेवन किया जा सकता है।
विधि – सहजन या मोरिंगा की पत्तियों का जूसर मशीन की सहायता से जूस बना लें। तैयार जूस को सुबह शाम सेवन करें। प्रतिदिन इस जूस का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से छुटकारा मिलता है।
2. मोटापे को करे दूर
जैसा की हम सब जानते हैं कि मोटापा कई बिमारियों का घर माना जाता है। मोटापा को दूर करने के लिए हम अनेक प्रकार की दवाइयों का भी इस्तेमाल करते हैं जो की हमारे शरीर के लिए हानिकारक होती हैं। इन दवाइयों के उपयोग से मोटापा तो कम नहीं होता लेकिन समय और रूपए दोनों की बर्बादी जरूर होती है। मोरिंगा की पत्तियों के इस्तेमाल से मोटापा को दूर किया जा सकता है क्योंकि मोरिंगा की पत्तियां शरीर की अतरिक्त कैलोरी और वसा को कम करने का कार्य करती हैं।
सामग्री
- 300 ग्राम मोरिंगा की पत्तियाँ
- 100 ग्राम गुडबेल की पत्तियां
- 50 ग्राम पोदीना की पत्तियां
विधि – मोरिंगा, गुड़बेल और पोदीना की पत्तियों को महीन पीसकर रस तैयार कर लें। तैयार रस को रोज सुबह खाली पेट सेवन करें। प्रतिदिन सेवन करने से आपको अंतर स्वतः ही दिखाई देगा।
3. दांतों के कीड़ों को करे नष्ट
दांतों की ठीक तरह से देखभाल नहीं करने की वजह से दांतों में कीड़ा लग जाता है जो की पूरे दांतों को नष्ट कर देता है। यदि आपके दांतों में भी कीड़े लग गए हैं तो आपको घबराने की जरुरत नहीं हैं क्योंकि सहजन या मोरिंगा की पत्तियों से आप दांत में लगे कीड़े को नष्ट कर सकते हैं।
सामग्री
- 200 ग्राम पानी
- 100 ग्राम सहजन की छाल
- 100 ग्राम सहजन (मोरिंगा) की पत्तियां
विधि – सहजन की पत्तियों और छाल को 200 ग्राम पानी में डालकर इतना उबालें कि पानी 100 ग्राम रह जाये। इस पानी से दिन में तीन बार कुल्ला करें। कुछ दिनों के प्रयोग से दांतों में लगा कीड़ा नष्ट हो जायेगा।
4. रक्त शोधन के लिए है कारगर
मोरिंगा की पत्तियों में खून को साफ़ करने का एक विशिष्ट गुण पाया पाया जाता है। शरीर में अशुद्ध खून होने की वजह से अनेक प्रकार के त्वचा सम्बन्धी रोग हो जाते हैं। अतः सुन्दर स्वस्थ और जवान त्वचा बनाये रखने में मोरिंगा की पत्तियाँ अत्यन्त लाभकारी होती हैं। आपको बता दें की मोरिंगा में विटामिन ए पाया जाता है जो की चेहरे पर निखार लाने में भी मदद करता है।
विधि – मोरिंगा की पत्तियों का रस तैयार कर लें। इस रस का सेवन सुबह भोजन के पाश्चात और रात को सोने से एक घंटा पहले करें। रक्त शोधन के लिए आप इसका इस्तेमाल सूप बनाकर भी कर सकतें हैं। सहजन की पत्तियाँ एक पॉवरफुल एंटीबॉयोटिक एजेंट में रूप में कार्य करती हैं।
5. कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज को करें नियंत्रित
अत्यधिक तेल-घी के सेवन से शरीर के अंदर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती हैै। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना सेहत के लिए हानिकारक होता है। अतः कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए मोरिंगा की पत्तियों का उपयोग लाभकारी होता है। आर्युर्वेद में भी सहजन का उपयोग किया जाता है। सहजन की पत्तियों में कुछ ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं जो की अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को प्रभावी ढंग से पेट के अंदरूनी हिस्से में से अवशोषित कर लेता है जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल का लेवल ठीक रहता है।
आमतौर पर देखा जा रहा है की गलत खान-पान की वजह से दिन प्रतिदिन डायबिटीज की समस्या भी बढ़ती जा रही है। यदि आप भी डायबिटीज की समस्या से पीड़ित है और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो सहजन की पत्तियाँ इस समस्या में रामवाण औषधि है। सहजन की पत्तियों में रिबोफ्लेविन (Riboflavin) तत्व पाया जाता है जो की ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
6. आँखों की रौशनी बढ़ाये और सिर दर्द को करे कम
वर्तमान समय में बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को सिर में दर्द और आँखों की रोशनी कम होने की समस्या बढ़ती जा रही है। बता दें की तनाव के कारण सिर में दर्द और आँखों की रोशनी कम होने लगती है। तनाव अधिक काम की वजह से होता है। इसलिए इस पर ज्यादातर लोग ध्यान ही नहीं देते हैं, किन्तु कभी-कभी यह गंभीर समस्या बन जाती है। यदि आपकी आँखों की रोशनी कम हो रही है और लगातार सिर दर्द करता रहता है तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप मोरिंगा की पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं।
विधि – सहजन की पत्तियों को महीन पीसकर माथे पर लेप लगा लें। 5 -10 मिनिट तक पत्तियों के लेप को माथे पर लगा रहने दें। ऐसा करने से कुछ ही मिनिट में आपका सिर दर्द ठीक हो जायेगा। यदि आपकी आँखों में जलन होती है या आँखों की रौशनी कम हो रही है तो आप सहजन की पत्तियों को महीन पीसकर पेस्ट बना लें। तैयार पेस्ट को आँखों के ऊपर 15-20 मिनिट तक रखें। इस उपाय को करने से न सिर्फ आँखों की रौशनी बढ़ती है बल्कि आँखों के नीचे के काले घेरे भी ठीक हो जाते हैं।
7. आयरन की कमी से दिलाये छुटकारा
शरीर में आयरन की कमी होने के कई कारण होते हैं। शरीर में खून की कमी की वजह से कमजोरी व थकान बनी रहती है। आयरन की कमी अधिकतर महिलाओं में देखी जाती है यदि आपके शरीर में भी आयरन की मात्रा कम है तो आप मोरिंगा की पत्तियों का सेवन करके इस समस्या से छुटकारा पा सकतें हैं। मोरिंगा की पत्तियों में पालक की तुलना में चार गुना अधिक आयरन पाया जाता है। मोरिंगा की पत्तियों का सेवन आप सलाद के रूप में भी कर सकतें हैं।
मोरिंगा (सहजन) की फली के आयुर्वेदिक गुण | Benefits of Moringa in Hindi
मोरिंगा के पत्तों के सामान ही मोरिंगा (सहजन) की फली में भी अत्यधिक गुण पाए जाते हैं। मोरिंगा की फली में विटामिन सी सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है। आपको बता दें की मोरिंगा में 9.4% प्रोटीन, कैल्शियम 3%, राइबोफ्लेबिन 5%, मैग्नीशियम 45 मिलीग्राम, पोटैशियम 337 मिलीग्राम, कार्बोहाइड्रेट 8.53 ग्राम आदि विटामिन्स व पोषक तत्व पाए जाते हैं। मोरिंगा एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-बायोटिन एजेंट की तरह काम करता है। जो मानव शरीर को स्वस्थ और तंदरुस्त बनाने में मदद करते हैं। तो आइये आपको मोरिंगा की फली के गुणों से रूबरू करातें हैं।
1. गठिया दर्द से दिलाए राहत
मोरिंगा की फली गठिया दर्द में आयुर्वेदक व गुणकारी औषधि है। इसमें अनेक प्रकार के पौष्टिक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को तंदरुस्त बनाते हैं। प्रतिदिन सुबह – शाम इसका सेवन करने से पुराने से पुराना गठिया दर्द खत्म हो जाता है। इसके अलावा सहजन की फली वात रोगों, जोड़ो के दर्द में भी लाभकारी होती है।
2. हड्डियों को करे मजबूत
शरीर में कैल्शियम की कमी होने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जिसके कारण समय से पहले ही बुढ़ापा दिखने लगता है। सहजन की फली में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सीलियम, आयरन आदि तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं जो की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। रोज सहजन फली की सब्जी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत बनती हैं।
3. पथरी रोग को करे ठीक
गलत खान-पान की वजह से अक्सर देखा जाता है कि पित्ताशय और मूत्राशय में पथरी हो जाती है। सुबह खाली पेट सहजन की फली का रस पीने से पथरी रोग ठीक हो जाता है। यदि आप सहजन की फली का रस नहीं पीना चाहते तो इसकी सब्जी के सेवन मात्र से भी पथरी की समस्या में आराम मिलता है।
4. त्वचा सौंदर्य को निखारे
मोरिंगा में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो की त्वचा का सौन्दर्य निखारता है। मोरिंगा के सेवन से शरीर के विषैले पदार्थ बहार निकल जाते हैं जिससे त्वचा साफ़ और बेदाग़ बनती है। मोरिंगा में ऐसे विटामिन, खनिज व प्रोटीन पाए जाते हैं जो हमारे शरीर की त्वचा के सेल्स को नष्ट होने से बचातें हैं। मोरिंगा की फली का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से मुँहासे और झुर्रियों की समस्या ख़त्म हो जाती है। इसके पेस्ट को रोज लगाने से त्वचा में कसावट आती है साथ ही चेहरा गुलाब की तरह खिला खिला नज़र आता है।
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मोरिंगा (सहजन) की छाल के आयुर्वेदिक गुण | Benefits of Moringa Bark in Hindi
मोरिंगा के पेड़ की छाल में कई तरह के रोगों को ठीक करने की क्षमता होती है। मोरिंगा की छाल का उपयोग प्राचीन समय से ही आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है। हम सभी थोड़ा बहुत मोरिंगा की फलियों के गुणों से तो अवगत हैं किन्तु मोरिंगा की छाल के गुणों के बारें में बहुत कम लोग ही जानते हैं। आपको बता दें की मोरिंगा की छाल अनेक प्रकार के रोगों पर काम करती है। तो आइये आपको मोरिंगा की छाल के कुछ आयुर्वेदिक गुणों से रूबरू कराते हैं।
1. साइटिका के रोग में लाभकारी
मोरिंगा की छाल साइटिका के दर्द में बहुत ही लाभकारी औषधि है। जोड़ो में दर्द, सूजन, शरीर के किसी भी हिस्से में बनी गांठ को ठीक करने में मोरिंगा की छाल काम करती है। आधे लीटर पानी में 250 ग्राम मोरिंगा की छाल को डालकर अच्छी तरह से उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को प्रतिदिन सुबह के समय पीने से साइटिका की बीमारी ख़त्म हो जाती है।
2. कैंसर और मासिक धर्म में असरकारी
मोरिंगा की छाल में ऐसे गुणकारी तत्व पाये जाते हैं जिसके माध्यम से हम कैंसर और मासिक धर्म जैसी गंभीर समस्याओं का समाधान कर सकतें हैं। यदि आपको मासिक धर्म नहीं आता है या बहुत समय से आता है तो आप मोरिंगा की छाल का उपयोग कर सकते हैं। मोरिंगा की छाल से लीवर का कैंसर भी ठीक हो जाता है। यदि आप अंग्रेजी दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहते तो मोरिंगा की छाल लीवर के कैंसर को ठीक करने का सबसे उत्तम विकल्प है। इस उपाय को करने के लिए मोरिंगा की 30 ग्राम छाल लें, अब इस छाल का काढ़ा बना लें। तैयार काढ़े को गिलोय की गोली के साथ सेवन करें। ऐसा करने से आपको कैंसर और मासिक धर्म की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा।
3. फोड़े-फुंसी और दाद को करे ठीक
फोड़े फुंसी और दाद एक ऐसी समस्या है जो किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को हो जाती है। फोड़े -फुंसी और दाद की समस्या से निजात पाने के लिए मोरिंगा की छाल को पानी में घिसकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं। प्रतिदिन सुबह-शाम ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपके शरीर से फोड़े-फुंसी और दाद जड़ से ख़त्म हो जायेगें।
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मोरिंगा की जड़ के आयुर्वेदिक गुण | Benefits of root of Moringa in Hindi
मोरिंगा का पेड़ शुष्कता प्रतिरोधी पेड़ है जिसमें न्यूरोट्रांसमीटर, न्यूट्रलाइजेशन और एंटीऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं। जैसा की हम ऊपर बता चुके हैं की सहजन के पेड़ में जड़ से लेकर फली तक ओषधिय गुण पाए जाते हैं। तो आइये अब सहजन की जड़ के आयुर्वेदिक गुणों के बारे में जानते हैं।
1. मोरिंगा की जड़ में एंटीबायोटिक गुण पाया जाता है जो की शरीर के पाचन तंत्र को ठीक रखता है। इसके आलावा आप मोरिंगा की जड़ का सेवन करके अस्थमा, गैस, थायराइड जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकतें हैं।
2. मोरिंगा की जड़ शरीर में होने वाली खुजली को भी खत्म करती है। 100 ग्राम सहजन की जड़ को 200 ग्राम सरसों के तेल में पकाकर प्रभवित हिस्से पर लगाने से खुजली में आराम मिलता है।
3. मोरिंगा की जड़ पेट दर्द में बहुत ही लाभकारी औषधि है। मोरिंगा की जड़ को महीन पीसकर उसमें एक चुटकी हींग मिला लें। अब धीमी आंच पर गर्म कर लें। तैयार मिश्रण को पेट पर अच्छी तरह से लगा लें। आप देखंगे कि कुछ ही समय में आपके पेट का दर्द रफूचक्कर हो जायेगा।
4. मोरिंगा की जड़ का सेवन करने से मलेरिया और टायफॉयड जैसी बिमारियाँ भी आसानी से ठीक हो जाती हैं। 200 ग्राम सहजन की जड़ और 200 ग्राम गुडबेल को 300 ग्राम पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। तैयार काढ़े का सेवन सुबह खाली पेट करने से मलेरिया और टायफॉयड ठीक हो जाता है।
मोरिंगा (सहजन) से नुकसान | Side Effects of Moringa in Hindi
सहजन या मोरिंगा गुणों से भरपूर है लेकिन कुछ बीमारियों में इसका उपयोग हानिकारक होता है। तो आइये बताते हैं कि मोरिंगा का उपयोग किस प्रकार नुकसानदायक होता है। मोरिंगा की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका उपयोग ऐसे लोगों को नहीं करना चाहिए जिनको पित्त या एसिडिटी की समस्या है क्योंकि यह गर्म होने के कारण पेट में जलन और एसिडिटी की समस्या को और बढ़ा सकता है। महिलाओं को मासिक धर्म के समय या गर्भावस्था के समय सहजन की जड़ या छाल का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए।
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तो दोस्तों ये थी मोरिंगा से जुड़ी कुछ जानकारी (Information of Moringa in Hindi)। हम आशा करते हैं की आपको मोरिंगा के फायदे (Benefits of moringa in Hindi) समझ आ गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।
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